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18 महीनों की प्रार्थना स्वीकार, कतर से सुरक्षित भारत लौटे पूर्व नौसेना अफसर सौरभ वशिष्ठ, देहरादून में पलकें बिछाए हो रहा इंतजार

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 13, 2024, 7:03 PM IST

Updated : Feb 17, 2024, 1:03 PM IST

Saurabh Vashisht
पूर्व नेवी ऑफिसर सौरभ वशिष्ठ

Return of Indian Ex Navy Officers Jailed in Qatar कतर की जेल में महीनों से कैद के बाद सभी 8 भारतीय नौसैनिकों रिहा कर दिया गया है. 7 पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी अपने वतन लौट आए हैं. इन अधिकारियों में उत्तराखंड के देहरादून के सौरभ वशिष्ठ भी शामिल हैं, जो अब सकुशल देहरादून पहुंच रहे हैं. ऐसे में अपने बेटे के इंतजार में परिजन पलकें बिछाए हुए हैं. उनके लिए वो पल बेहद खास होने वाला है, जब वो अपने बेटे को देखेंगे. वहीं, ईटीवी भारत से खास बातचीत में सौरभ के माता-पिता ने बेटे को छुड़ाने के लिए किये संघर्षों को साझा किया.

बेटे के इंतजार में परिजन

देहरादून: 80 साल के माता-पिता की बूढ़ी आंखों को जिस पल का इंतजार था वो पूरा हो गया है. अब बस अपने जिगर के टुकड़े को कसकर सीने से लगाने की देर भर है, और ये इंतजार भी बस कुछ घंटों में पूरा हो जाएगा. इंडियन एयरफोर्स से रिटायर्ड आरके वशिष्ठ और उनकी पत्नी राजी वशिष्ठ की पिछले 18 महीनों की प्रार्थना आखिरकार पूरी हो गई है. उनके बेटे सौरभ कतर की जेल में करीब 18 महीने का समय बिताने के बाद भारत लौट आए हैं. दिल्ली पहुंचने के बाद सौरभ अब देहरादून स्थित अपने घर आ रहे हैं.

उत्तराखंड के रिटायर्ड कैप्टन सौरभ वशिष्ठ उन 8 भारतीयों में शामिल थे, जिन्हें कतर में फांसी की सजा सुनाई गई थी. कतर से रिहाई के बाद सभी अधिकारी सकुशल दिल्ली पहुंच चुके हैं और अब अपने-अपने घर लौट रहे हैं. लिहाजा, सौरभ भी अपने घर देहरादून पहुंचने वाले हैं. उनके घर पहुंचने का इंतजार परिजन बेसब्री से कर रहे हैं.

'बेटे के लौटने की खुशी से बढ़कर कुछ नहीं': ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में सौरभ वशिष्ठ के पिता आरके वशिष्ठ ने बताया कि इस पल से बढ़कर दुनिया में कोई खुशी नहीं है, क्योंकि उनका बेटा इस उम्र में उनका स्तम्भ है, जिसके लिए वो तरस रहे थे. बेटा जेल में था तो वो उनके लिए परेशान हो रहा था, लेकिन अब वो घर आ रहा है. जिसकी उन्हें बहुत खुशी हो रही है.

Saurabh Vashisht
सौरभ के माता-पिता.

सौरभ की पत्नी और बेटियों ने भी किया संघर्ष: सौरभ के पिता आरके वशिष्ठ बताते हैं कि जब सौरभ कतर की दोहा जेल में बंद था, उस दौरान हफ्ते में तीन दिन फोन पर बातचीत होती थी और हफ्ते में एक दिन मिलने का समय दिया जाता था. इस घटनाक्रम के दौरान सौरभ की पत्नी मानसा और दोनों बेटियां जारा व तुवीसा भी कतर में रहकर रिहाई की जंग लड़ रही थीं.

तीन बार कतर जेल में सौरभ से मिले माता-पिता: आरके वशिष्ठ ने बताया कि उनकी बहू यानी सौरभ की पत्नी मानसा वहीं पर नौकरी करते हुए अपने दोनों बेटियों को पढ़ा रही थीं. भारत सरकार की मदद से ही माता-पिता को तीन बार कतर जेल में जाकर अपने बेटे से मिलने और बातचीत करने का मौका मिला. साथ ही उन्होंने बताया कि उनका पूरा परिवार सौरभ की जिंदगी के लिए भगवान से प्रार्थना करने के साथ ही संघर्ष भी कर रहा था.

सौरभ के पिता वायु सेना में दे चुके सेवाएं: सौरभ के माता-पिता 80 साल से ज्यादा की उम्र में अपने बेटे के रिहाई को लेकर देहरादून में तपड़ रहे थे. सौरभ के पिता आरके वशिष्ठ भी सेना से रिटायर्ड हैं. वो वायु सेना में कई बड़े पदों पर भी कार्य कर चुके हैं. आरके वशिष्ठ ने धन्यवाद देते हुए कहा कि ये सब कुछ पीएम नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर की वजह से ही संभव हो पाया है.

Saurabh Vashisht
उत्तराखंड के पूर्व नौसेना अधिकारी सौरभ वशिष्ठ

विदेश मंत्री एस जयशंकर से कई बार की बात, सौरभ के वापस आने का दिया भरोसा: आरके वशिष्ठ कहते हैं कि केंद्र सरकार की वजह से सभी 8 पूर्व नौसैनिकों की फांसी की सजा पहले उम्रकैद में बदली गई और अब सभी रिहाई के बाद सकुशल अपने देश पहुंच चुके हैं लेकिन सुरक्षित अपने देश आने की राह आसान नहीं थी. आरके वशिष्ठ ने बताया कि सौरभ की रिहाई को लेकर उन्होंने कई बार वो विदेश मंत्री एस जयशंकर से दिल्ली में मुलाकात की. उस दौरान मंत्री ने उन्हें भरोसा दिया था कि सौरभ हर हाल में देश में वापस आएगा.

सौरभ की मां बेहद खुश: वहीं, सौरभ की मां राजी वशिष्ठ ने इस पल को सुनहरा बताया. उन्होंने कहा कि एक बड़े संघर्ष के बाद सौरभ सकुशल अपने देश वापस आ गया है. वो अब देहरादून आ जाएगा. ऐसे में उनके खुशी की कोई सीमा नहीं है. माता राजी वशिष्ठ ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं. बेटे सौरभ के अलावा एक बेटी है. उन्होंने ये भी कहा कि कतर देश के राजा ने भी बच्चों का ख्याल रखा है. ऐसे में उन्हें कतर देश से कोई शिकायत नहीं है. बता दें कि सौरभ का घर देहरादून के टर्नर रोड पर स्थित है.

सौरभ ने राम मंदिर की शोभा यात्रा को लेकर कतर जेल से भेजी थी सहयोग राशि: वहीं, समाजसेवी और सौरभ के परिजनों के करीबी महेश पांडेय ने बताया कि यह उत्तराखंड के लिए गौरव और खुशी की बात है कि रिटायर्ड कैप्टन सौरभ वशिष्ठ देहरादून आवास वापस आ रहे हैं. ऐसे में सौरभ के आने के बाद उनका भव्य रूप से स्वागत किया जाएगा. उन्हें पहले दिन से ही भरोसा था कि सौरभ अपने देश वापस जरूर आएगा. उन्होंने कहा कि भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा के दौरान देहरादून में शोभा यात्रा निकाली गयी थी, उस दौरान सौरभ ने कतर जेल से सहयोग धनराशि भी भेजी थी.

Saurabh Vashisht Mother Raji Vashisth
सौरभ की माता राजी वशिष्ठ.

क्या था पूरा घटनाक्रम: दरअसल, बीते साल 27 अक्टूबर को कतर की अदालत ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई थी. ये सभी अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज और कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ काम कर रहे थे, जिन्हें कथित भ्रष्टाचार और जासूसी के आरोप (मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार) में गिरफ्तार किया गया था. इन पूर्व अधिकारियों में कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुणाकर पकाला, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर संजीव गुप्ता, कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ और नाविक रागेश गोपाकुमार शामिल थे. कैप्टन नवतेज सिंह गिल को राष्ट्रपति गोल्ड मेडल से सम्मानित भी किया जा चुका है.

ये सभी पूर्व अधिकारी भारतीय नौसेना में 20 सालों तक अपनी सेवा दे चुके हैं. सभी अधिकारी पिछले कुछ सालों से कतर के अधिकारियों के साथ मिलकर वहां के कंपनी के नौसैनिकों को प्रशिक्षण दे रहे थे, लेकिन इन पर कथित तौर आरोप लगाए गए. इनके खिलाफ 25 मार्च को आरोप दर्ज किए गए थे. जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. अक्टूबर 2023 में इन्हें दी गई मौत की सजा सुनाई गई थी. ऐसे में सभी पूर्व अधिकारी बीते साल अगस्त महीने से ही कतर की जेल में बंद थे. उनकी कई बार जमानत याचिकाएं खारिज हुई. बीते साल 28 दिसंबर को कतर की अदालत ने फांसी की सजा को कम करते हुए उम्रकैद में तब्दील कर दिया था.

वहीं, अब कतर ने अधिकारियों की मौत की सजा खत्म कर सभी को रिहा कर दिया है. 7 लोग वापस भारत भी लौट गए हैं. बताया जा रहा है कि ये सभी अधिकारी एक कंपनी के अधीन कतर के अधिकारियों के साथ मिलकर नौसैनिकों को ट्रेनिंग देने का काम कर रहे थे. सभी भारतीयों के सकुशल लौटने को भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत बताई जा रही है.

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Last Updated :Feb 17, 2024, 1:03 PM IST
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