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उत्तराखंड के इस छोटे से मंदिर की महिमा है अपार, रोज लगते हैं भंडारे, सीएम और मंत्री भी टेकते मत्था - Dehradun Mani Mai Temple Darshan

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 27, 2024, 8:26 AM IST

Mani Mai Temple
मणि माई मंदिर

Mani Mai Temple Darshan of Dehradun उत्तराखंड के कण-कण में भगवान का निवास बताया जाता है. देवभूमि के हर मंदिर की अपनी एक महिमा है. आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो हैं, जो है तो बहुत छोटा मंदिर, लेकिन उसकी महिमा और उसके प्रति लोगों की आस्था विशाल है. इस मंदिर पर रोज कई लोग भंडारा करते हैं. इसके सामने की सड़क से जो भी जाता है, यहां शीश जरूर नवाता है. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने शुक्रवार को यहां भंडारा कराया तो सीएम धामी ने भी प्रसाद ग्रहण किया.

देहरादून: हरिद्वार-देहरादून मार्ग पर स्थापित मणि माई मंदिर की महिमा का गुणगान यहां से गुजरने वाले सभी लोग करते हैं. इस मंदिर की प्रसिद्धि इतनी है कि रोजाना इस मंदिर पर भंडारा करवाने वाले लोगों की लाइन लगी रहती है. प्रसाद को ग्रहण करने वाले लोग भी दूर दूर से आते हैं. हाईवे के किनारे स्थित इस स्थान पर रोजाना 3 से 4 परिवार सैकड़ों लोगों को भंडारे के माध्यम से भोजन करवाते हैं. शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस मंदिर में प्रसाद ग्रहण करने के लिए पहुंचे.

रोजाना कई परिवार करवाते हैं भंडारा: मणि माई मंदिर मार्ग से जो लोग देहरादून आते हैं, उनके जेहन में ये बात जरूर आती होगी कि आखिरकार इस छोटे से मंदिर में हमेशा भंडारा भला क्यों चलता होगा. आज से कुछ साल पहले तक कुछ लोग ही यहां पर भंडारा करवाते थे. जंगल के बीचों-बीच स्थित इस मंदिर पर रुकने में कई लोग कतराते थे. ऐसे में भंडारा करवाने वाले व्यक्ति को यह पता होता था कि खाने वाले व्यक्तियों की संख्या ज्यादा नहीं होगी. लेकिन समय के साथ अब इस मंदिर में रोजाना 3 से 4 भंडारे होते हैं. न केवल देहरादून आने वाले लोकल लोग, बल्कि मसूरी और देहरादून के रास्ते उत्तरकाशी या अन्य जगहों पर जाने वाले पर्यटक भी यहां पर रुककर न केवल दर्शन करते हैं, बल्कि प्रसाद ग्रहण करके ही आगे बढ़ते हैं. इस मंदिर की मान्यता के बारे में ज्यादा कोई लिखित प्रमाण तो नहीं है, लेकिन इस मंदिर को लेकर लोगों के बीच अलग-अलग तरह की कहानियां प्रसिद्ध हैं.

मंदिर से जुड़ी हैं कई कहानियां: मां काली यहां पर छोटे से रूप में विराजमान हैं. लगभग 100 साल पुराने इस मंदिर के प्रति लोगों की इतनी अधिक आस्था है कि क्या आम और क्या खास हर कोई सुबह और शाम यहां से निकलते हुए माथा जरूर टेकता है. बस का ड्राइवर हो ट्रैक्टर हो टेंपो हो या टैक्सी अपनी गाड़ी की गति धीमी करके मंदिर में शीश नवा के ही लोग आगे का सफर तय करते हैं. मान्यता के अनुसार इस मंदिर से जुड़ी कई कहानियां हैं.

मंदिर से जुड़ी पहली कहानी: एक कहानी के अनुसार एक बार किसी ट्रक मालिक का एकमात्र ट्रक इसी जंगल से चोरी हो गया था. इस छोटे से मंदिर में अरदास लगाने और माथा टेकने के साथ ही ट्रक मालिक ने मंदिर में ट्रक मिल जाने पर भंडारा करवाने का वचन दिया था. कई दिनों तक जो ट्रक नहीं मिल रहा था, कहते हैं कि उसी शाम को मलिक को उसका ट्रक बरामद हो गया. इसके बाद उसने यहां पर एक छोटा सा भंडारा करवाया. तभी से इस मंदिर की मान्यता और बढ़ गई. यह बात कई साल पुरानी बताई जाती है.

ये है दूसरी कहानी: इसके साथ ही एक कहानी के अनुसार लोग बताते हैं कि एक मनी मीन नाम की बुजुर्ग महिला थी, जिसने चारधाम यात्रा करने के बाद इसी स्थान पर अपना डेरा बनाया. बुजुर्ग महिला यहीं पर वह रहने लगी थी. लोग उन्हें माता मणि माई के नाम से जानने लगे और तभी से इस मंदिर की मान्यता बेहद बढ़ गई. देहरादून से हरिद्वार और हरिद्वार के बाद उत्तर प्रदेश तक हाईवे के किनारे जितने भी मंदिर बने हुए हैं, सरकार ने सभी को हटा दिया था, लेकिन इस मंदिर के चमत्कार और आस्था का ही नतीजा है कि हाईवे अथॉरिटी ने इस मंदिर के पीछे से जाने वाली सड़क को बंद करके इस मंदिर के आगे से सड़क का निर्माण करवाया है. बताया जाता है कि यहां मणि माई मंदिर की कृपा से ही इस स्थान पर अब किसी तरह का कोई एक्सीडेंट नहीं होता है.

भक्त बोले अपने आप ही रुक जाते हैं कदम: हरिद्वार के रहने वाले सुखबीर सिंह बताते हैं कि आज से लगभग 30 साल पहले जब वह देहरादून आना-जाना करते थे, तब एक छोटा सा मंदिर हुआ करता था. वह कभी-कभार बाइक से रुक कर यहां मत्था टेकते थे. लेकिन उसके बाद जब वह देहरादून पढ़ाई के सिलसिले में रोजाना आते थे, तो इस मंदिर में रोजाना लोगों की संख्या भी बढ़ती चली गई. सुखबीर बताते हैं कि इस मंदिर में एक सुखद सी ऊर्जा महसूस होती है. ऐसा कभी नहीं हुआ कि अगर वह हरिद्वार से देहरादून जा रहे हैं और इस मंदिर पर माथा न टेका हो.

सीएम नहीं भूलते माथा टेकना: शुक्रवार को इस मंदिर में उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भंडारे का आयोजन किया था. भंडारे में सभी कैबिनेट मंत्री और कई विधायकों के साथ-साथ संगठन के लोग भी पहुंचे थे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी प्रसाद ग्रहण करने पहुंचे. सीएम धामी जब अपने काफिले के साथ इस मार्ग से गुजरते हैं, तो अमूमन काफिला रोककर मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच जाते हैं.

(नोट- ये स्टोरी लोगों से बातचीत और मान्यताओं पर आधारित है)
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