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દુનિયાની એક માત્ર વ્હાઈટ ટાઈગરની સફારીમાં હવે દત્તક લઈ શકાશે વાધ-સિંહ !

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Published : Sep 15, 2019, 10:20 PM IST

રીવા: મધ્યપ્રદેશના રીવામાં આવેલી દુનિયાની એક માત્ર સફેદ ટાઈગર સફારીમાં પ્રાણીઓને દત્તક લેવાની ઝૂ ઓથોરિટી તરફ મંજૂરી મળી ગઈ છે.મહારાજા માર્તડ સિંહ જૂદેવ ટાઈગર સફારીમાં દરેક પ્રાણીઓ માટે વાર્ષિક, છ માસિક, ત્રિ માસિક અને માસિક રેટ નક્કી કરવામાં આવ્યા છે. જેમાં હવે કોઈ પણ પ્રાણીને દત્તક લઈ શકાશે.

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જેમાં સિંહ અને વાધનો વાર્ષિક રેટ 4 લાખ 14 હજાર રાખવામાં આવ્યો છે. જ્યારે દીપડાનો વાર્ષિક રેટ 1 લાખ 65 હજાર 600 રુપિયા રાખ્યો છે. સૌથી ઓછા કાળીયાર તથા હરણની રેટ રાખવામાં આવ્યા છે. લોકોને વન્ય પ્રાણીઓથી જોડવા માટે થઈને આવો નિર્ણય લીધો હોવાનું જણાવ્યું છે.

વ્હાઈટ ટાઈગર સફારી
વ્હાઈટ ટાઈગર સફારી

વ્હાઈટ ટાઈગર સફારી રીવામાં મુકંદપુર સ્થિત સફારીમાં લગભગ 640 હેક્ટરમાં આ વિસ્તાર રિઝર્વ રાખવામાં આવ્યો છે.

જેમાં 75 હેક્ટરમાં પ્રાણી સંગ્રહાલય તથા 25 હેક્ટરમાં વ્હાઈટ ટાઈગર સફારી છે.

વ્હાઈટ ટાઈગર સફારી રીવા

જેમાં ઝૂ એન્ડ રેસ્ક્યૂ સેન્ટર, બ્રિડીંગ સેન્ટર પણ સામેલ છે. આ સફારીનું લોકાર્પણ 3 એપ્રિલ 2016માં કરવામાં આવ્યું હતું.

વ્હાઈટ ટાઈગર સફારી
વ્હાઈટ ટાઈગર સફારી

આ સફારીમાં સફેદ વાધની સાથે સાથે અન્ય વન્ય પ્રાણીઓ પણ જોવા મળે છે. 40 વર્ષ બાદ અહીં સફેદ વાધની પધરામણી થઈ છે.

Intro:आमतौर पर लोग जानवरो को पालते है या उन्हें गोद लेते है लेकिन क्या आप टाइगर सहित अन्य किसी भी वन्य प्राणी को गोद लेना चाहते है यह प्रक्रिया जल्द ही रीवा के महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव टाइगर सफारी में आप महज 4 लाख रूपए देकर शेर या फिर चीता को गोद ले सकते है।
दुनिया की इकलौती व्हाइट टाइगर सफारी में जानवरो के गोद लेने की जू अथॉरटी ने मंजूरी दे दी है। इसमें प्रत्येक जानवरो के गोदनामे के वार्षिक, छमाही, तिमाही और मासिक रेट तय गए है जीसमे आप किसी भी जानवर को गोद ले सकेगे। जंगल के राजा शेर और चीता का 4 लाख 14 हजार रूपए रखा गया है वाही तेंदुए की वार्षिक रेट 1 लाख 65 हजार 6 सौ रूपए है। जबकि सबसे कम चिंकारा, हॉक डीयर का रेट रखा गया है। मनुष्य को वन्य प्राणियो से जोड़ने के लिए जू प्रशासन ने यह पहल की है।

Body:रीवा मुकुंदपुर स्थित व्हाइट टाइगर सफारी में करीब 640 हेक्टेयर में मांद रिजर्व बनाया गया है। इसमें से 75 हेक्टेयर में चिड़ियाघर और 25 हेक्टेयर में व्हाइट टाइगर सफारी है। इसमें जू एंड रेस्क्यू सेंटर, ब्रीडिंग सेंटर भी बनाए गए हैं। रीवा से लगे सतना जिले के मुकुंदपुर में दुनिया की पहली व्हाइट टाइगर सफारी का लोकार्पण तीन अप्रैल 2016 को किया गया। सीएम शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय इस्पात एवं खनन मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर तथा केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रकाश जावड़ेकर ने मुकुंदपुर में आयोजित एक भव्य समारोह में व्हाइट टाइगर सफारी का लोकार्पण किया था। इस सफारी में सफेद बाघों के साथ ही अन्य वन्य प्राणी भी देखने को मिलते है। 40 वर्ष के बाद यहां सफेद शेर की वापसी हुई थी। रीवा राजघराने के राजा मार्तंड सिंह को शिकार का बहुत शौक था। सन् 1952 में जब वे शिकार के लिए गए थे तब उन्हें एक सफ़ेद शेर का शावक मिला था जिसका उन्होंने शिकार करने की बजाए इसे पाल लिया था।  उन्होंने इसका नाम मोहन रखा था। इस टाइगर को राजा ने अपने गोविदंगढ़ किले में रखा था। और आज दुनिया में जितने भी सफ़ेद शेर है वो सभी मोहन के वंशज है राजा ने मोहन के साथ महल में एक बाघिन को भी रखा था। इसे राधा नाम दिया गया था। इसके बाद इनके प्रजनन की शुरूआत हुई। अलग-अलग बाघिन से प्रजनन में मोहन ने 34 संतान को जन्म दिया था। इनके कुनबे में 114 बाघ हुए, जो अब तक वर्ल्ड रिकॉर्ड है 1959 में पहली बार कोलकाता के पीके दास ने तीन बाघों को खरीदा था। तब यह मामला देशभर में सुर्खियों में आ गया था। मोहन की मृत्यु 18 दिसंबर 1969 को 19 साल की उम्र में हो गई थी।

बाइट - 01 - संजय रैकेरे डीएफओ - फारेस्ट आफिसर वन विभाग...Conclusion:....
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