छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) : छत्रपति संभाजीनगर में रविवार सुबह किडनी मैराथन 2024 का आयोजन किया गया. अंग प्रत्यारोपण कराने वाले मरीजों और डोनर्स ने इसमें हिस्सा लेकर लोगों को जागरूक किया. मेडिकवर हॉस्पिटल द्वारा आयोजित रेस में 3 महीने पहले किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले एक मरीज ने 5 किमी की मैराथन पूरी की. अन्य रोगियों ने भी भाग लिया. सभी ने अंग दान और प्रत्यारोपण के बारे में जागरूक करने का प्रयास किया.
18 फरवरी 2024 को विश्व किडनी दिवस के अवसर पर मेडिकवर हॉस्पिटल, नेफ्रॉन किडनी केयर और नेफ्रॉन एक्सचेंज ट्रांसप्लांट प्रोग्राम के सहयोग से मैराथन कार्यक्रम 'किडनीथॉन 2024' का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों से पिछले कुछ वर्षों में अंग प्रत्यारोपण कराने वाले मरीजों, विशेषकर किडनी प्रत्यारोपण कराने वाले मरीजों ने भाग लिया. सुमन गीता (परेल) ने 16 साल पहले अपनी बेटी सुरेखा सनप (च. संभाजीनगर, औरंगाबाद) को किडनी देकर नई जिंदगी दी थी.
सुरेखा सनप ने किडनी ट्रांसप्लांट के बावजूद 2 किलोमीटर की मैराथन पूरी की. इसके अलावा, राहुल जगन्नाथ अलहद (अहमदनगर) ने 3 महीने पहले किडनी प्रत्यारोपण के बावजूद 5 किमी की मैराथन पूरी की. इस मैराथन में हार्ट और लंग्स के प्रत्यारोपण के रोगियों और अंग दाताओं ने भाग लिया. मेडिकवर अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपेन शाह ने बताया कि इन सभी को निःशुल्क प्रवेश दिया गया.
किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. सचिन सोनी ने बताया कि ऐसा अनुमान है कि भारत में कई वयस्कों को किडनी की बीमारी है. हालांकि, लगभग 90 प्रतिशत लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं. भारत में 3 में से 1 वयस्क को क्रोनिक किडनी रोग का खतरा है. मधुमेह, हाई ब्लडप्रेशर, हार्ट डिजीज, मोटापा और फैमिली हिस्ट्री वाले लोगों में इस बीमारी के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है, इसीलिए अंगदान और किडनी ट्रांसप्लांट के बारे में जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए किडनीथॉन का आयोजन किया गया.
यह प्रतियोगिता 10 किमी, 5 किमी और 2 किमी. की थी. इस मैराथन की मुख्य विशेषता प्रतिस्पर्धियों के साथ-साथ किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों और किडनी दानदाताओं की भागीदारी थी.