उत्तराखंड

uttarakhand

HC से संविदा कर्मियों को बड़ी राहत, 'वन स्टॉप सेंटर' में आउटसोर्सिंग कर्मियों की नियुक्ति पर लगी रोक

By

Published : Aug 7, 2023, 10:49 PM IST

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 'वन स्टॉप सेंटर' में आउटसोर्सिंग कर्मियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सरकार के निर्णय के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की है.

uttarakhand highcourt
उत्तराखंड हाईकोर्ट

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद केंद्र सरकार के निर्देश पर जिलों में गठित 'वन स्टॉप सेंटर' में नियुक्त संविदा कर्मियों के स्थान पर आउटसोर्सिंग के जरिए कार्मिकों की नियुक्ति करने के राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने सरकार के इस निर्णय के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ में हुई.

मामले के अनुसार, निर्भया कांड के बाद केंद्र सरकार की मदद से उत्तराखंड के जिलों में 'वन स्टॉप सेंटर' गठित हुए. जहां कार्मिकों की नियुक्ति संविदा के रूप में हुई. बाद में सरकार ने इस योजना का नाम मिशन शक्ति रखा और उसमें 'सबल' व 'सामर्थ्य' उप योजना, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान व नारी अदालत भी जोड़ी गई. किन्तु राज्य सरकार ने नई योजनाएं जोड़ने के बाद 29 नवंबर 2022 को एक आदेश जारी कर पूर्व से संविदा में काम कर रहे कार्मिकों की सेवा समाप्त कर उनके स्थान पर आउटसोर्सिंग के जरिए कार्मिक नियुक्त करने निर्देश दिए. राज्य सरकार के इस आदेश को शासित कांडपाल, विशाल घिल्डियाल, सरोजनी जोशी, माया नेगी रावत व अन्य ने अलग-अलग याचिकाओं के जरिये हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि वे इन पदों के योग्य हैं और उनके बदले आउटसोर्सिंग से नियुक्ति का निर्णय गलत है.
ये भी पढ़ेंःहाईकोर्ट में हुई लक्सर बाढ़ प्रभावितों पर सुनवाई, याचिकाकर्ता से 10 दिन में मांगा शपथपत्र

सभी पक्षों को सुनने और अंब्रेला स्कीम मिशन शक्ति के चार्टर का अध्ययन करने के बाद हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, 'आक्षेपित आदेश, जिसके द्वारा याचिकाकर्ताओं की सेवाएं, जो विभाग में कई वर्षों से काम कर रहे थे, को बिना किसी तुक या कारण के समाप्त कर दिया गया है और उनकी जगह आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा संविदा कर्मचारियों के एक अन्य समूह को नियुक्त कर दिया गया है. राज्य सरकार की इस प्रकार की कार्रवाई गलत है, क्योंकि एक कल्याणकारी राज्य में इस तरह की मनमानी की कभी उम्मीद नहीं की जा सकती है'.

कोर्ट ने सरकार के आदेश पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ताओं को संविदा कर्मचारियों के रूप में उनकी नियुक्ति के नियमों और शर्तों के अनुसार जारी रखने की अनुमति दी है और मिशन शक्ति अम्ब्रेला प्रोजेक्ट के चार्टर और दिशानिर्देशों के अनुसार योजना समाप्त होने तक उनके पारिश्रमिक का भुगतान किए जाने के निर्देश दिए हैं. इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 6 अक्टूबर 2023 नियत की गई है.
ये भी पढ़ेंःप्लास्टिक वेस्ट पर नैनीताल हाईकोर्ट ने धामी सरकार को दिए ये निर्देश, कौशल विकास योजना में भी नोटिस

ABOUT THE AUTHOR

...view details