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13 फरवरी को दिल्ली कूच से पहले किसान संगठनों में फूट! गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने लगाया गंभीर आरोप, अलर्ट मोड पर हरियाणा पुलिस

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 9, 2024, 1:08 PM IST

Farmers Protest 13 February Delhi: किसान एक बार फिर से 13 फिर को दिल्ली में आंदोलन करने की तैयारी में हैं. आंदोलन से पहले ही किसान संगठनों में फूट सामने आई है. भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी ग्रुप के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा है कि खुद को चमकाने के लिए कुछ किसान नेता भोले-भाले किसानों को बरगला रहे हैं. वहीं, किसानों के दिल्ली कूच करने को लेकर हरियाणा पुलिस अलर्ट पर है.

Dispute among farmer organizations before march to Delhi
दिल्ली कूच से पहले किसान संगठनों में फूट

भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी ग्रुप के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी

चंडीगढ़: 13 फरवरी को होने वाले किसानों के दिल्ली कूच आंदोलन से पहले ही किसान संगठनों में फूट की बड़ी चिंगारी सामने आई है. इसका खुलासा भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी ग्रुप के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने भंडाफोड़ किया है. गुरनाम चढ़ूनी ने कहा है कि कुछ नेता अपने खुद बड़ा हीरो बनने के लिए भोले भाले किसानों को बरगला रहे हैं. ऐसे लोग आंदोलन के नाम पर किसानों को बहला फुसला कर दिल्ली ले जा रहे हैं. गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने साफ तौर पर पंजाब के किसान नेता डल्लेवाल के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं.

गुरनाम सिंह चढ़ूनी का गंभीर आरोप: बीकेयू नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा 'संयुक्त किसान मोर्चा नेता डल्लेवाल ने हमें छोड़कर अन्य SKM नेताओं सहित किसानों को न्योता दिया है. डल्लेवाल ने खुद दिल्ली जाने का फैसला किया है. बहुत सारे SKM नेताओं सहित किसान संगठनों को दिल्ली कूच करने जाने का निमंत्रण नहीं दिया गया. लिहाजा उनका संगठन बिना बुलाए दिल्ली नहीं जाएगा.'

Police mock drill regarding farmers march to Delhi
किसानों के दिल्ली कूच आंदोलन से पहले हरियाणा में पुलिस की तैयारी.

किसान आंदोलन के चलते कुरुक्षेत्र पुलिस अलर्ट: किसानों के द्वारा एक बार फिर से आंदोलन की शुरुआत का ऐलान करने के बाद हरियाणा पुलिस अलर्ट पर है. किसान आंदोलन को देखते हुए कुरुक्षेत्र पुलिस लाइन में एसपी सुरेंद्र भौरिया की मौजूदगी में किसी भी प्रकार की आपात स्थिति, हिंसा और भीड़ से निपटने के लिए कुरुक्षेत्र पुलिस के द्वारा मॉक ड्रिल की गई. इस दौरान सरेंद्र भदौरिया ने कहा कि कानून व्यवस्था की किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए जिला पुलिस पूरी तरह से सक्षम है. किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं है. कानून तोड़ने वाले असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा. प्रत्येक व्यक्ति की सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है, ताकि आमजन अपने आप को सुरक्षित महसूस करे.

Police mock drill regarding farmers march to Delhi
किसानों के दिल्ली कूच आंदोलन को लेकर पुलिस की मॉक ड्रिल

शांति बनाए रखने की अपील: कुरुक्षेत्र एसपी ने कहा कि लोकतंत्र में सबको बात रखने का अधिकार है, लेकिन कानून के दायरे में रहकर अपनी बात रखनी चाहिए. अपनी बात रखने या प्रदर्शन के दौरान आमजन के अधिकारों का भी ख्याल रखा जाए और यातायात अवरुद्ध ना हो इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने से किसी को कोई आपत्ति नहीं है. पुलिस अधीक्षक ने कुरुक्षेत्र और हरियाणा के किसानों से अपील की है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस का सहयोग करें.

झज्जर पुलिस अलर्ट.
झज्जर पुलिस अलर्ट.

किसानों को दिल्ली कूच को लेकर झज्जर पुलिस अलर्ट: किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान को देखते हुए झज्जर पुलिस भी अलर्ट मोड पर है. झज्जर जिले के एसपी अर्पित जैन ने कहा है कि किसी भी कीमत पर किसानों को हाईवे जाम नहीं करने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसान संगठनों और स्थानीय लोगों से बातचीत के जरिए समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने बताया कि बहादुरगढ़ के उद्योगपतियों ने भी एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर चिंताएं जाहिर की हैं. हालांकि एसपी अर्पित जैन का कहना है कि किसानों की हर एक मूवमेंट पर पुलिस की पैनी नजर बनी हुई है.

नूंह एसडीएम ने किसानों की रेलवे अधिकारियों से कराई मीटिंग
नूंह एसडीएम ने किसानों की रेलवे अधिकारियों से कराई मीटिंग.

नूंह एसडीएम ने किसानों की रेलवे अधिकारियों से कराई मीटिंग: वहीं, नूंह में केएमपी के साथ प्रस्तावित ऑर्बिटल रेलवे लाइन के लिए बनाई जाने वाली सुरंग को लेकर किसानों और रेलवे के बीच गतिरोध जारी है. रेलवे द्वारा सुरंग के लिए ली गई भूमि का किसान धरना देकर मुवावजे की मांग पर अड़े हैं, जबकि रेलवे बोर्ड के अनुसार सुरंग निर्माण के लिए भूमि का अधिग्रहण ही नहीं हुआ. इसी गतिरोध के चलते बीते पुलिस और किसानों के बीच नोकझोंक हुई तो एसडीएम ने मौके पर पहुंचे अधिकारियों के साथ किसानों की मीटिंग कराने की बात कह कर मामले को शांत करा दिया था. लेकिन, गुरुवार को एसडीएम की मौजूदगी में किसानों और रेलवे अधिकारियों के बीच तावडू एसडीएम कार्यालय में करीब 2 घंटे तक लंबी वार्ता हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका. वहीं, किसान नेता आजाद ने कहा कि प्रशासन का किसानों के प्रति कोई सकारात्मक रुख नहीं है. अब धरना स्थल में बदलाव कर निर्माण स्थल पर ही धरना देने के साथ-साथ काम रोकने के मजबूर हो गए हैं.

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