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हरियाणा कैबिनेट में निर्दलीयों को नो एंट्री, आखिर विस्तार के बावजूद ऐसा क्यों ?

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Mar 19, 2024, 11:05 PM IST

Haryana Cabinet Expansion No Entry to Independent MLA Haryana CM Nayab singh Saini
हरियाणा कैबिनेट में निर्दलीयों को नो एंट्री, आखिर विस्तार के बावजूद ऐसा क्यों ?

Haryana Cabinet Expansion No Entry to Independent MLA : हरियाणा कैबिनेट का आज आखिरकार विस्तार हो गया लेकिन किसी भी निर्दलीय विधायक को मंत्री की कुर्सी नहीं मिली, जबकि हरियाणा में बीजेपी निर्दलियों के दम पर इस वक्त सत्ता में है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिरकार किसी भी निर्दलीय को मंत्री क्यों नहीं बनाया गया ?

चंडीगढ़ : हरियाणा के नए मुख्यमंत्री बने नायब सिंह सैनी का मंत्रिमंडल विस्तार सियासी नाराजगी और उठापटक के बीच टलने के बाद मंगलवार को आखिरकार हो ही गया. राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की मौजूदगी में एक कैबिनेट और 7 राज्यमंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली . लेकिन इस विस्तार के दौरान जो चौंकाने वाली बात रही, वो ये कि उम्मीदों के उलट किसी निर्दलीय विधायक को सत्ता की चाशनी में मंत्री की कुर्सी नसीब नहीं हुई और ऐसे सभी विधायकों को निराशा का सामना करना पड़ा. ऐसे में सवाल है कि आखिर क्या वजह रही जिसके चलते निर्दलीयों को मंत्री की कुर्सी नहीं मिल पाई.

कैबिनेट विस्तार में निर्दलीयों को नो एंट्री : मंगलवार को नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ. इस दौरान सभी को उम्मीद थी कि किसी ना किसी निर्दलीय विधायक को मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई जाएगी. लेकिन इस मंत्रिमंडल विस्तार में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला. बारी-बारी से मंच पर पहुंचकर मंत्रियों के लिए रखी गई 8 कुर्सियां भर गई और हरियाणा के निर्दलीय विधायकों के नसीब में एक भी नहीं आ सकी.

क्या बीजेपी फुल कॉन्फिडेंस में है ?: ऐसे में सवाल उठना तो लाजिमी है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि किसी भी निर्दलीय विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया, जबकि बीजेपी ने जेजेपी से गठबंधन तोड़कर 6 निर्दलीयों और एक हरियाणा लोकहित पार्टी विधायक गोपाल कांडा के समर्थन से सरकार बनाई है. सवाल है कि राज्य में बीजेपी के पास अपने दम पर बहुमत नहीं है, लेकिन फिर भी पार्टी ने इतना बड़ा रिस्क क्यों लिया. क्या बीजेपी के इस कदम से कोई निर्दलीय विधायक नाराज़ नहीं होगा. क्या आने वाले चुनाव तक सरकार बिना किसी टूट-फूट के चलती रहेगी. साफ है कि बीजेपी को पूरा कॉन्फिडेंस है कि जिस तरह से उन्होंने मनोहर लाल खट्टर को हटाकर राज्य को नया मुख्यमंत्री दिया और विरोध की लहर नहीं उठी, ऐसे ही बीजेपी के इस कदम से उसे आगे कोई विरोध का सामना नहीं करना पड़ेगा. भले ही हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज नाराज़ हो लेकिन पार्टी को भरोसा है कि आने वाले दिनों में वे भी मान जाएंगे.

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