ETV Bharat / state

कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा: मैक्स कॉरपोरेट को नहीं मिली राहत, HC ने सरकार से मांगा जवाब

मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर शरद पंत व मल्लिका पंत ने अग्रिम जमानत के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. लेकिन कोर्ट ने उन्हें कोई राहत नहीं दी.

कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा
कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा
author img

By

Published : Oct 25, 2021, 3:54 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े में लिप्त मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर शरद पंत व मल्लिका पंत की तरफ से दायर अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की. कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद उनको फिलहाल कोई राहत नहीं देते हुए सरकार से 11 नवम्बर तक जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी.

आज मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में हुई. पूर्व में कोर्ट ने उनसे कहा था कि वे जांच में सहयोग करें और सीजेएम हरिद्वार के वहां अंतरिम जमानत हेतु प्रार्थना पत्र पेश करें. सरकार की तरफ से कहा गया था कि जांच में इनके खिलाफ अन्य आरोप भी पाए गए हैं.

पढ़ें- मुख्यमंत्री धामी पहुंचे सचिवालय, आपदा को लेकर समीक्षा बैठक, राहत राशि बढ़ाने पर होगी चर्चा

मामले के अनुसार शरद पंत व मल्लिका पंत ने याचिका दायर कर कहा था कि वे मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेस में एक सर्विस प्रोवाइडर हैं. परीक्षण और डेटा प्रविष्टि के दौरान मैक्स कॉर्पोरेट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था. इसके अलावा परीक्षण और डेटा प्रविष्टि का सारा काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया था. इन अधिकारियों की मौजूदगी में परीक्षण स्टालों ने जो कुछ भी किया था, उसे अपनी मंजूरी दे दी थी. अगर कोई गलत कार्य कर रहा था तो कुंभ मेले के दौरान अधिकारी चुप क्यों रहे?

बता दें कि तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि कुंभ मेले के दौरान इनके द्वारा अपने को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी तरीके से टेस्ट इत्यादि कराए गए. एक व्यक्ति ने सीएमओ हरिद्वार को एक पत्र भेजकर शिकायत की थी कि कुंभ मेले में टेस्ट कराने वाले लैबों द्वारा उनकी आईडी व फोन नंबर का उपयोग किया है. जबकि उनके द्वारा रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने हेतु कोई रजिस्ट्रेशन व सैम्पल नहीं दिया गया. इसके बाद ये पूरा मामला खुला.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े में लिप्त मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर शरद पंत व मल्लिका पंत की तरफ से दायर अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की. कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद उनको फिलहाल कोई राहत नहीं देते हुए सरकार से 11 नवम्बर तक जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी.

आज मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में हुई. पूर्व में कोर्ट ने उनसे कहा था कि वे जांच में सहयोग करें और सीजेएम हरिद्वार के वहां अंतरिम जमानत हेतु प्रार्थना पत्र पेश करें. सरकार की तरफ से कहा गया था कि जांच में इनके खिलाफ अन्य आरोप भी पाए गए हैं.

पढ़ें- मुख्यमंत्री धामी पहुंचे सचिवालय, आपदा को लेकर समीक्षा बैठक, राहत राशि बढ़ाने पर होगी चर्चा

मामले के अनुसार शरद पंत व मल्लिका पंत ने याचिका दायर कर कहा था कि वे मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेस में एक सर्विस प्रोवाइडर हैं. परीक्षण और डेटा प्रविष्टि के दौरान मैक्स कॉर्पोरेट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था. इसके अलावा परीक्षण और डेटा प्रविष्टि का सारा काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया था. इन अधिकारियों की मौजूदगी में परीक्षण स्टालों ने जो कुछ भी किया था, उसे अपनी मंजूरी दे दी थी. अगर कोई गलत कार्य कर रहा था तो कुंभ मेले के दौरान अधिकारी चुप क्यों रहे?

बता दें कि तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि कुंभ मेले के दौरान इनके द्वारा अपने को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी तरीके से टेस्ट इत्यादि कराए गए. एक व्यक्ति ने सीएमओ हरिद्वार को एक पत्र भेजकर शिकायत की थी कि कुंभ मेले में टेस्ट कराने वाले लैबों द्वारा उनकी आईडी व फोन नंबर का उपयोग किया है. जबकि उनके द्वारा रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने हेतु कोई रजिस्ट्रेशन व सैम्पल नहीं दिया गया. इसके बाद ये पूरा मामला खुला.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.