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फिल्म निर्माताओं को भा रहा जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, भोजपुरी इंडस्ट्री के विनोद गुप्ता ने बताया प्लान

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Published : Nov 25, 2021, 12:10 PM IST

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भोजपुरी फिल्म अवॉर्ड कमेटी (bhojpuri film award committee) के अध्यक्ष विनोद कुमार गुप्ता ने कहा कि रामनगर फिल्म निर्माण का हब बन सकता है. इस दिशा में वो पहल करेंगे और जल्द ही यहां गढ़वाली और कुमाऊं फिल्म की शूटिंग शुरू करेंगे.

रामनगर:नैनीताल जनपद के रामनगर पहुंचे भोजपुरी फिल्म अवॉर्ड कमेटी (bhojpuri film award committee) के अध्यक्ष विनोद कुमार गुप्ता ने कहा कि भोजपुरी की तर्ज पर उत्तराखंड फिल्म उद्योग (Uttarakhand film industry) को भी बढ़ावा देंगे. उन्होंने कहा कि जिम कॉर्बेट का शहर रामनगर फिल्म निर्माण का हब बन सकता है.

भोजपुरी फिल्म अवार्ड कमेटी के अध्यक्ष विनोद कुमार गुप्ता ने उत्तराखंड फिल्म उद्योग को भोजपुरी की तर्ज पर बढ़ावा देने की वकालत की है. उन्होंने कहा कि अवार्ड समारोह के जरिए आंचलिक सिनेमा उद्योग की पहचान और शोहरत में इजाफा होता है. इसके लिए उन्होंने साल 2018 में पहला उत्तराखंडी फिल्म अवॉर्ड समारोह मुंबई में आयोजित किया था.

फिल्म निर्माताओं को भा रहा जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क.

विनोद गुप्ता विगत 16 सालों से भोजपुरी फिल्म अवॉर्ड समारोह का आयोजन कर रहे हैं और भोजपुरी फिल्मों के निर्माण से भी जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का रामनगर फिल्म निर्माण का हब बन सकता है. इसके आसपास खूबसूरत लोकेशन है. यहां रहने खाने व अन्य व्यवस्थाएं हैं. वह निकट भविष्य में भोजपुरी फिल्म निर्माताओं को यहां फिल्मों की शूटिंग के लिए आने के लिए अनुरोध करेंगे.

गुप्ता ने बताया कि साल 1982 में पहली उत्तराखंडी फिल्म जग्वाल के नाम से बनी थी, लेकिन अब तक कुमाऊंनी और गढ़वाली फिल्म उद्योग उच्च स्तर पर नहीं पहुंच पाया है, जहां उसे पहुंचाना चाहिए था. उन्होंने इसकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए मुंबई में पहला उत्तराखंड फिल्म अवॉर्ड समारोह वर्ष 2018 में आयोजित किया था, जिसमें जग्वाल से लेकर उस समय तक की फिल्मों को शामिल किया गया था.

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उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में उत्तराखंडी फिल्मों के लिए अवार्ड समारोह आयोजित करेंगे. अगले साल एक गढ़वाली फिल्म की शूटिंग करने की बात भी उन्होंने कही, उसके बाद कुमाऊंनी फिल्म भी बनाएंगे. उन्होंने कहा कि भोजपुरी फिल्म उद्योग इस बीच खूब फला-फूला है और टीवी पर भी एक दर्जन से ज्यादा चैनल भोजपुरी के हैं. उसी तर्ज पर उत्तराखंड में भी आंचलिक सिनेमा के विकास की संभावनाएं हैं. अच्छी कहानी और गुणवत्ता वाली फिल्मों और शहरों में पीपीपी मोड पर थिएटर खोलने होंगे. इस दौरान अवार्ड कमेटी के सदस्य राधाकिशन राजभर, विधायक प्रतिनिधि गणेश रावत भी मौजूद रहे.

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