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RO-ARO भर्ती पेपर लीक में एग्जाम कंट्रोलर पर गिरी गाज; यूपीपीएससी से हटाए गए, क्या पुलिस बोर्ड पर भी कार्रवाई होगी?

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 3, 2024, 8:24 PM IST

Updated : Mar 4, 2024, 1:01 PM IST

RO-ARO भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक पर कार्रवाई की है. उनको आयोग से हटा दिया गया है.

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लखनऊ : RO-ARO (समीक्षा और सहायक समीक्षा अधिकारी) भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया है. उनकी इस नाराजगी की गाज गिरनी शुरू हो गई है. पहली कार्रवाई उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक पर हुई है. गड़बड़ी के प्रथम दृष्टया आरोपित पाए जाने पर परीक्षा नियंत्रक अजय कुमार तिवारी को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से हटा दिया गया है. उनको राजस्व परिषद की अपेक्षाकृत कमजोर पोस्टिंग दी गई है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पुलिस सेवा बोर्ड और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अफसरों के खिलाफ और भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. सीएम योगी ने यह कार्रवाई रविवार की शाम की है.

आरओ और एआरओ परीक्षा में लापरवाही को लेकर कार्रवाई यूपी लोकसेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक अजय कुमार तिवारी हटाए गए हैं. आयोग से हटाकर अजय तिवारी को राजस्व परिषद भेजा गया है. गौरतलब है कि नौकरी भर्ती परीक्षाओं की पारदर्शिता में गड़बड़ी को लेकर सरकार कटघरे में है. विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है. सहायक समीक्षा अधिकारी और समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ था. यह तब हुआ, जब लाखों परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे थे. इसी तरह से पुलिस भर्ती परीक्षा में भी पर्चा लीक हुआ. प्रदेश के करीब 60 लाख युवाओं ने यह परीक्षा दी थी. इसके बाद में बड़ा आंदोलन हुआ और सरकार को यह परीक्षा निरस्त करनी पड़ी. अगले 6 महीने में इसका आयोजन किया जाएगा.

इसी तरह से सहायक समीक्षा अधिकारी और समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा भी अगले 6 महीने में कराई जाएगी. परीक्षार्थियों को राहत देने के बाद सरकार अब जिम्मेदारों पर कार्रवाई में जुड़ गई है. जिसमें अजय कुमार तिवारी पर पहली कड़ी कार्रवाई की गई है. शासन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अब निकट भविष्य में पुलिस भर्ती बोर्ड में भी बड़ी कार्रवाई की जाएगी. कई अधिकारियों को हटाया जा सकता है.

11 फरवरी 2024 को आयोजित हुई थी परीक्षा

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 11 फरवरी 2024 को समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) (RO-ARO) परीक्षा आयोजित की गई थी. इस परीक्षा में कथित रूप से प्रश्नों के सोशल मीडिया पर वायरल होने के शिकायतें प्राप्त हुई थीं. जिसके संबंध में शासन ने परीक्षा को प्रभावित करने से संबंधित तथ्यों के साक्ष्य उपलब्ध कराए जाने की विज्ञप्ति जारी की थी. उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों तथा आयोग द्वारा उपलब्ध रिपोर्ट के परिप्रेक्ष्य में शनिवार को ही सीएम योगी ने यह निर्देश दिया कि दोनों सत्रों की परीक्षाओं को निरस्त कर दिया जाए. आगामी 06 माह में पुनः परीक्षा कराई जाए.

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि इस प्रकार के आपराधिक कृत्य में सम्मिलित व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी वैधानिक व दण्डात्मक कार्यवाही करने के लिए यह प्रकरण राज्य की एसटीएफ को संदर्भित कर दिया जाए. एसटीएफ शीघ्रातिशीघ्र इसकी विवेचना संपन्न करेगी तथा इस कृत्य में लिप्त सभी उत्तरदायी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.

अभयर्थी लगातार कर रहे थे विरोध

बता दें कि लोक सेवा आयोग की आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा निरस्त कर दोबारा परीक्षा करवाए जाने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का लगातार धरना प्रदर्शन चल रहा है. अभ्यर्थियों की मांग थी कि पेपर लीक होने पर पुलिस भर्ती परीक्षा को जिस तरह से निरस्त किया गया है, उसी तरह से RO-ARO भर्ती परीक्षा को भी निरस्त करके दोबारा परीक्षा करवाई जाए.

यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती में थे 48 लाख कैंडिडेट्स

17 और 18 फरवरी को आयोजित यूपी पुलिस की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा 24 फरवरी को रद कर दी गई. छह महीने के अंदर यह परीक्षा दोबारा कराई जाएगी. पेपर लीक को लेकर यह परीक्षा विवादों में घिर गई थी. कई ऐसे सवाल थे जिनसे पेपर लीक होने का शक गहरा गया था. पिछले कई दिनों से दोबारा परीक्षा कराए जाने की मांग को लेकर अभ्यर्थी सूबे के विभिन्न जिलों में प्रदर्शन कर रहे थे. उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के बाद पूरे प्रदेश में अभ्यर्थियों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने परीक्षा को रद्द करते हुए अगले 6 महीने में दोबारा से परीक्षा कराने की घोषणा की है. खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स इस संदर्भ में जानकारी दी.

परीक्षा की पारदर्शिता को लेकर खड़े हुए थे सवाल

यूपी पुलिस की भर्ती परीक्षा 17 और 18 फरवरी को हुई थी. एक अभ्यर्थी के पास पर्ची मिली थी. इसमें परीक्षा में आए कुछ सवालों के जवाब मिले थे. अभ्यर्थी को मोबाइल के वाट्सएप पर चार घंटे पहले ही उत्तर पुस्तिका की कॉपी चार भेज दी गई थी. इससे पेपर लीक होने का शक गहरा गया था. इसके अलावा अन्य भी कई ऐसे पहलू थे जिनसे परीक्षा की पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े हो हुए.

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड की तरफ से नागरिक पुलिस के सिपाही पदों की 60244 पदों के लिए बीते 17 व 18 फरवरी को चार पालियां में परीक्षा आयोजित कराई गई थी. इस परीक्षा के लिए प्रदेश के 75 जनपदों में 2385 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. जहां पर करीब 50 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को शामिल होना था. पर दो दिन की हुए इस परीक्षा में करीब 48 लाख अभ्यर्थी इसमें शामिल हुए थे जिसमें से 6 लाख अभ्यर्थी दूसरे राज्यों से आए थे.

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Last Updated :Mar 4, 2024, 1:01 PM IST
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