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टिहरी के क्यारा गांव के लोग क्यों बजा रहे कनस्तर, सांसद आदर्श ग्राम योजना का क्या है हाल? - MP Adarsh Gram

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 3, 2024, 6:49 AM IST

Updated : Apr 3, 2024, 12:46 PM IST

Ground report of MP Adarsh Gram Kyara प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र निर्माण के रूप में सांसद आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्र में एक गांव को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करने का टास्क दिया गया था. उत्तराखंड की टिहरी लोकसभा सीट पर सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह द्वारा गोद लिए गए क्यारा गांव में इस मुहिम के क्या हाल हैं आइए जानते हैं.

MP Adarsh Gram Kyara
क्यारा सांसद आदर्श गांव

सांसद आदर्श ग्राम का कैसा है हाल, देखिए...

देहरादून: साल 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र निर्माण की दिशा में सांसद आदर्श ग्राम योजना की घोषणा की थी. इसके तहत उन्होंने हर सांसद को अपने संसदीय क्षेत्र में साल 2016 तक एक आदर्श ग्राम और उसके बाद साल 2019 तक तीन आदर्श ग्राम और उसके बाद 2024 तक 5 गांव गोद लेकर आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए थे. इस योजना का मकसद था कि हर एक जिले में कम से कम एक आदर्श ग्राम विकसित हो, ताकि उस गांव से आसपास की सभी ग्राम पंचायत प्रेरित हों और इस तरह से आदर्श ग्राम की दिशा में राष्ट्र आगे बढ़े. इस योजना के तहत चयनित ग्रामों में खासतौर से कृषि, स्वास्थ्य, साफ-सफाई, आजीविका, मूलभूत सुविधाएं, पर्यावरण और शिक्षा इत्यादि के क्षेत्र को सशक्त बनाया जाना था.

टिहरी का गांव सिर्फ गोद लिया, नहीं बन सका आदर्श: सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत टिहरी लोकसभा सीट की सांसद द्वारा साल 2021 में विकासखंड रायपुर के अंतर्गत आने वाली ग्राम सभा 11 को आदर्श सांसद ग्राम योजना के तहत चयनित कर गोद लिया गया था. गोद लेने का पत्र 28 अक्टूबर 2020 को सांसद माला राज्यलक्ष्मी द्वारा जिलाधिकारी देहरादून को भी प्रेषित किया गया था. इसके बाद ग्राम सभा 11 में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत एक भव्य कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था. उस समय क्यारा गांव के लोगों को लगा कि शायद अब उनके अच्छे दिन आएंगे. लेकिन आज जब एक बार फिर सांसद वोट लेने के लिए अपनी संसदीय क्षेत्र में जा रही हैं, तो गांव वालों की प्रतिक्रिया क्या है वह देखने लायक है.

MP Adarsh Gram Kyara
सांसद आदर्श गांव क्या को लेकर पत्र

क्यारा गांव वाले पूछ रहे हैं, रोड कहां है, रोड नहीं तो वोट नहीं: पिछले तीन बार से लगातार 12 साल से सांसद रहीं महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह आज एक बार फिर से लोकसभा चुनाव के लिए जनता के बीच में वोट मांगने जा रही हैं. लेकिन 2021 में गोद लिए गए क्यारा गांव के लोग आज उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि वह उनसे पूछ सकें कि उनकी रोड कहां है? क्यारा गांव के लोग कहते हैं कि उनके गांव को सांसद ने गोद तो लिया, लेकिन कोई विकास नहीं किया. क्यारा गांव के लोगों का कहना है कि उनके गांव में सड़क मार्ग सहित कई अन्य मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. लेकिन आज तक कोई भी उनके गांव में इनकी सुध लेने के लिए नहीं पहुंचा. क्यारा गांव के ग्रामीण महादेव भट्ट ने बताया कि साल 2021 में सांसद ने यह गांव गोद लिया और उसके बाद उन्होंने दोबारा मुड़कर भी इस गांव की तरफ नहीं देखा और ना ही उनके द्वारा यहां कोई योजना भेजी गई.

ये है सांसद का जवाब: सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गए रायपुर ब्लॉक के 11 गांव की हालत को लेकर के जब हमने सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह से पूछा कि ग्रामीण उनसे बेहद नाराज हैं तो उन्होंने कहा कि लोगों की बात करने की ऐसी आदत ही है. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी तरफ से पूरा काम किया है. जितना उनसे हो सका है. अगर कुछ शेष रह गया है तो उसे वह आगे पूरा करेंगी.

पूरे देश में आदर्श सांसद ग्राम योजना के हालात: ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा करवाए गए एक सर्वे के अनुसार सांसद आदर्श ग्राम योजना, सांसदों की रुचि न होने के चलते और बजट के अभाव में बेहद प्रभावित हो रही है. मंत्रालय द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार योजना अपने मकसद पर खरी उतरने में सक्षम नहीं हो पाई है. ग्रामीण संरचना पर इस योजना का कोई विशेष प्रभाव देखने को नहीं मिला है. वहीं इसके अलावा कई क्षेत्रों में सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना यानी अपनी सांसद निधि का बेहद कम उपयोग कर पा रहे हैं.

इस पूरे मामले पर उत्तराखंड बीजेपी संगठन के महामंत्री आदित्य कोठारी का कहना है कि निश्चित तौर से आदर्श सांसद ग्राम योजना के तहत एक अच्छी पहल की गई थी. लगातार इस पर काम भी किया जा रहा है. केवल सांसद के माध्यम से नहीं, बल्कि केंद्र और राज्य सरकार भी अपने-अपने माध्यम से हर एक ग्रामीण क्षेत्र में विकास योजनाओं के क्रियान्वयन मन में जुटी हुई हैं.

डोईवाला क्षेत्र से पूर्व विधायक रहे और कांग्रेस में मंत्री रहे हीरा सिंह बिष्ट का कहना है कि रायपुर ब्लॉक के तमाम ग्रामीण क्षेत्र आज दीए तले अंधेरे जैसा अनुभव कर रहे हैं, जिनमें से एक क्यारा गांव भी है. उन्होंने कहा कि सांसद ने क्यारा गांव को गोद तो लिया, लेकिन उसके बाद उसकी कोई सुध नहीं ली. उन्हें वहां पर जाना चाहिए था. विकास योजनाओं को धरातल पर उतारना चाहिए था, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. आज जब दोबारा से चुनाव में जाना है, तो जनता के बीच में क्या जवाब दें, इसको लेकर सांसद को सोचना चाहिए.
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Last Updated : Apr 3, 2024, 12:46 PM IST
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