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बिलासपुर की कराटे फैमिली बेटियों को दे रही सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग, हसबेंड वाइफ और बेटा हैं कराटे के नेशनल प्लेयर

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 24, 2024, 7:37 PM IST

Updated : Feb 25, 2024, 6:47 AM IST

Karate family of Bilaspur मार्शल आर्ट यानि कराटे. नाम सुनते ही ज़हन में जो सबसे पहले तस्वीर उभरती है वो एक फिट और सेल्फ डिफेंस में ट्रेड इंसान की आती है. बिलासपुर का एक पूरा परिवार दूसरों को सुरक्षा के गुर सिखाने में जी जान से जुटा है. husband wife are national players of karate

husband wife and son are national players of karate
बिलासपुर की कराटे फैमिली
बिलासपुर की कराटे फैमिली

बिलासपुर: क्या आपने कभी ऐसा सुना है कि एक परिवार में पांच लोग हैं और सारे लोग नेशनल से लेकर इंटरनेशनल लेवल के खिलाड़ी हैं. अगर आपने ऐसा नहीं सुना तो जान लीजिए. बिलासपुर के चुचुहियापारा में एक ऐसा परिवार रहता है जिसमें पांच सदस्य हैं. परिवार के हर सदस्य की प्रोफाइल नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के मेडलों से सजी है. जी हां हम बात कर रहे हैं मार्शल आर्ट मास्टर शेख समीर की. समीर का वाइफ से लेकर बेटे तक मार्शल आर्ट के खिलाड़ी हैं. पूरा परिवार बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाता है.

पूरा परिवार है मार्शल आर्ट का खिलाड़ी: शेख समीर का बेटा अरबाज खुद दो बार खेलो इंडिया गेम्स में पार्टिसिपेट कर चुका है. अरबाज वियतनाम, थाईलैंड, के मार्शल आर्ट की प्रैक्टिस करता है. अरबाज बताते हैं कि आज का युवा बॉडी बिल्डिंग और खुद को सुंदर दिखाने में ज्यादा दिलचस्पी लेता है. शरीर को अगर अंदर से मजबूत बनाना है तो फिर उसके लिए आपको मार सहने की आदत होनी चाहिए. शरीर जब तपकर तैयार होता है तब आपका आत्मविश्वास अपने चरम पर होता है.

मार्शल आर्ट एक ऐसी कला है जिससे आप अपनी सुरक्षा तो करते हैं दूसरी की रक्षा जरूरत पड़ने पर कर सकते हैं. मेरा पूरा परिवार मार्शल आर्ट का खिलाड़ी है. मेरी पत्नी और तीनों बच्चे भी मार्शल आर्ट प्लेयर हैं. मेरी पत्नी शेख सबिहा तो नेशनल प्लेयर रही हैं उनको कराटे में कई अवार्ड भी मिल चुके हैं. हमारा पूरा परिवार लोगों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे रहा है. - शेख समीर, मास्टर, मार्शल आर्ट

परिवार ने जीते कई सम्मान: शेख समीर उनकी पत्नी सबिहा बेगम और तीनों बच्चे जिला, स्टेट, नेशनल और इंटरनेशनल कंपटीशन में भाग ले चुके हैं. शेख समीर ने बताया कि वह खुद इंटरनेशनल मार्शल आर्ट कंपटीशन में भाग लिए हैं. उनकी पत्नी शबिहा बेगम नेशनल मार्शल आर्ट कंपटीशन में ब्रांज मेडल हासिल की है, इसके अलावा उनका बेटा शेख अरबाज अली खेलो इंडिया गेम्स में दो बार भाग लिया है और बेटी ने बिहार के पटना में मार्शल आर्ट थांगता कंपटीशन जीत चुकी है.

बेटियों को अपनी रक्षा के लिए सेल्फ डिफेंस जरुर सीखना चाहिए. सेल्फ डिफेंस सीखने का जज्बा मुझे मेरी बहन से मिला. मेरी सीखती थी तो मुझे भी लगा कि मैं भी इसे सीखूं. मैने अपनी ट्रेनिंग शुरु की और मैं स्टेट लेवल से लेकर नेशनल लेवल तक खेल चुकी हूं. मुझे छत्तीसगढ़ सरकार से इसके लिए सम्मान भी मिल चुका है. मेरे दोनों बेटे और बेटी भी मार्शल आर्ट के खिलाड़ी हैं.मुझे खुशी है कि वो हमारे बताए रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं. - शेख सबिहा, मास्टर, मार्शल आर्ट

खुद को फिट रखने और मानसिक रुप से खुद को मजबूत बनाने का ये बेहतर जरिया है. मैं वियतनाम और थाइलैंड के मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग कर रहा हूं. मैं नेशनल लेवल पर कई सम्मान भी जीत चुका हूं. मार्शल आर्ट सभी को सीखना चाहिए. इस कला से आप अपनी भी सुरक्षा कर सकते हैं और दूसरो की रक्षा भी कर सकते हैं. - शेख अरबाज अली, खिलाड़ी, मार्शल आर्ट

सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग जरूरी: मास्टर ट्रेनर शेख समीर और उनकी पत्नी सबिहा बेगम और तीनों बच्चे नेशनल लेवल से लेकर इंटरनेशनल कंपटीशन में छत्तीसगढ़ का झंडा गाड़ चुके हैं. परिवार का कहना है कि खुद को फिट रखना और अपनी सुरक्षा खुद करना आना चाहिए. कराटे सेल्फ डिफेंस की एक तकनीक है. इस आर्ट के जरिए हम अपना न सिर्फ बचाव करते हैं बल्कि खतरे के वक्त अपने दुश्मन को धाराशायी भी कर सकते हैं. छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में तो कराटे की ट्रेनिंग देने के लिए बाकायदा कोच तक रखे गए हैं. सरकार की मंशा है कि बेटियों को सुरक्षा के टेक्निक सिखाए जा रहे हैं. सुलेमान खान, ईटीवी भारत, बिलासपुर

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बिलासपुर की कराटे फैमिली

बिलासपुर: क्या आपने कभी ऐसा सुना है कि एक परिवार में पांच लोग हैं और सारे लोग नेशनल से लेकर इंटरनेशनल लेवल के खिलाड़ी हैं. अगर आपने ऐसा नहीं सुना तो जान लीजिए. बिलासपुर के चुचुहियापारा में एक ऐसा परिवार रहता है जिसमें पांच सदस्य हैं. परिवार के हर सदस्य की प्रोफाइल नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के मेडलों से सजी है. जी हां हम बात कर रहे हैं मार्शल आर्ट मास्टर शेख समीर की. समीर का वाइफ से लेकर बेटे तक मार्शल आर्ट के खिलाड़ी हैं. पूरा परिवार बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाता है.

पूरा परिवार है मार्शल आर्ट का खिलाड़ी: शेख समीर का बेटा अरबाज खुद दो बार खेलो इंडिया गेम्स में पार्टिसिपेट कर चुका है. अरबाज वियतनाम, थाईलैंड, के मार्शल आर्ट की प्रैक्टिस करता है. अरबाज बताते हैं कि आज का युवा बॉडी बिल्डिंग और खुद को सुंदर दिखाने में ज्यादा दिलचस्पी लेता है. शरीर को अगर अंदर से मजबूत बनाना है तो फिर उसके लिए आपको मार सहने की आदत होनी चाहिए. शरीर जब तपकर तैयार होता है तब आपका आत्मविश्वास अपने चरम पर होता है.

मार्शल आर्ट एक ऐसी कला है जिससे आप अपनी सुरक्षा तो करते हैं दूसरी की रक्षा जरूरत पड़ने पर कर सकते हैं. मेरा पूरा परिवार मार्शल आर्ट का खिलाड़ी है. मेरी पत्नी और तीनों बच्चे भी मार्शल आर्ट प्लेयर हैं. मेरी पत्नी शेख सबिहा तो नेशनल प्लेयर रही हैं उनको कराटे में कई अवार्ड भी मिल चुके हैं. हमारा पूरा परिवार लोगों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे रहा है. - शेख समीर, मास्टर, मार्शल आर्ट

परिवार ने जीते कई सम्मान: शेख समीर उनकी पत्नी सबिहा बेगम और तीनों बच्चे जिला, स्टेट, नेशनल और इंटरनेशनल कंपटीशन में भाग ले चुके हैं. शेख समीर ने बताया कि वह खुद इंटरनेशनल मार्शल आर्ट कंपटीशन में भाग लिए हैं. उनकी पत्नी शबिहा बेगम नेशनल मार्शल आर्ट कंपटीशन में ब्रांज मेडल हासिल की है, इसके अलावा उनका बेटा शेख अरबाज अली खेलो इंडिया गेम्स में दो बार भाग लिया है और बेटी ने बिहार के पटना में मार्शल आर्ट थांगता कंपटीशन जीत चुकी है.

बेटियों को अपनी रक्षा के लिए सेल्फ डिफेंस जरुर सीखना चाहिए. सेल्फ डिफेंस सीखने का जज्बा मुझे मेरी बहन से मिला. मेरी सीखती थी तो मुझे भी लगा कि मैं भी इसे सीखूं. मैने अपनी ट्रेनिंग शुरु की और मैं स्टेट लेवल से लेकर नेशनल लेवल तक खेल चुकी हूं. मुझे छत्तीसगढ़ सरकार से इसके लिए सम्मान भी मिल चुका है. मेरे दोनों बेटे और बेटी भी मार्शल आर्ट के खिलाड़ी हैं.मुझे खुशी है कि वो हमारे बताए रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं. - शेख सबिहा, मास्टर, मार्शल आर्ट

खुद को फिट रखने और मानसिक रुप से खुद को मजबूत बनाने का ये बेहतर जरिया है. मैं वियतनाम और थाइलैंड के मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग कर रहा हूं. मैं नेशनल लेवल पर कई सम्मान भी जीत चुका हूं. मार्शल आर्ट सभी को सीखना चाहिए. इस कला से आप अपनी भी सुरक्षा कर सकते हैं और दूसरो की रक्षा भी कर सकते हैं. - शेख अरबाज अली, खिलाड़ी, मार्शल आर्ट

सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग जरूरी: मास्टर ट्रेनर शेख समीर और उनकी पत्नी सबिहा बेगम और तीनों बच्चे नेशनल लेवल से लेकर इंटरनेशनल कंपटीशन में छत्तीसगढ़ का झंडा गाड़ चुके हैं. परिवार का कहना है कि खुद को फिट रखना और अपनी सुरक्षा खुद करना आना चाहिए. कराटे सेल्फ डिफेंस की एक तकनीक है. इस आर्ट के जरिए हम अपना न सिर्फ बचाव करते हैं बल्कि खतरे के वक्त अपने दुश्मन को धाराशायी भी कर सकते हैं. छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में तो कराटे की ट्रेनिंग देने के लिए बाकायदा कोच तक रखे गए हैं. सरकार की मंशा है कि बेटियों को सुरक्षा के टेक्निक सिखाए जा रहे हैं. सुलेमान खान, ईटीवी भारत, बिलासपुर

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Last Updated : Feb 25, 2024, 6:47 AM IST
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