उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

देहरादून में शराब की दुकान शिफ्ट करने के आदेश पर HC की रोक, मुख्य सचिव से जवाब तलब

Dehradun Liquor Shop Shifting मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने आबकारी आयुक्त के शराब की दुकान शिफ्ट करने के आदेश पर रोक लगा दी है. साथ ही इस मामले में मुख्य सचिव से जवाब मांगा है. साथ ही सवाल भी पूछे हैं.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 19, 2023, 10:15 PM IST

नैनीतालःदेहरादून मेंहरिद्वार बाईपास रोड पर रिस्पना पुल के पास स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान को हटाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने दुकान हटाने के आदेश पर रोक लगा दी. साथ ही मुख्य सचिव से चार हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है.

हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव एसएस संधू से पूछा है कि एक ही व्यक्ति को आबकारी आयुक्त और सचिव कैसे नियुक्त किया है? आयुक्त के आदेश का सरकार रिव्यू कर सकती है, लेकिन आयुक्त के आदेश को सुनने के लिए आपने कैसे उसी व्यक्ति को सचिव का चार्ज भी दे दिया? इन तमाम सवालों और मामलों को लेकर कोर्ट ने मुख्य सचिव से जवाब तलब किया है.

गौर हो कि देहरादून निवासी अवनीश क्षेत्री ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि उन्हें हरिद्वार बाईपास रिस्पना पुल के पास अंग्रेजी शराब की दुकान का लाइसेंस दिया गया था, लेकिन आस पास के लोगों ने उसे हटाने के लिए जिलाधिकारी से शिकायत की. उस शिकायत पर जिलाधिकारी ने दुकान हटाने के आदेश दे दिए.
ये भी पढ़ेंःकीर्तिनगर राजस्व उपनिरीक्षक पर गिरी गाज, शराब पीकर ड्यूटी करने पर निलंबित

इस आदेश के खिलाफ उन्होंने आबकारी आयुक्त के पास अपील दायर की, लेकिन आयुक्त ने उनकी अपील को खारिज कर दिया. ऐसे में उन्हें इस आदेश के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी. लिहाजा, उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए दुकान हटाने के आदेश पर रोक लगा दी.

वहीं, सुनवाई के दौरान कोर्ट के सामने एक विधिक प्रश्न ये आया कि एक ही व्यक्ति को आबकारी आयुक्त और सचिव का चार्ज कैसे दिया जा सकता है? अपने ही आदेश का वो कैसे रिव्यू कर सकता है. इसके लिए अलग-अलग व्यक्ति नियुक्त होने थे. तभी आयुक्त के आदेश को सुना जा सकता है. अब मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details