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EC की स्वतंत्रता चयन समिति में न्यायिक सदस्य की उपस्थिति के कारण नहीं, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट दिया जवाब

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 20, 2024, 6:27 PM IST

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court News, दिसंबर 2023 में, मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023, संसद द्वारा पारित किया गया और अधिसूचित किया गया. इस अधिनियम पर रोक लगाने वाली याचिकाओं का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने अपनी दलील पेश की है.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि चुनाव आयोग, या किसी अन्य संगठन या प्राधिकरण की स्वतंत्रता, चयन समिति में न्यायिक सदस्य की उपस्थिति से उत्पन्न नहीं होती है और न ही इसके लिए उत्तरदायी है.

याचिकाओं में तर्क दिया गया है कि दो नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति शीर्ष अदालत के फैसले के अनुसार होनी चाहिए, जिसमें चयन समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश की उपस्थिति अनिवार्य थी. एक लिखित प्रतिक्रिया में, अतिरिक्त सचिव, विधायी विभाग, कानून और न्याय मंत्रालय, ने कहा कि 'याचिकाकर्ताओं का मामला एक मूलभूत भ्रांति पर आधारित है कि किसी भी प्राधिकरण में स्वतंत्रता केवल तभी बरकरार रखी जा सकती है, जब चयन समिति एक विशेष सूत्रीकरण वाली हो.'

इसमें यह भी कहा गया कि 'चुनाव आयोग, या किसी अन्य संगठन या प्राधिकरण की स्वतंत्रता, चयन समिति में न्यायिक सदस्य की उपस्थिति से उत्पन्न नहीं होती है और न ही इसके लिए जिम्मेदार है.' सरकार ने कहा कि यह प्रस्तुत किया गया है कि समान रूप से, चयन समिति में वरिष्ठ सरकारी पदाधिकारियों की उपस्थिति अपने आप में समिति की ओर से पूर्वाग्रह मानने का आधार नहीं हो सकती है.

लिखित प्रतिक्रिया में कहा गया कि 'यह प्रस्तुत किया गया है कि उच्च संवैधानिक पदाधिकारियों से सार्वजनिक हित में निष्पक्षता और अच्छे विश्वास के साथ कार्य करने की अपेक्षा की जानी चाहिए. यह इंगित करना, जैसा कि याचिकाकर्ताओं का सुझाव है, कि न्यायिक सदस्यों के बिना एक चयन समिति हमेशा पक्षपातपूर्ण होगी, पूरी तरह से गलत है.' सरकार की प्रतिक्रिया में इस बात पर जोर दिया गया कि इस तरह का तर्क अनुच्छेद 324 (2) की अन्यथा पूर्ण शक्ति में निहित सीमा को पढ़ेगा, जो कि अस्वीकार्य है.

दिसंबर 2023 में, मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की शर्तें) अधिनियम, 2023, संसद द्वारा पारित किया गया और अधिसूचित किया गया. सीईसी और ईसी अधिनियम 2023, 2 जनवरी, 2024 को लागू किया गया था.

हलफनामा 2023 अधिनियम के खिलाफ लंबित कानूनी चुनौतियों में कांग्रेस नेता जया ठाकुर और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा वकील प्रशांत भूषण द्वारा दायर स्थगन आवेदनों के जवाब में दायर किया गया था. याचिकाओं में तर्क दिया गया है कि यह अधिनियम अनूप बरनवाल (2023) मामले में संविधान पीठ के फैसले के विपरीत है.

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