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पिथौरागढ़ में भारत-नेपाल बॉर्डर पर बादल फटा, पूरा गांव तबाह! एक शव बरामद

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Published : Sep 10, 2022, 10:53 AM IST

Updated : Sep 10, 2022, 4:54 PM IST

Pithoragarh

भारत-नेपाल बॉर्डर पर नेपाल की ओर दार्चुला में देर रात बादल फटने की घटना के बाद से भारी तबाही हुई है. जहां नेपाल में कई मकान ध्वस्त हो गए हैं और कई लोगों की लापता होने की सूचना है वहीं पिथौरागढ़ के धारचूला के खोतीला में भी (Cloud burst in Pithoragarh) बाजार में दुकानों को भारी नुकसान हुआ है. इस हादसे में 2 की मौत हो गई है, जबकि 11 लोग लापता बताया जा रहे हैं, राहत और बचाव कार्य जारी है.

पिथौरागढ़:सीमांत जिले पिथौरागढ़ में भारत-नेपाल सीेमा पर दार्चुला (नेपाल) में देर रात बादल फटने (Cloud burst in Pithoragarh) से भारी तबाही हुई है. बादल फटने के दौरान पिथौरागढ़ से नेपाल को जोड़ने वाली काली नदी में भारी मात्रा में मलबा आने से पिथौरागढ़ के धारचूला के खोतीला में भी भारी नुकसान हुआ है. पहाड़ी से बरसाती पानी के साथ आया मलबा कई घरों में घुस गया है. बाजार की सड़क भी मलबे से पट गई है. सड़क में पार्क किए गए वाहन भी मलबे में दब गए हैं. इस हादसे में 2 की मौत हो गई है, जबकि 11 लोग लापता बताया जा रहे हैं, राहत और बचाव कार्य जारी है. वहीं, पिथौरागढ़ पुलिस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर चेतावनी भी जारी की है. काली नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण लोगों से नदी के किनारे न जाने की अपील की गई है.

मल्ली बाजार, ग्वाल गांव और खोतीला में सड़कों पर मलबा जमा हो गया है. वहीं, बादल फटने से नेपाल में कई मकानों के ध्वस्त होने और कई लोगों के लापता होने की सूचना है. घटना के बाद एसडीआरएफ ने राहत और बचाव अभियान चलाते हुए 65 साल की बुजुर्ग पशुपति देवी का शव बरामद कर स्थानीय पुलिस को सौंप दिया है. जबकि लापता अन्य लोगों की तलाश की जा रही है.

पिथौरागढ़ में धारचूला के खोतीला में बादल फटने से भारी तबाही.

जानकारी मिली है कि खोतिला व्यासनगर के पास काली नदी में लगभग दो किमी लंबी झील बनने से व्यासनगर के 50 से अधिक मकान जलमग्न हो गए हैं. वहीं, पुल पार नेपाल के लासकु में भी भारी बारिश से तबाही हुई है. आपदा प्रबंधन, राजस्व दल, एसडीआरएफ और पुलिस टीम राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं. प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है.

गौर हो कि, पिछले दिनों पिथौरागढ़ के एलधार नामक स्थान पर हुए भूस्खलन के बाद से खतरा बना हुआ था. तब भूस्खलन के साथ बोल्डर गिरने से चार मकान ध्वस्त हो गए थे. इस स्थान पर जिनके मकान हैं वो लोग अभी भी अन्य सुरक्षित स्थानों पर रह रहे हैं. शुक्रवार की रात एक बार फिर मलबा आने से लोग असुरक्षित महसूस करने लगे हैं. भारी बारिश के कारण काली नदी का जल स्तर भी काफी बढ़ गया है. तटबंध के ऊपर नदी बहने लगी है. इससे लोग सहमे हुए हैं.

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खराब मौसम को देखते हुए स्थानीय प्रशासन अलर्ट हो गया है. एसडीआरएफ और पुलिस सतर्क है. नेपाल की ओर भी काफी तबाही मची है. कुछ मकानों के ध्वस्त होने और लोगों के लापता होने की भी सूचना है. काली नदी के रौद्र रूप का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नेपाल में काली नदी किनारे बनी सड़क पर पानी बह रहा है.

Last Updated :Sep 10, 2022, 4:54 PM IST

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