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हरदा ब्लास्ट में लापरवाही की परतें कितनी, किसकी दम पर चलती रही राजू की फैक्ट्री

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 6, 2024, 7:39 PM IST

Updated : Feb 6, 2024, 8:57 PM IST

Harda Factory Explosion
हरदा ब्लास्ट में लापरवाही की परतें कितनी

Harda Factory Explosion: एमपी के हरदा जिले में हुए भयानक विस्फोट ने कई जिंदगियों को काल के गाल में समा दिया है. जबकि 200 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हैं. इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन प्रशासन चेतता ही नहीं. हरदा ब्लास्ट का आरोपी राजू परिवार सहित फरार है.

भोपाल। हरदा में पटाखा फैक्ट्री अब मलबे में तब्दील हो चुकी है. राख के ढेर में स्वाहा जिंदगियां हो चुकी हैं. हरदा में हुए इस हादसे को क्या रोका जा सकता था. क्या मुमकिन था कि इस विस्फोट में इतनी मासूम जिंदगियां बचा ली जाती. इस पूरे मामले में लापरवाही की परतें कितनी हैं. हरदा ब्लास्ट का आरोपी राजू अग्रवाल परिवार समेत फरार है. कौन है राजू अग्रवाल. कौन सा सियासी रसूख है कि एक बार पहले भी ब्लास्ट के मामले में गिरफ्तारी के बावजूद मौत की फैक्ट्री बंद नहीं हुई.

मौत की फैक्ट्री के मालिक के सिर पर हाथ किसका

हरदा में पटाखा फैक्ट्री में हुई घटना को लेकर जांच कमेटी गठित कर दी गई है. बावजूद इसके कई सवाल बाकी है. सवाल ये कि आखिर फैक्ट्री मालिक राजू अग्रवाल किसकी शह पर निकाय सीमा में पटाखे की अवैध फैक्ट्री चला रहा था. इसके पहले भी इसी फैक्ट्री में जब विस्फोट हुआ. तब राजू अग्रवाल और उसके साथी के खिलाफ हरदा के द्वितीय अपर सत्र न्यायधीश ने धारा 5 (क) विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 में इसे आरोपी मानते हुए दस वर्ष के साधारण कारावास और 10 -10 हजार के जुर्माने का दंड दिया था.

उसके बाद भी राजू कैसे बेखौफ फैक्ट्री चलाता रहा. कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा सवाल उठाते हैं कि 'राजू अग्रवाल की फैक्ट्री का लाइसेंस भी रद्द हो चुका था. फिर उसके लाइसेंस का रिन्यूअल किसने करवाया. किसकी पहुंच से हुआ. सामने राजू अग्रवाल है, लेकिन क्या इसके पीछे दोषियों की पूरी चेन नहीं है.'

25 साल पुरानी अवैध फैक्ट्री चलती कैसे रही

राजू अग्रवाल जो इस फैक्ट्री का मालिक है, उसके खिलाफ प्रकरण क्रमांक 1893/15 पुलिस थाना हरदा के अपराध क्र. 443/15 अंतर्गत धारा-286, 308/34 भादंवि 1860 के अंतर्गत दो साल पहले 7 जुलाई, 2021 को सजा और अर्थदण्ड से दंडित किया जा चुका है. ना राजू अग्रवाल बाज आया ना सिस्टम ने इस सजायाफ्ता अपराधी पर कोई बंदिश लगाई. राजू की फैक्ट्री हरदा के बैरागढ़ इलाके में 25 वर्ष से संचालित थी.

Harda Factory Explosion
हरदा पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट

पट्टे की जमीन पर चल रही थी फैक्ट्री

इस मामले में तहसीलदार हरदा लवीना घागरे का कहना है कि 'यह फैक्ट्री कई सालों से संचालित थी. इसकी पूर्व में हुई शिकायत के बाद जांच भी हुई थी और फैक्ट्री को सील भी कर दिया गया था. उन्होंने बताया कि यह फैक्ट्री पट्टे की जमीन पर संचालित थी. जिसके मालिक राजेश अग्रवाल राजू, सोमेश अग्रवाल सोमू और प्रदीप अग्रवाल है. तहसीलदार घागरे के मुताबिक उनके पहले पदस्थ रहे अफसर द्वारा फैक्ट्री सील किए जाने के उपरांत राजेश, सोमेश और प्रदीप हाईकोर्ट गए थे. इसके बाद एसडीएम को इस मामले में प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बनाया गया था. इस हादसे के बाद से ही फैक्ट्री मालिक राजू अग्रवाल अपने परिवार समेत फरार है.'

क्या है मामला

गौरतलब है कि हरदा के बगरदा रोड पर बैरागढ़ में स्थित पटाखा फैक्ट्री में सुबह करीब 11 बजे विस्फोट हुआ. विस्फोट इतना भयावह था कि दो किमी दूर तक भूकंप जैसे हालात नजर आए. घटना में 11 से ज्यादा लोगों की अभी तक मौत हो चुकी है, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हैं. फैक्ट्री के आसपास जा रहे राहगीर विस्फोट के बाद पत्थरों की चपेट में आने से घायल हो गए. आलम यह था कि दूर-दूर तक लाशें बिछी नजर आई. प्रशासन ने फैक्ट्री के पास करीब 100 घरों को खाली कराया. जबकि 60 से ज्यादा घर आग की चपेट में आए हैं. फैक्ट्री में करीब 2-3 बार धमाका हुआ. जानकारी मिलने के बाद 400 पुलिस और 115 एंबुलेंस को तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना किया गया था.

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आसपास के क्षेत्रों में घायलों को भेजा गया

घायलों को एंबुलेंस से तुरंत भोपाल और इंदौर पहुंचाया गया. यहां तक कि हरदा से ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. वहीं कैबिनेट मंत्री राव उदय प्रताप ने हवाई सर्वे किया. राहत बचाव के लिए 6 मेंबर कमेटी गठित की गई थी. सीएम ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए.

Last Updated :Feb 6, 2024, 8:57 PM IST
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