ETV Bharat / bharat

बंगाल और बिहार में झटके के बीच यूपी में सपा से गठबंधन को उम्मीद की किरण मान रही कांग्रेस

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 27, 2024, 5:17 PM IST

Congress party
कांग्रेस पार्टी

Congress party : पश्चिम बंगाल और बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज होने के बीच लोकसभा चुनाव 2024 के लिए यूपी में सपा ने कांग्रेस को 11 सीटें दी हैं. हालांकि कांग्रेस इससे खुश नहीं है लेकिन पार्टी गठबंधन के लिए इसे उम्मीद की किरण के रूप में देख रही है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट... Lok Sabha polls

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 80 में से 11 सीट कांग्रेस को दी हैं. हालांकि कांग्रेस इस बात से बहुत खुश नहीं थी कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी में उन्हें इतनी सीटें दीं. पश्चिम बंगाल और बिहार में विपक्षी गठबंधन के काम को देखते हुए इसे आशा की एक किरण के रूप में देखा जा रहा है.

इस संबंध में एआईसीसी के यूपी प्रभारी सचिव प्रदीप नरवाल ने बताया कि हमारे वरिष्ठ नेता अभी भी सपा के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा कर रहे हैं और यूपी में कांग्रेस जिन सीटों पर चुनाव लड़ेगी उनकी संख्या बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि अच्छी बात यह है कि गठबंधन राज्य में ठीक काम कर रहा है और हम आगामी चुनाव एक साथ लड़ेंगे. कांग्रेस नेता की टिप्पणी सपा प्रमुख अखिलेश यादव की घोषणा के तुरंत बाद आई कि यूपी में कांग्रेस के लिए 11 सीटें दी हैं.

इससे पहले यूपी कांग्रेस ने सुझाव दिया था कि गठबंधन कमेटी सीट बंटवारे में 28 संसदीय सीटों की मांग करे लेकिन सपा उस संख्या से सहमत नहीं थी. हाल ही में अखिलेश यादव ने घोषणा की थी वह सहयोगी रालोद को 7 सीटें देने पर सहमत हुए हैं और कांग्रेस के साथ चर्चा जारी है.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक सपा के साथ प्रारंभिक परामर्श के दौरान कांग्रेस गठबंधन समिति ने 2009 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों का हवाला दिया था. कांग्रेस ने यूपी में 22 संसदीय सीटें जीती थीं और कहा था कि पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देते हुए 2024 में कम से कम इतनी सीटें मिलनी चाहिए. हालांकि सपा नेताओं ने तर्क दिया था सीट बंटवारे की बातचीत मौजूदा जमीनी स्तर की स्थिति पर आधारित होनी चाहिए, जिससे संकेत मिलता है कि कांग्रेस के पास यूपी में लोकसभा में सिर्फ 1/80 और विधानसभा में 2/403 विधानसभा सीटें थीं.

बता दें कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी लोकसभा में एकमात्र रायबरेली संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करती हैं. वहीं राहुल गांधी 2019 में अमेठी संसदीय सीट हार गए थे लेकिन उन्होंने केरल के वायनाड सीट से जीत हासिल की थी. वह वायनाड का प्रतिनिधित्व करते हैं. पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति के सदस्य अशोक गहलोत सीट बंटवारे को लेकर अखिलेश यादव के साथ सीधे संपर्क में हैं और दोनों के बीच जल्द ही मुलाकात होने की उम्मीद है.

इस संबंध में राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि मैं सीटों की संख्या या अखिलेश यादव ने जो कहा है उस पर टिप्पणी नहीं करुंगा. उन्होंने कहा कि इस मामले पर अभी चर्चा चल रही है और अंतिम बयान देना आलाकमान का काम है. मैं केवल यह विश्वास जता सकता हूं कि यूपी में गठबंधन सुचारू रूप से चल रहा है और अन्य राज्यों में भी मुद्दे हल हो जाएंगे. हालांकि पिछले हफ्तों में कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन में मायावती की बसपा को शामिल करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि वह आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेंगी.

बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हरान के लिए सपा और बसपा एक साथ आए थे लेकिन राज्य में गठबंधन काम नहीं आया. इससे पहले 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए सपा और कांग्रेस ने गठबंधन किया था लेकिन यह समझौता काम नहीं आया. वहीं 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियंका गांधी को यूपी का सह प्रभारी नियुक्त किया था. बाद में जब 2020 में सिंधिया बीजेपी में चले गए तो प्रियंका गांधी को पूरे यूपी का प्रभार दिया गया. प्रियंका ने राज्य में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की काफी कोशिशकी लेकिन 2022 के विधानसभा चुनावों में पार्टा का प्रदर्शन खराब रहा. हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अनुभवी अविनाश पांडे को यूपी का एआईसीसी प्रभारी नियुक्त किया.

ये भी पढ़ें - बिहार में 'वेट एंड वॉच' मोड में कांग्रेस, अगर नीतीश जाते हैं तो संख्या बल जुटाने पर ध्यान केंद्रित करेगी पार्टी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.