उत्तराखंड

uttarakhand

वसीम रिजवी की जमानत याचिका खारिज होने के बाद बिगड़ी संतों की तबीयत, अनशन को सत्याग्रह में बदला

By

Published : Jan 15, 2022, 7:48 PM IST

Updated : Jan 15, 2022, 9:49 PM IST

जितेंद्र नारायण त्यागी की जमानत खारिज होने की खबर के बाद अनशन पर बैठे दोनों संतों की तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद उन्होंने अनशन समाप्त कर, सत्याग्रह शुरू कर दिया है.

saints-convert-fasting-into-satyagraha-after-waseem-rizvi-bail-plea-was-rejected
अनशन को सत्याग्रह में बदला

हरिद्वार: धर्म संसद हेट स्पीच मामले में जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को झटका लगा है. हरिद्वार सीजेएम कोर्ट ने मामले में जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की जमानत याचिका खारिज कर दी है. याचिका खारिज होने के बाद हरिद्वार में अनशन पर बैठे स्वामी यति नरसिंहानंद गिरी व स्वामी अमृतानंद ने अब कोर कमेटी के आग्रह के बाद अनशन को समाप्त कर दिया है और सत्याग्रह शुरू कर दिया है.

धर्म संसद के आयोजकों में से एक रहे और कोर कमेटी के सदस्य स्वामी आनंद स्वरूप ने बताया कि वसीम रिजवी की जमानत याचिका निरस्त होने के बाद अनशन पर बैठे स्वामी यति नरसिंहानंद गिरि व अमृतानंद की तबीयत अचानक बिगड़ गई. जिसके बाद कोर कमेटी ने दोनों संतों से जल ग्रहण करने का आग्रह किया गया और उन्होंने जल ग्रहण किया.

अनशन को सत्याग्रह में बदला

पढ़ें-हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच मामले में वसीम रिजवी को झटका, जमानत याचिका खारिज

स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि अब यह लड़ाई काफी लंबी चलने वाली है. जिसके लिए हमें दोनों ही संतों की अति आवश्यकता है. ऐसे में हमारे द्वारा छोटी सी गलती भी विरोधियों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है. इसी को देखते हुए हमने दोनों संतों से आग्रह किया था कि वह जल ग्रहण करना प्रारंभ करें. दोनों ही संतों ने इसे मान भी लिया है.

पढ़ें-रसोई पर पड़ रही महंगाई की मार, उत्तराखंड में आसमान छू रहे सब्जी और राशन के दाम

अनशन पर बैठे स्वामी यति नरसिंहानंद ने कहा कि मुझे इस तरह की उम्मीद नहीं थी कि मुस्लिम समाज से हिंदू धर्म में आए जितेंद्र नारायण त्यागी के साथ अन्याय होगा. मैं कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं, यह लड़ाई अब कितनी लंबी चलेगी यह भी कहना मुश्किल है.

Last Updated : Jan 15, 2022, 9:49 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details