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राहुल गांधी को हाईकोर्ट से झटका, अमित शाह के खिलाफ बयान मामले की निचली अदालत में होगी सुनवाई

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 23, 2024, 6:58 PM IST

HC Rejected Rahul Gandi Petition. झारखंड हाईकोर्ट से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को झटका लगा है. अमित शाह और बीजेपी पर किए गए टिप्पणी मामले में अब उनकी सुनवाई निचली अदालत में होगी.

HC Rejected Rahul Gandi Petition
HC Rejected Rahul Gandi Petition

रांची: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट से झटका लगा है. अमित शाह के खिलाफ अमार्यादित मामले में नवीन झा की याचिका पर निचली अदालत के फैसले को क्वैश करने वाली उनकी याचिका खारिज हो गई है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश अंबुज नाथ की अदालत में भाजपा कार्यकर्ता नवीन झा की याचिका पर 16 फरवरी को बहस पूरी हो गई थी. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज कोर्ट ने आदेश जारी कर दिया है.

अमित शाह से जुड़ा है मामला

दरअसल, यह मामला भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ बयान से जुड़ा है. याचिकाकर्ता का कहना था कि 18 मार्च 2018 को कांग्रेस के अधिवेशन में राहुल गांधी ने कहा था कि हत्या के एक आरोपी को भाजपा अपना अध्यक्ष बना सकती है, लेकिन कांग्रेस पार्टी में ऐसा नहीं हो सकता. इसपर आपत्ति जताते हुए भाजपा के कार्यकर्ता नवीन झा ने कंप्लेन केस फाइल की थी. उन्होंने कोर्ट से पूरे मामले की जांच की मांग की थी. उन्होंने इस बयान पर आपत्ति जताते हुए 10 करोड़ की मानहानि का भी दावा ठोका था.

एसडीजेएम अजय कुमार गुड़िया की कोर्ट ने शिकायत वाद किया था खारिज

इस शिकायतवाद को 7 जुलाई 2018 को एसडीजेएम अजय कुमार गुड़िया की कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इसको चुनौती देते हुए नवीन झा ने जूडिशियल कमिश्नर, रांची की कोर्ट में क्रिमिनल रिविजन पिटिशन फाइल किया था. इसपर जूडिशियल कमिश्नर ने एसडीजेएम के आदेश को खारिज कर 15 सितंबर 2018 के अपने आदेश में कहा था कि 'भाषण को पढ़ने से प्रथम दृष्टया यही संकेत मिलता है कि संदर्भ भारतीय जनता पार्टी और सदस्यों का रहा है. देखना यह है कि क्या ये संदर्भ मानहानि के दायरे में आते हैं या नहीं. यह देखना जरुरी नहीं है कि यह बात आकस्मिक है या नहीं.' जूडिशियल कमिश्नर के निर्देश के आलोक में एसडीजेएम ने 29 नवंबर 2018 को दोबारा आदेश पारित कर माना था कि प्रथम दृष्टया यह मामला आईपीसी की धारा 500 के उल्लंघन से जुड़ा है. यह कहते हुए राहुल गांधी को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया गया था. इसको राहुल गांधी के अधिवक्ता कौशिक सारखेल ने चुनौती दी थी.

याचिकाकर्ता के वकील ने क्या दी दलील

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता बिनोद कुमार साहू ने बताया कि बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि राहुल गांधी ने अपनों के बीच बयान दिया है. इसमें अमित शाह कहां से आते हैं. इसपर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि राहुल गांधी की टिप्पणी व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं थी. उन्होंने भाजपा का भी जिक्र किया था. इस ग्राउंड को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए उनकी याचिका को खारिज किया है.

हाईकोर्ट का फैसला

हाईकोर्ट ने कहा कि साक्ष्य के आधार पर निचली अदालत दोनों पक्षों को सुनेगा. नवीन झा के अधिवक्ता ने बताया कि अमर्यादित बयान को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ झारखंड में कुल तीन मामले चल रहे हैं, एक मामला नरेंद्र मोदी और दो मामले अमित शाह के खिलाफ बयान से जुड़ा है. चाईबासा कोर्ट ने भी अमित शाह के खिलाफ अमर्यादित बयान के खिलाफ वारंट जारी किया था. तीनों मामले को क्वैश करने के लिए राहुल गांधी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. लेकिन राहत नहीं मिली है. चाईबासा वाले मामले में पक्ष रखने के लिए समय मांगा गया था. अब उस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ जमानती वारंट जारी हो चुका है.

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अमित शाह से जुड़ा है मामला

दरअसल, यह मामला भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ बयान से जुड़ा है. याचिकाकर्ता का कहना था कि 18 मार्च 2018 को कांग्रेस के अधिवेशन में राहुल गांधी ने कहा था कि हत्या के एक आरोपी को भाजपा अपना अध्यक्ष बना सकती है, लेकिन कांग्रेस पार्टी में ऐसा नहीं हो सकता. इसपर आपत्ति जताते हुए भाजपा के कार्यकर्ता नवीन झा ने कंप्लेन केस फाइल की थी. उन्होंने कोर्ट से पूरे मामले की जांच की मांग की थी. उन्होंने इस बयान पर आपत्ति जताते हुए 10 करोड़ की मानहानि का भी दावा ठोका था.

एसडीजेएम अजय कुमार गुड़िया की कोर्ट ने शिकायत वाद किया था खारिज

इस शिकायतवाद को 7 जुलाई 2018 को एसडीजेएम अजय कुमार गुड़िया की कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इसको चुनौती देते हुए नवीन झा ने जूडिशियल कमिश्नर, रांची की कोर्ट में क्रिमिनल रिविजन पिटिशन फाइल किया था. इसपर जूडिशियल कमिश्नर ने एसडीजेएम के आदेश को खारिज कर 15 सितंबर 2018 के अपने आदेश में कहा था कि 'भाषण को पढ़ने से प्रथम दृष्टया यही संकेत मिलता है कि संदर्भ भारतीय जनता पार्टी और सदस्यों का रहा है. देखना यह है कि क्या ये संदर्भ मानहानि के दायरे में आते हैं या नहीं. यह देखना जरुरी नहीं है कि यह बात आकस्मिक है या नहीं.' जूडिशियल कमिश्नर के निर्देश के आलोक में एसडीजेएम ने 29 नवंबर 2018 को दोबारा आदेश पारित कर माना था कि प्रथम दृष्टया यह मामला आईपीसी की धारा 500 के उल्लंघन से जुड़ा है. यह कहते हुए राहुल गांधी को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया गया था. इसको राहुल गांधी के अधिवक्ता कौशिक सारखेल ने चुनौती दी थी.

याचिकाकर्ता के वकील ने क्या दी दलील

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता बिनोद कुमार साहू ने बताया कि बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि राहुल गांधी ने अपनों के बीच बयान दिया है. इसमें अमित शाह कहां से आते हैं. इसपर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि राहुल गांधी की टिप्पणी व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं थी. उन्होंने भाजपा का भी जिक्र किया था. इस ग्राउंड को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए उनकी याचिका को खारिज किया है.

हाईकोर्ट का फैसला

हाईकोर्ट ने कहा कि साक्ष्य के आधार पर निचली अदालत दोनों पक्षों को सुनेगा. नवीन झा के अधिवक्ता ने बताया कि अमर्यादित बयान को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ झारखंड में कुल तीन मामले चल रहे हैं, एक मामला नरेंद्र मोदी और दो मामले अमित शाह के खिलाफ बयान से जुड़ा है. चाईबासा कोर्ट ने भी अमित शाह के खिलाफ अमर्यादित बयान के खिलाफ वारंट जारी किया था. तीनों मामले को क्वैश करने के लिए राहुल गांधी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. लेकिन राहत नहीं मिली है. चाईबासा वाले मामले में पक्ष रखने के लिए समय मांगा गया था. अब उस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ जमानती वारंट जारी हो चुका है.

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