उत्तराखंड

uttarakhand

Mauni Amavasya 2023: मौनी अमावस्या पर हर हर गंगे से गूंजा हरिद्वार, आस्था की डुबकी लगाने की होड़

By

Published : Jan 21, 2023, 8:24 AM IST

Updated : Jan 22, 2023, 11:14 AM IST

Mauni Amavasya
मौनी अमावस्या ()

धर्मनगरी हरिद्वार में मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है. कड़ाके की ठंड में भी श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शास्त्री की मानें तो आज के दिन गंगा स्नान और दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान कर रहे श्रद्धालु.

हरिद्वार:आज मौनी अमावस्या है. यानी माघ मास में पड़ने वाली अमावस्या. इस बार अमावस्या शनिवार को पड़ी है. इस मौके पर हरिद्वार में गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है. मौसम खराब होने और भीषण ठंड के बावजूद श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा कर पुण्य और मोक्ष की कामना कर रहे हैं. वहीं मौनी अमावस्या पर करीब 2 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई.

हरिद्वार के घाटों पर उमड़े श्रद्धालु: आपको बता दें कि मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान करने के लिए देर रात से ही श्रद्धालुओं का हरिद्वार पहुंचना शुरू हो गया था. यहां पर दूर दूर से श्रद्धालु आये हैं. ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर मां गंगा में स्नान करने और दान करने से कष्ट दूर होते हैं. मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

मौनी अमावस्या का है बड़ा महत्व: पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि जो अमावस्या माघ मास में पड़ती है. उसको माघी अमावस्या अर्थात मौनी अमावस्या कहते हैं. जैसे नाम से ही इसका भान होता है मौन रहने वाली अमावस्या. यानी मौनी अमावस्या कहलाती है. अगर यह शनिवार को पड़े तो ऐसे पर विशेष योग बनते हैं. आज के दिन विशेष स्नान का महत्व इसलिए बढ़ जाता है. माघ मास में ही समुद्र मंथन हुआ है. समुंद्र मंथन से निकले अमृत कलश की चार बूंदें जहां पड़ीं वहां देवता भी स्वयं स्नान करने आते हैं.

मौनी अमावस्या पर मौन रहकर करते हैं स्नान: पंडित मनोज त्रिपाठी ने कहा कि चारों कुम्भ क्षेत्र में मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर स्नान करना चाहिए. जो व्यक्ति अपने कार्यों अनुसार मौन न रह सके और आज के दिन किसी को दुर्वचन न कहे, तो वो भी मौन के समान ही माना जाता है. उन्होंने कहा कि आज के दिन मौन रहकर स्नान करें. स्नान पश्चात विशेष तौर पर छत्र यानी कि छाता, पलंग, शैया दान अर्थात गौदान, स्वर्णदान एक समान कहा गया है.

ऐसा कहा जाता है कि सतयुग में तप करने, द्वापर में भक्ति करने और त्रेता में ज्ञान अर्जन करने से जो पुण्य प्राप्त होता है, वही आज मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान करके पुण्यफल प्राप्त हो जाता है. आज के दिन जो लोग अपने पितरों के निमित्त तर्पण आदि करते हैं. उस व्यक्ति के पितृ अनंत काल के लिए इस पर्व का भी साथ रसास्वादन करके उसको आशीर्वाद देते हैं और मोक्ष को प्राप्त करते हैं.
ये भी पढ़ें-Daily Rashifal 21 January : कैसा बीतेगा आज का दिन,जानिए अपना आज का राशिफल

ठंड पर आस्था भारी: कड़ाके की ठंड के बीच बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से परिवार में सुख सृमृद्धि तो मिलती ही है, पित्रों की आत्मा भी तृप्त होती है और पुण्य की प्राप्ति होती है. मौनी अमावस्या पर पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए हैं. पूरे क्षेत्र में अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है और घाटों पर भी जल पुलिस की व्यवस्था की गई है.

Last Updated :Jan 22, 2023, 11:14 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details