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मौनी अमावस्या पर हरिद्वार में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, गंगा स्नान की लगी होड़

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 9, 2024, 10:14 AM IST

Updated : Feb 9, 2024, 12:43 PM IST

Mauni Amavasya in Haridwar
मौनी अमावस्या

Devotees taking bath in Ganga on Mauni Amavasya in Haridwar आज मौनी अमावस्या है. माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं. इस तिथि पर स्नान और दान करने का बड़ा महत्व बताया गया है. मौनी अमावस्या पर भगवान विष्णु की पूजा का भी विधान है. मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर स्नान, पूजा और दान किया जाता है.

मौनी अमावस्या स्नान

हरिद्वार: आज मौनी अमावस्या है. यानी माघ मास में पड़ने वाली अमावस्या. आज शुक्रवार को पड़ी अमावस्या के मौके पर हरिद्वार में गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है. भीषण ठंड होने के बाद भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा कर पुण्य और मोक्ष की कामना कर रहे हैं.

मौनी अमावस्या का स्नान: मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान करने के लिए देर रात्रि से ही श्रद्धालुओं का हरिद्वार पहुंचना शुरू हो गया था. दूर दराज से श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे हैं. ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर गंगा में स्नान करने और दान करने से कष्ट दूर होते हैं. मनोकामनाए पूरी होती है. पुण्य के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है. मौनी अमावस्या पर पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए हैं.

क्या कहते हैं पंडित: पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि माघ मास के कृष्ण पक्ष में पढ़ड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं. विशेष बात यह है कि शुक्रवार के दिन पड़ने वाली इस अमावस्या में महोदय योग भी उत्पन्न हो रहा है. ऐसा बताया गया है कि इस योग में इंसान स्नान करके जप, तप और दान आदि करें तो वह अक्षुण्ण हो जाता है, अक्षय हो जाता है. जब मौनी अमावस्या में मौन रहकर स्नान करने का विधान बताया गया है.

मौनी अमावस्या पर दान का महत्व: कुंभ क्षेत्र हरिद्वार में हर की पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड पर स्नान का विशेष बताया गया है. स्नान के बाद मौन रहकर अपने ब्राह्मण को या किसी पुरोहित को तिल मिश्रित मिठाई, कंबल, ऊनी वस्त्र, चावल आदि का दान करें. आज स्नान के पश्चात अपने पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान करें तो वह अपने पितरों को मोक्ष दे देता है. पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है. पितृ सात पीढ़ियों तक पुत्र, पौत्र आदि को आशीर्वाद देकर भगवान नारायण में समाहित हो जाते हैं. आज के दिन स्नान करने के पश्चात दान करने का महत्व है. गौ ब्राह्मण को दान करने वाला व्यक्ति अपने मन की हर मनोकामना को पूर्ण कर लेता है इसमें कोई संदेह नहीं है.
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Last Updated :Feb 9, 2024, 12:43 PM IST
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