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सरकारी अस्पताल छोड़ निजी चिकित्सालयों में इलाज करा रहे मंत्री अफसर, यशपाल आर्य ने कसा तंज

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Published : Sep 20, 2022, 10:38 AM IST

Updated : Sep 20, 2022, 10:52 AM IST

Leader of Opposition Yashpal Arya

डीजी हेल्थ के प्राइवेट हॉस्पिटल (DG Health Private Hospital) में भर्ती होने के बाद प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य (Leader of Opposition Yashpal Arya) ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से मंत्री और स्वास्थ्य विभाग (Uttarakhand Health Department) के मुखिया निजी अस्पताल में इलाज करा रही हैं. इससे साफ जाहिर हो रहा है कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुकी है. मंत्रियों और अधिकारियों को भी सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर विश्वास नहीं है.

हल्द्वानी: उत्तराखंड के स्वास्थ्य महानिदेशक (Uttarakhand Director General of Health) डॉक्टर शैलजा भट्ट (Uttarakhand DG Health Shailja Bhatt) को बीती शुक्रवार सुबह एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी थी. टक्कर की वजह से उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया. जिसके बाद वे मसूरी रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया. वहीं डीजी हेल्थ के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती होने के बाद प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में हैं. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य (Leader of Opposition Yashpal Arya) ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा है.

बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं:उत्तराखंड की सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था किस तरह से बदहाल है ये बात किसी से छुपी नहीं है. प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक करने के लिए लगातार मांग उठती रही है, लेकिन आश्वासन के बावजूद हालात जस के तस बने हुए हैं. जहां प्रदेश की आम जनता सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था के सहारे है तो वहीं प्रदेश के नौकरशाह और मंत्री निजी अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं. स्वास्थ्य महानिदेशक डॉक्टर शैलजा भट्ट सड़क हादसे में घायल होने के बाद निजी अस्पताल में अपना इलाज करवा रही हैं. इस पर विपक्ष पूरी तरह से हमलावर हो गया है.
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विपक्ष ने साधा निशाना:नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य (Leader of Opposition Yashpal Arya) ने कहा है कि जिस तरह से मंत्री और स्वास्थ्य विभाग (Uttarakhand Health Department) की मुखिया शैलजा भट्ट निजी अस्पताल में अपना इलाज करवा रही हैं, इससे सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल रही है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के मुखिया निजी अस्पताल में इलाज करा रही हैं, इससे साफ जाहिर हो रहा है कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुकी है.

मंत्रियों और अधिकारियों को भी सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर विश्वास नहीं है. जिससे वह अपना इलाज प्राइवेट अस्पतालों में करवा रहे हैं. यशपाल आर्य ने कहा है कि जिस तरह से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था खराब हो चुकी है, वह किसी से छुपी नहीं है. सबसे बुरा हाल पहाड़ों पर है, जहां लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है.
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कब मिलेगी बेहतर सुविधा:लोगों को इलाज के लिए हल्द्वानी और देहरादून जाना पड़ रहा है, लेकिन सरकार है कि स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. यहां तक कि सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था इतनी खराब हो चुकी है कि वहां पर न ही डॉक्टर हैं. ना ही दवाइयां हैं. पहाड़ पर प्रसव पीड़ा के दौरान महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है. जिसके चलते जच्चा बच्चा तक की मौत हो जाती है, जो चिंता का विषय है.

Last Updated :Sep 20, 2022, 10:52 AM IST

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