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SC on muscular dystrophy: सुप्रीम कोर्ट ने मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से प्रभावित बच्चों की सहायता की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 6, 2023, 1:25 PM IST

SC seeks Centres response on plea for support to children afflicted with muscular dystrophy
SC ने मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से प्रभावित बच्चों की सहायता की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित बच्चों की आर्थिक मदद को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई की. शीर्ष अदालत ने इस मामले में केंद्र से जवाब मांगा है.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारी की सभी श्रेणियों से पीड़ित लोगों को वित्तीय और अन्य सहायता प्रदान करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया. भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने रत्नेश कुमार जिज्ञासु और अन्य द्वारा दायर याचिका पर केंद्र से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा.

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के अनुसार समूह एक में लोगों के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध है और समूह 2 और समूह 3 में उपलब्ध नहीं है. शीर्ष अदालत इस मामले की जांच करने के लिए सहमत हुई और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी को अदालत की सहायता करने का निर्देश दिया. याचिकाकर्ताओं के अनुसार बीमारी के इलाज की लागत बहुत अधिक है लेकिन बीमारी के प्रकार और प्रगति के आधार पर इलाज की लागत काफी भिन्न हो सकती है.

याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील उत्सव सिंह बैंस ने तर्क दिया कि लगभग 250 लोग मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित हैं. इनमें से अधिकांश नाबालिग हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस बीमारी की श्रेणी दो और तीन के तहत रखे गए मरीजों के लिए वित्तीय सहायता का कोई प्रावधान नहीं है. श्रेणी एक के अंतर्गत आने वाले लोगों को 50 लाख रुपये की राहत है. याचिका में दलील दी गई कि दुर्लभ मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारी के कारण हर साल बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हो जाती है.

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उनकी याचिका में कहा गया,'दुर्लभ रोगों की राष्ट्रीय नीति कई रोगियों तक नहीं पहुंच पाई है क्योंकि उपचार की लागत अभी भी बहुत अधिक है और एक रोगी के लिए कई करोड़ रुपये है और यह याचिकाकर्ताओं की तरह आम आदमी की पहुंच से बाहर है. दुर्भाग्य से कुछ माता-पिता उनके एक से अधिक बच्चे इस बीमारी से पीड़ित हैं, जिससे उनकी शिकायतें और बढ़ गई हैं.'

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