ETV Bharat / bharat

कर्नाटक : विधान परिषद से पास होने में विफल रहा मंदिर विधेयक विधानसभा में पुन: पारित

Karnataka Legislature : कर्नाटक में मंदिर विधेयक विधान परिषद से पास होने में सफल नहीं हुआ था लेकिन विधानसभा में पारित हो गया. बता दें कि भाजपा और जनता दल सेक्युलर के विरोध की वजह से यह विधेयक विधान परिषद में पास नहीं हो सका था.

Karnataka Legislature
कर्नाटक विधानसभा
author img

By PTI

Published : Feb 29, 2024, 9:28 PM IST

बेंगलुरु : दस लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले मंदिरों से राजस्व वसूली के प्रावधान वाले विधेयक को कर्नाटक विधानसभा में पुनर्विचार के लिए गुरुवार को पेश किया गया, जिसे बाद में सदन ने पारित कर दिया. यह विधेयक पिछले सप्ताह विधान परिषद में भारतीय जनता पार्टी-जनता दल (सेक्युलर) के पार्षदों के विरोध के कारण पारित नहीं हो सका था.

कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक, 2024 को अब सीधे राज्यपाल के पास उनकी सहमति के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद यह कानून बन जाएगा. निम्न सदन में 21 फरवरी को पारित किए जाने के बाद यह विधेयक 23 फरवरी को उच्च सदन में ध्वनिमत से गिर गया था, क्योंकि यहां विपक्ष के पास बहुमत है. विधानसभा में गुरुवार को विधेयक पेश करते हुए हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती (मुजराई) मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा, 'विधेयक पहले विधानसभा द्वारा पारित किया गया था, लेकिन विधान परिषद में यह पारित नहीं हो सका था. मैं इस सदन से अनुरोध करता हूं कि विधेयक को एक बार फिर से पारित कर दिया जाए.'

इसके बाद अध्यक्ष यूटी खादर ने विधेयक को मतदान के लिए पटल पर रखा और इसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया. धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग को मुजराई विभाग के नाम से जाना जाता है. यह लगभग 35,000 हिंदू धार्मिक संस्थानों का प्रबंधन करता है, जो कर्नाटक सरकार से अनुदान प्राप्त करते हैं.

विपक्षी भाजपा और जद (एस) के सदस्य गुरुवार को विधेयक पारित होने के समय विधानसभा में मौजूद नहीं थे, क्योंकि उन्होंने कांग्रेस नेता सैयद नासिर हुसैन को राज्यसभा के लिए निर्वाचित घोषित किए जाने के बाद कथित तौर पर 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने वाले दोषियों को पकड़ने में निष्क्रियता के लिए सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया था. मुजराई विभाग के संशोधन विधेयक ने एक बड़ा विवाद पैदा कर दिया था, क्योंकि इससे विपक्ष, विशेषकर भाजपा, नाराज हो गई थी. भाजपा ने दावा किया है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस मंदिर के पैसे से अपने खाली खजाने को भरने की कोशिश कर रही है.

ये भी पढ़ें - कथित 'पाक समर्थक नारे' की घटना पर कार्रवाई की मांग को लेकर कर्नाटक विधानसभा में बीजेपी-जेडीएस का विरोध

बेंगलुरु : दस लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले मंदिरों से राजस्व वसूली के प्रावधान वाले विधेयक को कर्नाटक विधानसभा में पुनर्विचार के लिए गुरुवार को पेश किया गया, जिसे बाद में सदन ने पारित कर दिया. यह विधेयक पिछले सप्ताह विधान परिषद में भारतीय जनता पार्टी-जनता दल (सेक्युलर) के पार्षदों के विरोध के कारण पारित नहीं हो सका था.

कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक, 2024 को अब सीधे राज्यपाल के पास उनकी सहमति के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद यह कानून बन जाएगा. निम्न सदन में 21 फरवरी को पारित किए जाने के बाद यह विधेयक 23 फरवरी को उच्च सदन में ध्वनिमत से गिर गया था, क्योंकि यहां विपक्ष के पास बहुमत है. विधानसभा में गुरुवार को विधेयक पेश करते हुए हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती (मुजराई) मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा, 'विधेयक पहले विधानसभा द्वारा पारित किया गया था, लेकिन विधान परिषद में यह पारित नहीं हो सका था. मैं इस सदन से अनुरोध करता हूं कि विधेयक को एक बार फिर से पारित कर दिया जाए.'

इसके बाद अध्यक्ष यूटी खादर ने विधेयक को मतदान के लिए पटल पर रखा और इसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया. धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग को मुजराई विभाग के नाम से जाना जाता है. यह लगभग 35,000 हिंदू धार्मिक संस्थानों का प्रबंधन करता है, जो कर्नाटक सरकार से अनुदान प्राप्त करते हैं.

विपक्षी भाजपा और जद (एस) के सदस्य गुरुवार को विधेयक पारित होने के समय विधानसभा में मौजूद नहीं थे, क्योंकि उन्होंने कांग्रेस नेता सैयद नासिर हुसैन को राज्यसभा के लिए निर्वाचित घोषित किए जाने के बाद कथित तौर पर 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने वाले दोषियों को पकड़ने में निष्क्रियता के लिए सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया था. मुजराई विभाग के संशोधन विधेयक ने एक बड़ा विवाद पैदा कर दिया था, क्योंकि इससे विपक्ष, विशेषकर भाजपा, नाराज हो गई थी. भाजपा ने दावा किया है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस मंदिर के पैसे से अपने खाली खजाने को भरने की कोशिश कर रही है.

ये भी पढ़ें - कथित 'पाक समर्थक नारे' की घटना पर कार्रवाई की मांग को लेकर कर्नाटक विधानसभा में बीजेपी-जेडीएस का विरोध

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.