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कोटद्वार बेस अस्पताल में 2 साल की बच्ची की मौत, डॉक्टरों पर लगा लापरवाही का आरोप

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Published : Jul 18, 2022, 9:29 AM IST

कोटद्वार बेस अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ पर इलाज में लापरवाही बरतने के गंभीर आरोप लगे हैं. यहां अस्पताल में भर्ती 2 साल की मासूम बच्ची की मौत हो गई. जिस पर परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं.

Shreya death Kotdwar Hospital
बच्ची की मौत

कोटद्वारःबेस अस्पताल कोटद्वार में दो साल की बच्ची की मौत हो गई. मासूम की मौत पर परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं. बताया जा रहा है कि बच्ची को उल्टी और दस्त की शिकायत थी. जिसके चलते परिजन उसे कोटद्वार बेस अस्पताल लाए थे, लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई.

बता दें कि कोटद्वार बेस अस्पताल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहता है. आए दिन अस्पताल पर कई आरोप लगते रहे हैं. अभी कुछ दिन पहले ही एक गर्भवती महिला से प्रसव करवाने के एवज में 35 हजार रुपए मांगने का मामला सामने आया था. इसके अलावा कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिससे कोटद्वार बेस अस्पताल (Kotdwar Base Hospital) की छवि दागदार हुई है.

2 साल की बच्ची की मौत

ताजा मामला बीती रविवार यानी 17 जुलाई का है. यहां दूरस्थ क्षेत्र पौखाल से इलाज के लिए आई श्रेया (उम्र 1 साल 11 माह) की बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में मौत हो गई. श्रेया की बुआ निकिता ने बताया कि श्रेया को शाम 4 बजे के आसपास कोटद्वार बेस अस्पताल लाया गया था. श्रेया को सामान्य उल्टी और दस्त हो रहे थे.

उनका आरोप है कि कोटद्वार बेस अस्पताल में तैनात डॉक्टरों ने श्रेया के इलाज में लापरवाही बरती. उनका साफ कहना है कि श्रेया को शाम के चार बजे भर्ती किया गया था, लेकिन डॉक्टर ही नहीं आए. उन्हें बताया गया कि रात 8 बजे डॉक्टर आएंगे और बच्ची की जांच करेंगे. ऐसे में वो बार-बार तत्काल इलाज के लिए गुहार लगाते रहे, लेकिन समय पर इलाज नहीं मिल पाया.

कोटद्वार बेस अस्पताल में लाने से पहले ही श्रेया की हालत नाजुक थी. बेहोशी की हालत में उसे अस्पताल में लाया गया था. नर्स ने उन्हें बताया था कि उसे दो-तीन दिन से उल्टी दस्त और बुखार आ रहे थे. अस्पताल में उसे झटके भी आ रहे थे. बच्ची के साथ सिर्फ दादी ही थी. ऐसे में उन्हें बताया गया कि बच्ची की हालत काफी खराब थी. हमने अपनी तरफ से बचाने की पूरी कोशिश की. दादी अकेली थी, इस वजह से रेफर नहीं किया गया. -कुसुमा रावत, डॉक्टर, कोटद्वार बेस चिकित्सालय

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