सरगुजा: शिमला मिर्च की खेती ने इतना लाभ दिया की एक दो दोस्त मिलकर साल भर में 50 लाख से अधिक की आमदनी कर रहे हैं. सूरजपुर के पहाड़ गांव के रहने वाले दोनों दोस्त पहले कमीशन एजेंट के रूप में सब्जी बेचा करते थे. लेकिन 5 वर्ष से लोगों की जमीन लीज पर लेकर ये खुद खेती कर रहे हैं. आज ये दोनों करीब 100 एकड़ जमीन पर खेती कर रहे हैं, जिसमें 50 एकड़ में सिर्फ शिमला मिर्च की खेती हो रही है. बाकी की जमीन पर पपीता और टमाटर की खेती दोनों दोस्त करते हैं.
शिमला मिर्च की खेती से बंपर कमाई: सब्जी व्यापारी से अब किसान बन चुके विजय साहू बताते हैं "हमने 25 एकड़ में शिमला मिर्च लागया है, ये जुलाई लास्ट में लगता है और सितंबर से इन फसल तैयार हो जाता है. जिसके बाद अप्रैल तक शिमला मिर्च की पैदावार होती है. प्रति एकड़ 5 से 7 लाख की शिमला मिर्च पैदा होती है. जिसके लिए प्रति एकड़ 2 लाख की लागत आती है. हम इस सीजन में 25 लाख कमा चुके हैं, अभी 25 लाख और आयेगा."
दूसरा दोस्त नौकरी के साथ कर रहा खेती: इनके मित्र, जो बीज कंपनी में नौकरी भी करते हैं, जितेंद्र सिंह चौहान ने बताया "करीब 1 लाख रुपए महीने मेरी सैलरी है. अब नौकरी छोड़ने की सोंच रहा हूं. मैं भी खेती कर रहा हूं. खेती के लिये टाइम नहीं मिल पा रहा है.
मैंने भी इनके साथ 8 एकड़ में खेती शुरू किया था. आज 40 एकड़ में खेती कर रहा हूं. कई बार नर्सरी खराब होने की वजह से लागत बढ़ जाती है. तब 2 लाख प्रति एकड़ की लागत आती है. कई बार 3 से साढ़े 3 लाख तक हो जाती है. फिर भी 50 फीसदी कमाई का अनुपात रहता है. - जितेंद्र सिंह चौहान
नुकसान की स्थिति में भी कमा रहे मुनाफा: दोनों दोस्त मिलकर साल भर में खेती से बंपर कमाई कर रहे हैं. 50 फीसदी नुकसान की स्थिति में भी 7 लाख प्रति एकड़ की शिमला मिर्च बेचने पर 25 एकड़ में अगर 3 लाख रुपये एकड़ का भी अनुमति लाभ माना जाये, तो इसका आंकड़ा 75 लाख से अधिक होता है. मतलब अत्यधिक नुकसान की स्थिति में भी 50 फीसदी से अधिक का मुनाफा पक्का है. ऑफ सीजन में इन्हें 50 से 60 लाख रूपये की कमाई हो डजाती है. इतना ही नही इन लोगों ने करीब 250 लोगों को रोजगार दे रखा है.