ETV Bharat / bharat

जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में आई भारी कमी, लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भी शांति कायम - Lok Sabha elections 2024

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 1, 2024, 8:26 PM IST

Lok Sabha elections 2024
जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में आई भारी कमी, लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भी शांति कायम

Lok Sabha elections 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भी राज्य में शांतिपूर्ण माहौल काफी सराहनीय है. आमतौर पर, क्षेत्र में चुनाव के दौरान उग्रवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी जाती थी, लेकिन इस साल अब तक का जो रुझान आया है उसमे उल्लेखनीय रूप से कम देखी गई है. पढ़ें संवाददाता मुहम्मद जुल्कारनैन जुल्फी की खबर..

श्रीनगर : लोकसभा चुनाव 2024 की हलचल के बीच जम्मू और कश्मीर में काफी शांति का माहौल देखा जा रहा है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के द्वारा एक आकड़ा जारी किया गया है. जिससे यह पता चलता है कि राज्य में 2024 के पहले चार महीनों के दौरान आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में भारी गिरावट आई है. जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा उपलब्ध कराए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी से अप्रैल तक आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में केवल छह नागरिकों और इतनी ही संख्या में आतंकवादियों ने अपनी जान गंवाई है.

यह उल्लेखनीय कमी पिछले वर्ष के आंकड़ों के विपरीत है. लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भी राज्य में शांतिपूर्ण माहौल काफी सराहनीय है. आमतौर पर, क्षेत्र में चुनाव के दौरान उग्रवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी जाती थी, लेकिन इस साल अब तक का जो रुझान आया है उसमे उल्लेखनीय रूप से कम देखी गई है. आंकड़ों से संकेत मिलता है कि मौजूदा स्थिति पिछले वर्षों की समान अवधि की तुलना में उल्लेखनीय रूप से शांतिपूर्ण है.

आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े एक आतंकवादी बिलाल अहमद भट को शोपियां जिले के चोटीगाम इलाके में मार गिराया गया था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि भट को स्थानीय सेना कर्मियों और नागरिकों की हत्या के साथ-साथ स्थानीय युवाओं को आतंकवाद में शामिल होने के लिए उकसाने सहित कई हमलों में फंसाया गया था. फरवरी में प्रवासी श्रमिकों अमृतपाल सिंह और रोहित माशी की दुखद हत्या हुई थी. शोपियां जिले में एक नागरिक और उसके बेटे की हत्या के साथ मार्च में मृतकों की संख्या और बढ़ गई थी.

अप्रैल में सुरक्षा बलों ने घुसपैठ के कई प्रयासों को विफल कर दिया और बारामूला, पुलवामा और अनंतनाग सहित विभिन्न जिलों में कई आतंकवादियों को सफलतापूर्वक मार गिराया था. अधिकारियों ने कहा कि हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बावजूद, समग्र प्रवृत्ति आतंकवादी गतिविधियों में महत्वपूर्ण गिरावट को दर्शाती है.

2023 के पहले चार महीनों में जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी-संबंधी घटनाओं की संख्या अपेक्षाकृत कम रही, जिसमें आठ आतंकवादी, छह सुरक्षा बल के जवान और आठ नागरिकों की जान चली गई थी. यह 2022 की इसी अवधि के बिल्कुल विपरीत है, जिसमें हिंसा में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जिसमें 68 आतंकवादी, 13 सुरक्षा बल के जवान और 11 नागरिक मारे गए थे. 2023 में हताहतों की संख्या में गिरावट पिछले वर्ष की तुलना में सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार का संकेत देती है, जो क्षेत्र में अधिक शांतिपूर्ण माहौल के लिए आशा की किरण जगाती है.

पिछले लोकसभा चुनाव के वर्षों के साथ आंकड़ों की तुलना करने पर अतिरिक्त संदर्भ मिलता है. 2019 में, संसदीय चुनावों के दौरान, इस क्षेत्र में हिंसा में काफी वृद्धि देखी गई थी, जिसमें आतंकवादियों, सुरक्षा बलों और नागरिकों के बीच काफी अधिक मौतें हुई थी. इसी तरह, 2014, 2009 और 2004, सभी चुनावी वर्षों में संघर्ष के ऊंचे स्तर दर्ज किए गए थे, जो चुनावी प्रक्रियाओं और क्षेत्र में बढ़ी अशांति के बीच ऐतिहासिक सहसंबंध को रेखांकित करता है.

पिछले संसदीय चुनाव के वर्षों के दौरान जम्मू और कश्मीर में हिंसा में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई थी. डेटा के अनुसार, 2019 में, 1 जनवरी से 30 अप्रैल तक, 72 आतंकवादी-संबंधित मौतें हुईं, जिनमें 59 सुरक्षा बल के जवान और 13 नागरिक शामिल थे. यह वृद्धि चुनाव अवधि के साथ मेल खाती है, जो 11 अप्रैल से 19 मई, 2019 तक चली थी. इसी तरह, 2014 में जनवरी-अप्रैल की अवधि के दौरान 32 आतंकवादी-संबंधी मौतें हुईं, जिनमें 11 सुरक्षा बलों के जवान और 8 नागरिक शामिल थे.

उस वर्ष चुनाव की अवधि 7 अप्रैल से 12 मई 2014 तक थी. 2009 में, हिंसा और भी अधिक तीव्र थी, जिसमें 1 जनवरी से 30 अप्रैल तक 85 आतंकवादियों, 27 सुरक्षा बलों के जवानों और 12 नागरिकों की जान चली गई थी. 2009 में चुनाव की अवधि 16 अप्रैल से 13 मई तक देखी गई थी. वर्ष 2004 में जनवरी-अप्रैल की अवधि के दौरान हिंसा में आश्चर्यजनक वृद्धि देखी गई थी, जिसमें 84 सुरक्षा बलों के कर्मियों और 109 नागरिकों सहित 311 आतंकवादी-संबंधित मौतें हुई थी.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.