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शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती हुए ब्रह्मलीन, CM धामी सहित संतों ने जताया दुख

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Published : Sep 11, 2022, 7:22 PM IST

Updated : Sep 11, 2022, 8:27 PM IST

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शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती 99 वर्ष की आयु में ब्रह्मलीन हो गए. जिसके बाद से देशभर के साथ हरिद्वार के संत समाज में शोक की लहर है. शंकराचार्य के निधन होने पर संत समाज ने इसे सनातन धर्म की बड़ी क्षति बताया है. वहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी, पूर्व सीएम हरीश रावत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने भी शोक जताया है.

हरिद्वार: शारदापीठ और ज्योतिष पीठ (Shardapeeth and Jyotish Peeth) के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati) के ब्रह्मलीन होने की खबर के बाद हरिद्वार स्थित उनके आश्रम में सन्नाटा पसर गया है. हरिद्वार के कनखल स्थित शंकराचार्य मठ (Shankaracharya Math at Kankhal) में संत शंकराचार्य के ब्रह्मलीन होने का समाचार मिलने से शोकाकुल हैं.

धर्मनगरी हरिद्वार (Dharmanagari Haridwar) में शंकराचार्य के निधन से संत समाज में शोक की लहर है. निरंजनी पीठ के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद (Acharya Mahamandaleshwar Kailashanand) ने इसे सनातन धर्म की बहुत बड़ी क्षति बताया. उन्होंने सन्यास परंपरा में शंकराचार्य के महत्व को बताते हुए कहा कि आज पूरा संत समाज इस क्षति से आहत है.

संतों ने जताया दुख.

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वहीं, महानिर्वाणी अखाड़े के महंत रविंद्रानंद (Shri Mahant Ravindranand of Mahanirvani Akhara) ने भी शंकराचार्य के साथ जुड़ी हुई यादों को साझा किया. उन्होंने उनके उच्च ज्ञान ओर सरल स्वभाव से जुड़े वाक्ये को साझा किया. शंकराचार्य मठ के केयर टेकर और शंकराचार्य के शिष्य श्रवन्नानंद ब्रह्मचारी ने कहा वे 2021 में हरिद्वार कुंभ में आये थे. उसके बाद से वे हरिद्वार नहीं आ पाए. वे बदरीनाथ जाते समय हरिद्वार प्रवास करते थे.

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद हुए ब्रह्मलीन

बता दे की शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती स्वतंत्रता सेनानी, रामसेतु रक्षक, गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करवाने वाले और राम जन्मभूमि के लिए लंबा संघर्ष करने वाले, गोरक्षा आंदोलन के प्रथम सत्याग्रही, रामराज्य परिषद के प्रथम अध्यक्ष, पाखंडवाद के प्रबल विरोधी रहे थे.

वहीं, शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी, पूर्व सीएम हरीश रावत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने भी शोक जताया है. सीएम धामी ने ट्वीट पर लिखा कि सनातन धर्म के ध्वजवाहक पूज्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के देहावसान का दुखद समाचार मिला. स्वामी जी का निधन संत समाज के साथ ही पूरे राष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है. मैं प्रभु शिव से पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना करता हूं.

वहीं, हरीश रावत ने ट्वीट किया कि पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के ब्रह्मलीन होने का समाचार सुनकर मुझे अत्यंत दुख हुआ. मैं, उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं. भगवान, उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें.

हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने पोस्ट में लिखा आध्यात्मिक जगत के दैदीप्यमान सूर्य, श्री द्वारका-शारदा पीठ व ज्योतिर्मठ पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के ब्रह्मलीन होने की खबर से हृदय बहुत व्यथित है. उनके महाप्रयाण से आज आध्यात्मिक जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करम माहरा ने भी शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा हिंदुओं के सबसे बड़े धर्म गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का निधन समाज के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है. राम मंदिर निर्माण के लिए भी उन्होंने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी. स्वामी जी का निधन संपूर्ण समाज के लिए अपूरणीय क्षति है. परमपिता परमात्मा दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें.

चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत प्रवक्ता डॉ. बृजेश सती ने कहा शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को धार्मिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए हमेशा याद किया जाएगा. उन्होंने चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों की ओर से उनके निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की.

Last Updated :Sep 11, 2022, 8:27 PM IST

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