ETV Bharat / bharat

सुप्रीम कोर्ट ने नफरती भाषण मामले में अन्नामलाई के खिलाफ अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाई

author img

By PTI

Published : Feb 26, 2024, 6:29 PM IST

hate speech case : तमिलनाडु भाजपा इकाई के प्रमुख के अन्नामलाई के खिलाफ नफरती भाषण देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया कोई नफरती भाषण नहीं दिया गया. इस वजह से कोई मामला नहीं बनता है.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कथित नफरती भाषण को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के. अन्नामलाई के खिलाफ दर्ज एक आपराधिक मामले में सोमवार को कार्यवाही पर रोक लगा दी. उन पर, एक यूट्यूब चैनल को अक्टूबर 2022 में दिये साक्षात्कार में पटाखे जलाने के मुद्दे पर ईसाइयों के खिलाफ नफरती भाषण देने का आरोप लगाया गया था. साक्षात्कार में दिए बयानों के मूल पाठ पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने कहा, 'प्रथम दृष्टया, कोई नफरती भाषण नहीं दिया गया. इसलिए कोई मामला नहीं बनता है.'

पीठ ने शिकायतकर्ता को एक नोटिस जारी किया, जिन्होंने अन्नामलाई पर आरोप लगाया था कि उन्होंने 2022 में दिवाली से दो दिन पहले, पटाखे जलाने के सिलसिले में नफरत फैलाने वाले बयान दिए थे. पीठ ने अपने आदेश में कहा, '29 अप्रैल 2024 से शुरू हो रहे सप्ताह में जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया जाए. इस बीच, अदालत (जहां मामले की सुनवाई चल रही है) में आगे की कार्यवाही पर रोक रहेगी.'

अन्नामलाई की ओर से न्यायालय में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और साईं दीपक ने साक्षात्कार का मूल पाठ शीर्ष अदालत के समक्ष पेश किया और कहा कि यह नफरती भाषण का मामला नहीं है. अन्नामलाई ने मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था जिसमें उसने मामले में भाजपा नेता को जारी समन रद्द करने से इनकार कर दिया था. वी. पीयूष नाम के व्यक्ति की शिकायत पर अदालत ने समन जारी किए थे.

उच्च न्यायालय ने कहा था कि अन्नामलाई ने एक यूट्यूब चैनल को साक्षात्कार दिया था जिसकी कुल अवधि 44.25 मिनट थी और इसका साढ़े छह मिनट का अंश 22 अक्टूबर 2022 को भाजपा के 'एक्स' (पूर्ववर्ती ट्विटर) हैंडल पर साझा किया गया था. इसमें यह कहा गया था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर से वित्त पोषित एक ईसाई मिशनरी गैर सरकारी संगठन हिंदुओं को पटाखे जलाने से रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय में मामले दायर करके हिंदू संस्कृति को कथित तौर पर नष्ट करने में शामिल है.

ये भी पढ़ें - नायडू की जमानत रद्द करें, उनके परिवार ने अधिकारियों को धमकाने वाला बयान दिया: आंध्र प्रदेश सरकार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.