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दून में परिवार के 5 लोगों के हत्यारे को फांसी की सजा का मामला, HC ने तलब किए रिकॉर्ड

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Published : Oct 26, 2021, 2:00 PM IST

देहरादून के हरमीत ने 2014 में दीपावली की रात घर के पांच सदस्यों की हत्या कर दी थी. देहरादून सत्र न्यायालय ने हत्यारे को फांसी की सजा सुनाई थी. नैनीताल हाईकोर्ट ने सत्र न्यायालय के फैसले से जुड़े सारे रिकॉर्ड तलब किए हैं. इस मामले की सुनवाई अब चार सप्ताह बाद होगी.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट

नैनीताल: हाइकोर्ट ने 2014 में दीपावली की रात को अपने ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या करने पर सत्र न्यायालय देहरादून द्वारा फांसी की सजा दिए जाने के मामले पर सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सत्र न्यायालय का समस्त रिकॉर्ड तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी. आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ में हुई.

जिला सत्र न्यायाधीश (पंचम) आशुतोष मिश्रा ने हत्यारे हरजीत को अपने ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या करने पर 5 अक्टूबर 2021 को फांसी की सजा सुनवाई थी. सत्र न्यायालय ने अपने आदेश की पुष्टि करने हेतु आज यह आदेश माननीय उच्च न्यायालय को भेजा था. जिसपर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने सत्र न्यायालय का सम्पूर्ण रिकॉर्ड तलब किया. मामले के अनुसार 23 अक्टूबर 2014 को हरमीत ने पिता जय सिंह, सौतेली मां कुलवंत कौर, गर्भवती बहन हरजीत कौर, तीन साल की भांजी सहित बहन के कोख में पल रहे बच्चे की भी चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी.

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हत्यारे ने पांच लोगों की हत्या करने में चाकू से 85 बार वार किया, जिसकी पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट से हुई. पुलिस ने जांच में पाया कि हरमीत के पिता की दो शादियां थी. उसको शक था कि उसके पिता सारी संपत्ति सौतेली बहन के नाम पर न कर दें. उसकी सौतेली बहन एक हफ्ता पहले अपनी डिलीवरी के लिए आई हुई थी. उसकी सालगिरह 25 अक्टूबर को थी, जिसकी वजह से वह अपने बच्चे की डिलीवरी 25 अक्टूबर को ही कराना चाहती थी. अगर वह डिलीवरी एक दिन पहले करा लेती तो शायद उसकी जान बच सकती थी. हरमीत ने जिसका फायदा उठाते हुए दीपावली की रात को घर पर पांच लोगों की निर्मम हत्या कर दी.

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इस केस का मुख्य गवाह पांच वर्षीय कमलजीत बच गया. हत्यारे ने घटना को चोरी दिखाने के लिए अपना हाथ भी काट लिया था. घटना देहरादून के आदर्श नगर की थी. 24 अक्टूबर 2014 को पुलिस ने हरमीत के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. जिला सत्र न्यायाधीश (पंचम) आशुतोष मिश्रा ने 5 अक्टूबर 2021 को उसे फांसी की सजा सुनाई. साथ में एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया था. अपने इस आदेश की पुष्टि करने के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने माननीय उच्च न्यायालय को आदेश भेजा था. जिसपर आज कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद सत्र न्यायालय का समस्त रिकॉर्ड तलब किया है.

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