ETV Bharat / bharat

बिहार के एक नियोजित शिक्षक ने मांगी इच्छा मृत्यु, वजह जानकर आपका कलेजा फट जाएगा

author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 7, 2024, 4:18 PM IST

Updated : Mar 7, 2024, 4:32 PM IST

Bihar Niyojit Shikshak Etv Bharat
Bihar Niyojit Shikshak Etv Bharat

भागलपुर के नवगछिया में एक जगह है कार्तिक टोला. यहां के एक नियोजित शिक्षक ने इच्छा मृत्यु की मांग की है. इस बाबत उन्होंने पटना से लेकर दिल्ली तक पत्राचार किया है. क्या है इसके पीछे की वजह आगे पढ़ें पूरी खबर

घनश्याम कुमार से बातचीत.

भागलपुर/पटना : बिहार में एक नियोजित शिक्षक ने सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग की है. भागलपुर के नवगछिया के नियोजित शिक्षक घनश्याम कुमार ने इस संबंध में पीएमओ, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव और मानवाधिकार आयोग को पत्र भी लिखा है. इस तरह के पत्राचार से हड़कंप मच गया है.

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित बच्चे : दरअसल, नियोजित शिक्षक घनश्याम कुमार के दो बेटे DMD यानी ड्यूचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित हैं. जिसमें 80% से अधिक विकलांगता के शिकार हो चुके हैं. इसमें एक का नाम अनिमेष अमन है, जिसकी उम्र 17 साल है और नौवीं का छात्र है. वहीं दूसरे बेटे का नाम अनुराग आनंद है. जिसकी उम्र 9 साल है और वह तीसरी कक्षा में पढ़ रहा है.

अनिमेष और अनुराग आनंद
अनिमेष और अनुराग आनंद

'दोनों बेटा मौत की तरफ बढ़ रहा है' : ईटीवी भारत की टीम शिक्षक घनश्याम कुमार के घर पहुंची. हमने उनके बच्चों को देखा, साथ ही उनसे बात की. घनश्याम कुमार ने बताया कि मेरे कुल 5 बच्चे हैं, इसमें से तीन लड़की और दो लड़के हैं. मेरे दोनों लड़कों को लाइलाज गंभीर बीमारी ने जकड़ रखा है, जिस वजह से दिनों दिन वह मौत की तरफ बढ़ता जा रहा है. मैं नियोजित शिक्षक हूं, अगर मेरा स्थानांतरण होता है तो मेरे दोनों बेटे की देखभाल कौन करेगा?

''अब तक वह 50 से 60 लाख रुपए अपने दोनों बेटों पर खर्च कर चुके हैं, लेकिन उनकी बीमारी अभी तक ठीक नहीं हुई है. देशभर में करीब 6 से 7 राज्यों में इलाज कराकर थक चुका हूं. अब मेरे मन में तरह-तरह की बातें आ रही हैं.''- घनश्याम कुमार, नियोजित शिक्षक

'मेरे बच्चों की देखभाल मुश्किल हो जाएगी' : घनश्याम कुमार ने कहा है कि सक्षमता परीक्षा के बाद अब शिक्षा विभाग नियोजित शिक्षकों के स्थानांतरण की तैयारी में है. वहीं मेरे बच्चों की उम्र के साथ-साथ विकलांगता बढ़ती जा रही है. बच्चों का नित्य क्रिया और दैनिक क्रिया मुझे ही कराना पड़ता है. यदि सरकार ट्रांसफर कहीं दूर कर देती है तो बच्चों की देखभाल मुश्किल हो जाएगी. बच्चे पल-पल घुट-घुटकर दम तोड़ने लगेंगे.

''मैं परिवार में अकेला ही कमाने वाला हूं. अपने दोनों बेटों की देखरेख करता हूं. सुबह स्कूल जाने से पहले अपने दोनों बच्चों को खुद ही खाना खिलाता हूं एवम् उसकी दवाई एवं देखरेख करता हूं. लेकिन स्थानांतरण होने की सूचना से पूरा परिवार हताश हो गया है.''- घनश्याम कुमार, नियोजित शिक्षक

मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र.
मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र.

शिक्षक ने की इच्छा मृत्यु की मांग : इस बाबत शिक्षक घनश्याम कुमार ने मुख्यमंत्री से लेकर तमाम पदाधिकारी और मानवाधिकार आयोग को लिखे पत्र में मांग की है कि उन्हें ऐच्छिक स्थानांतरण का लाभ दिया जाए. उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार यदि उनका स्थानांतरण कहीं और कर देती है तो वह सरकार के सामने सामूहिक पूरे परिवार को लेकर आत्मदाह कर लेंगे. सरकार यदि बच्चों से दूर स्थानांतरण करना चाहती है तो इसके बदले उन्हें इच्छा मृत्यु दे दे.

''मस्कुलर डिस्ट्रॉफी एक लाइलाज बीमारी है जिसमें फिजियोथैरेपी और विभिन्न प्रकार के दवाइयां के माध्यम से मसल्स को मूवमेंट करते हुए बच्चों का केयर किया जा सकता है. ऐसे बच्चों के सभी कार्यों की जिम्मेदारी माता-पिता पर हो जाती है. यह एक असाध्याय बीमारी है. मानवीय दृष्टिकोण से सरकार को नियोजित शिक्षक की बात माननी चाहिए क्योंकि उनका दुख बिल्कुल भी झूठा नहीं है.''- डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक

समर्थन में आया शिक्षक संघ : वहीं बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष अमित कुमार का भी कहना है कि उनकी और संघ की पहले से मांग रही है कि साक्षमता परीक्षा का विरोध नहीं लेकिन नियोजित शिक्षकों को ऐच्छिक स्थानांतरण मिलना चाहिए. ऐसे नियोजित शिक्षक जिनके बच्चे गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, या जिनके माता-पिता वृद्धावस्था की लाचारी से जूझ रहे हैं, सरकार उन्हें ऐच्छिक स्थानांतरण नहीं देती है तो यह सरकार की और शिक्षा विभाग की प्रचंड संवेदनहीनता होगी.

ये भी पढ़ें :-

Patna News: मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीड़ित के परिजनों का प्रदर्शन, कहा- 'इलाज नहीं होगा तो बच्चे मर जाएंगे'

SC on muscular dystrophy: सुप्रीम कोर्ट ने मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से प्रभावित बच्चों की सहायता की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा

Last Updated :Mar 7, 2024, 4:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.