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JNU छात्र संघ के नये अध्यक्ष बोले- हम आए हैं BJP को सत्ता से बेदखल करने - JNUSU President Dhananjay

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 25, 2024, 10:41 AM IST

Updated : Mar 25, 2024, 10:48 AM IST

EXCLUSIVE INTERVIEW: JNU छात्र संघ के निवनिर्वाचित अध्यक्ष धनंजय
EXCLUSIVE INTERVIEW: JNU छात्र संघ के निवनिर्वाचित अध्यक्ष धनंजय

JNU Student union's President Dhananjay: ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में धनंजय ने बताया कि छात्रसंघ का ये चुनाव यूनिवर्सिटी के ही नहीं देश के मुद्दों पर भी हुआ है. उन्होंने कहा कि देश को संप्रदाय के आधार पर बांटने की कोशिश हो रही है. देश और संविधान को बचाने के लिए जेएनयू हमेशा खड़ा रहेगा.

JNU छात्र संघ के निवनिर्वाचित अध्यक्ष धनंजय से खास बातचीत

नई दिल्लीः जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्रसंघ चुनाव में यूनाइटेड लेफ्ट से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार धनंजय को बड़ी जीत मिली है. वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के उमेश चंद्र दूसरे नंबर पर रहे. ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (एआईएसए) के उम्मीदवार धनंजय जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए हैं. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में धनंजय ने बताया कि छात्रसंघ का यह चुनाव यूनिवर्सिटी के ही नहीं देश के मुद्दों पर भी हुआ है. जेएनयू के ऊपर फिल्में बनाकर देश विरोधी छवि बनाई जा रही है. फिल्म में कहा गया है कि जेएनयू के छात्रों को गोली मार देनी चाहिए. आज देश को संप्रदाय के आधार पर बांटने की कोशिश हो रही है. देश और संविधान को बचाने के लिए जेएनयू हमेशा खड़ा रहेगा. हमारी जिम्मेदारी है कि इस देश में अगर किसान लड़ रहा होगा. किसानों के खिलाफ पॉलिसी आती है तो जेएनयू उनके साथ खड़ा रहेगा. पढ़िए पूरा इंटरव्यू...

सवाल: आप किन मुद्दों को लेकर छात्रों के बीच वोट मांगने गए थे ?
जवाब: कम पैसे में पढ़ाई कैसे हो, सभी छात्रों को हॉस्टल कैसे मिले इसे इंश्योर करना लेफ्ट की लड़ाई रही है. जेएनयू पर बार-बार पॉलिसी लेवल का हमला हो रहा है, जिसमें फंड कट लगातार हो रहे हैं, सीट कट लगातार हो रही हैं. महिलाओं की संख्या पहले 50 फीसदी से अधिक होती थी. लेकिन आज महिलाओं की संख्या 35.5 पर सिमट कर रह गई है. पहले हर एक राज्यों से छात्र यहां पढ़ाई करने के लिए आते थे. यह संख्या लगातार काम हो रही है. इस कैंपस में प्रोपेगेंडा लेवल पर एक हमला चल रहा है. जिस पर फिल्में बनाई जा रही हैं. जेएनयू के छात्रों के ऊपर यह खतरा है. यह फिल्में ऐसी है जिनमें कहा जा रहा है कि जेएनयू छात्रों को गोली मार देनी चाहिए. क्या इसलिए गोली मार देनी चाहिए कि छात्र पढ़ाई और बेहतर शिक्षा की बात करते हैं. हमारा एक नारा है शिक्षा पर जो खर्चा हो बजट का दसवां हिस्सा हो. हम चाहते हैं मुल्क में सबसे बेहतर शिक्षा लोगों को मिले. हम चाहते हैं कि जेएनयू जैसे अन्य शिक्षण संस्थान बनाया जाए बेहतर फैकल्टी मिले. आज ऐसे प्रोफेसर की नियुक्ति हो रही है जो एक ही विचारधारा को मानने वाले हैं. ऐसे में विद्यार्थियों पर क्या असर पड़ेगा. इसके साथ ही कैंपस के इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी हुई समस्याओं को लेकर हम लोग छात्रों से वोट मांगने गए थे.

सवाल: जीत के बाद किन चीजों पर सबसे पहले काम करना चाहेंगे ?
जवाब: इस कैंपस में इंफ्रास्ट्रक्चर के सुधार के लिए तब तक काम नहीं होता है जब तक की कोई दुर्घटना नहीं हो जाती है. इस कैंपस के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करना. जो छात्र रिसर्च करने के लिए आते हैं उन्हें मात्र 8000 रुपये मिलते हैं. रिसर्च फेलोशिप बढ़ाने का काम प्राथमिकता से किया जाये. क्योंकि इतनी कम फेलोशिप में विद्यार्थी शोध नहीं कर सकते हैं. सेक्सुअल हैरेसमेंट के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी. जो लोगों के अंदर जातिवाद और भेदभाव है उन्हें खत्म करने का काम किया जाएगा.

सवाल: एबीवीपी के हारने की क्या-क्या वजह हैं ?
जवाब: एबीवीपी की हार की सबसे बड़ी वजह यही है कि वो जेएनयू के छात्रों के साथ नहीं प्रशासन के साथ है. एबीवीपी प्रशासन की गुलामी करता है. देश की सरकार जो लगातार स्टूडेंट के खिलाफ पॉलिसी ला रही है. अंतरिम बजट में 60 प्रतिशत यूजीसी का फंड कट हो जाता है लेकिन सरकार चुप रहती है. इस कैंपस का इंफ्रास्ट्रक्चर गिरता जा रहा है. तमाम समस्याएं आती रहती हैं लेकिन एबीवीपी प्रशासन के साथ मिला रहता है. इस कैंपस को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. जिस तरीके से फिल्में आईं और फिल्मों में कहा गया की जेएनयू के छात्रों को गोली मार देनी चाहिए. उस फिल्म का यहां पर प्रदर्शन एबीवीपी की तरफ से करवाया गया. छात्र ऐसे लोगों को बर्दाश्त नहीं करेंगे. कैंपस में जो छात्रों के खिलाफ रहे और छात्रों के खिलाफ आ रही पॉलिसी के समर्थन में रहें. यह लोग कैंपस के अंदर भी छात्रों को जाति और धर्म के नाम पर बांटना चाहते हैं. एबीवीपी के लोग सामान्य छात्रों के साथ मारपीट करते रहते हैं. इसके आए दिन वीडियो भी वायरल होते हैं.

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सवाल: जेएनयू की छवि लगातार खराब हो रही है. देश विरोधी गतिविधियों होने का भी आरोप लगता है. इसे कैसे सुधारेंगे ?
जवाब: मैं देश के लोगों को बताना चाहता हूं कि जेएनयू एक मॉडल दे रहा है कि देश के गरीब से गरीब लोगों को कम पैसे में कैसे अच्छी शिक्षा दी जाती है. देश के किसी भी राज्य से अगर विद्यार्थी जेएनयू में आता है तो उसके दिमाग में या नहीं रहे कि उसे रहने को मिलेगा या नहीं. जेएनयू ये इनश्योर करता है. हमारी जिम्मेदारी है कि यह इस देश में अगर किसान लड़ रहा होगा. अगर किसानों के खिलाफ पॉलिसी आती है तो जेएनयू उनके साथ खड़ा रहेगा. जिस तरीके से मणिपुर में महिलाओं को नग्न करके घुमाया जाता है. इस देश की सरकार चुप रहती है लेकिन जेएनयू सरकार के खिलाफ बोलता है. जिस तरीके से संप्रदाय के हिसाब से देश को बांटने की कोशिश की जा रही है. जेएनयू उसके खिलाफ खड़ा है. जेएनयू संविधान के पक्ष में खड़ा है जेएनयू अध्यक्ष के पक्ष में खड़ा है. जेएनयू तमाम वंचितों, बेहतर पढ़ाई का ख्वाब देखने वालों, बेहतर नौकरी का ख्वाब देखने वालों के पक्ष में खड़ा है.

सवाल: लोकसभा चुनाव होने जा रहा है. बहुत से लोग मुद्दों पर नहीं चेहरों पर वोट डालते हैं उनके लिए क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: आज इस देश के संविधान को बचाने की बहुत बड़ी जरूरत है. हम देखते हैं कि इस देश का छात्र अपने मूलभूत पढ़ाई के लिए लड़ाई लड़ रहा है. इस देश का किसान अपनी फसल की एमएसपी की मांग कर रहा है. मजदूर अपने हक के लिए लड़ाई कर रहा है. श्रम कोर्ट में बदलाव के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. देश की बहुत बड़ी जनता अपने हक के लिए सरकार के विरोध में खड़ी है. जो देश के संविधान को बचाना चाहती है. जेएनयू का चुनाव यह साबित करेगा कि छात्र सत्तारूढ केंद्र सरकार के पक्ष में नहीं है. छात्र भारतीय जनता पार्टी को 2024 में सत्ता से बेदखल करने के लिए आ रहे हैं.

सवाल : क्या जेएनयू का चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर हुआ है ?
जवाब: हर चीज से हमारा सरोकार है. इस कैंपस में पढ़ रहा छात्र कोई किसान का बेटा है तो कोई जवान का बेटा है और कोई नौकरी कर रहे कर्मचारियों का बेटा है. हर तरह के लोगों के बच्चे इस कैंपस में पढ़ाई करते हैं. इन अभिभावकों पर अगर हमला होता है तो हमारी प्राथमिकता होती है हम उनके हक में आवाज़ उठाएं. अगर इस कैंपस में फीस बढ़ेगी तो छात्र-छात्राओं के अभिभावक जो किसान, मजदूर, जवान, नौकरीपेशा लोग हैं उन पर असर पड़ता है. अगर उनकी लड़ाई होती है तो यह कैंपस में भी असर पड़ता है.

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Last Updated :Mar 25, 2024, 10:48 AM IST
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