देहरादून: 1977 में नेहरू इंस्टीट्यूट आफ माउंटेनियरिंग उत्तरकाशी से पर्वतारोहण का कोर्स करने के बाद पर्वतारोही विजया पंत तुली ने उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों के कई कठिन ट्रेक चढ़े हैं. उन्होंने छोटी सी आयु में गंगोत्री से बदरीनाथ, कालिंदी खालपास, भवाली कांठा से केदार घाटी जैसे अनेकों दुर्गम और खतरनाक ट्रेक सफलतापूर्वक पार किए हैं. इसके अलावा उन्होंने केदार डोम, रुद्र केदार, द्रौपदी का डांडा जैसे कई शिखरों पर भी पर्वतारोहण किया है.
पर्वतारोही विजया पंत बनीं सिंगर: ऐसे में विजया पंत ने पर्वतारोहण, ट्रेकिंग के जरिए अपनी विशेष पहचान बनाई. लेकिन कोरोनाकाल के दौरान लॉकडाउन ने उनकी जिंदगी बदल दी. उनका कहना है कि मैं उत्तरकाशी की रहने वाली हूं. एक पर्वतारोही के तौर पर मेरी पहचान है. लेकिन कोरोना के बाद परिस्थितियां बदल चुकी हैं. कई लोगों को अपने कार्यक्षेत्र बदलना पड़े हैं. उन्होंने बताया कि वह अपने परिवार के साथ मुंबई में सेटल हैं.