Almora News: सोबन सिंह जीना के पैतृक गांव में समस्याओं का अंबार, सांसद भी गोद लेने के बाद भूले!

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Published : Jan 19, 2023, 3:52 PM IST

Soban Singh Jeena Village Problem

कुमाऊं में स्वर्गीय सोबन सिंह जीना का नाम सबसे बड़ी हस्तियों में गिना जाता है. जीना बीजेपी के संस्थापक सदस्य भी रहे, लेकिन विडंबना ये है कि उनके पैतृक गांव सुनौली में समस्याओं का अंबार लगा है. इतना ही नहीं सुनौली गांव को सांसद आदर्श गांव के रूप में भी गोद लिया गया. इसके बावजूद भी न तो सूरत बदली न ही सीरत. यही वजह है कि आज विभिन्न संगठनों को धरना देना पड़ रहा है.

सोमश्वरः पूर्व पर्वतीय विकास मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे सोबन सिंह जीना के पैतृक गांव सुनौली में समस्याओं का अंबार लगा है. इस गांव को क्षेत्रीय सांसद अजय टम्टा ने सांसद आदर्श गांव के रूप में गोद लिया है, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि विकास कार्य के नाम पर उन्होंने क्षेत्र में कुछ भी नहीं किया. जिससे नाराज होकर क्षेत्र के अनेक ग्रामीण संगठनों के सदस्यों ने सुनौली में स्थापित स्वर्गीय जीना की मूर्ति के सामने धरना प्रदर्शन किया. साथ ही समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी.

दरअसल, पूर्व पर्वतीय विकास मंत्री स्व. सोबन सिंह जीना के पैतृक गांव सुनौली को जोड़ने वाली बसोली-सुनौली मोटर मार्ग की मरम्मत आदि मांगों को लेकर ग्रामीणों ने ग्रामीण सेवा संगठन के बैनर तले धरना दिया. इस दौरान शासन-प्रशासन पर क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की. ग्रामीणों ने कहा कि सुनौली को सांसद अजय टम्टा ने गोद लिया, लेकिन गोद लेने के बाद भी इस क्षेत्र की स्थिति बदहाल है. समस्या का समाधान न होने पर व्यापक आंदोलन की चेतावनी दी गई.

सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित बसोली से सुनौली मोटर मार्ग आज खस्ताहाल स्थिति में है. सड़क का डामर उखड़ चुका है और सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुकी है. इसके अलावा भवन निर्माण नहीं होने से राजकीय इंटर कॉलेज सुनौली आज भी जूनियर हाई स्कूल के भवन में चल रहा है. बिनसर वन्यजीव विहार से सटा होने के कारण यहां जंगली जानवरों का आतंक बना हुआ है.

बता दें कि सोबन सिंह जीना के नाम पर बने पुस्तकालय का उद्घाटन साल 2017 में मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में पहुंचे तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने किया था, लेकिन आज तक पुस्तकालय में एक भी किताब नहीं है. उनकी स्मृति में बने संग्रहालय में उनके जीवन से जुड़ी एक भी वस्तु नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि स्वर्गीय सोबन सिंह जीना की जयंती को राजकीय मेले के रूप में मनाने की घोषणा दो-दो मुख्यमंत्री कर चुके हैं, लेकिन इस पर भी आज तक अमल नहीं हुआ.
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