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देहरादून में आदि गौरव महोत्सव का धूम, दिखे जनजातीय समाज के रंग, वोकल फॉर लोकल का नारा बुलंद

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 17, 2023, 10:05 PM IST

Dehradun Aadi Gaurav Mahotsav देहरादून में आदि गौरव महोत्सव 2023 का आयोजन किया जा रहा है. आदि गौरव महोत्सव में जनजातीय समाज के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. आदि गौरव महोत्सव में प्रदर्शनी भी लगाई गई है. जिसके जरिये वोकल फॉर लोकल का संदेश दिया जा रहा है.

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देहरादून में आदि गौरव महोत्सव का धूम

देहरादून में आदि गौरव महोत्सव का धूम

देहरादून:राजधानी में इन दिनों केंद्रीय जनजाति मंत्रालय के द्वारा आदि गौरव महोत्सव 2023 का आयोजन किया जा रहा है. आदि गौरव महोत्सव 2023 में उत्तराखंड सहित देश की तमाम जनजाति की संस्कृतियों का रंग देखने को मिल रहे हैं. आदि गौरव महोत्सव में जनजातीय प्रदर्शनी भी लगाई गई है. इस प्रदर्शनी में कपड़े, लकड़ी की कलाकृतियां, घर की सजावट के समान, पहाड़ी व्यंजनों के साथ कई चीजों को शामिल किया गया है.

उत्तराखंड की 5 जनजतियों पर फोकस

देहरादून में चल रहे आदि गौरव महोत्सव में मनमोहक आदिवासी सांस्कृतिक प्रदर्शनों के साथ उत्तराखंड के आदिवासी समुदायों की समृद्ध विरासत को जीवंत कर रहा है. जनजातीय अनुसंधान संस्थान (टीआरआई) उत्तराखंड द्वारा आयोजित यह प्रदर्शनी दिन में 1 बजे से रात 10 बजे तक आगंतुकों के लिए खुलती है, जहां जनजातीय संस्कृति और हस्तशिल्प का जीवंत प्रदर्शन देखने को मिलता है.

रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन

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ईटीवी भारत ने गौरव महोत्सव में लगी एग्जिबिशन का जायजा लिया. यहां आसपास के इलाकों से आने वाले लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. लोग यहां पर लोकल प्रोडक्ट के स्टॉलों में कार्बनिक और स्थानीय उत्पादों को लेकर के बेहद उत्साहित हैं. महोत्सव के स्टॉलों में प्रॉडक्ट्स की विस्तार श्रृंखला देखी जा रही है.जिनमें कपड़े, लकड़ी की कलाकृतियां, घर के सजावटी समान, पहाड़ी व्यंजन शामिल हैं. कार्यक्रम के दौरान जौनसारी, भोटिया, बक्सा, थारू और राजी सहित राज्य के विभिन्न आदिवासी समूह शाम मनमोहक करने का काम करते हैं.

देहरादून में आदि गौरव महोत्सव का धूम

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ईटीवी भारत ने टीआरआई उत्तराखंड के निदेशक एसएस टोलिया से बात की. उन्होंने बताया जनजाति समुदाय के वीर शहीद स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की याद में यह महोत्सव मनाया जा रहा है. बिरसा मुंडा ने अपने पारंपरिक हथियारों से अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. उनकी याद में पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15, 16 और 17 नवंबर को आदि गौरव दिवस के रूप में मनाने का आह्वाहन किया. जिसके चलते इस बार दूसरी बार आदि गौरव महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने कहा इस महोत्सव का उद्देश्य प्रदेश भर में मौजूद सभी राज्यों में मौजूद सभी अलग-अलग जनजाति के लोगों को एक मंच पर लाना है. उनकी संस्कृति परंपराओं को पहचान दिलाते हुए उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए इस आदि महोत्सव का आयोजन पूरे देश भर में किया जा रहा है.

टीआरआई उत्तराखंड के निदेशक एसएस टोलिया

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उन्होंने बताया आदि गौरव महोत्सव में उत्तराखंड में खास तौर से 5 जनजतियों पर फोकस किया जा रहा है. जिसमें थारू, बोक्सा, जौनसारी, भोटिया, राजी, जनजातीय मौजूद हैं. उनके सभी सांस्कृतिक और पारंपरिक रीति-रिवाज को इस महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रदर्शित किया जाता है.

केंद्रीय जनजाति मंत्रालय की ओर से किया जा रहा आयोजन

एसएस टोलिया ने बताया इस महोत्सव में वोकल फॉर लोकल के नारे को बढ़ावा दिया जा रहा है. ज्यादातर जनजाति क्षेत्र में उत्पादित होने वाले उत्पादों को बाजार देने के लिए तकरीबन 100 से ज्यादा स्टॉल लगाये गये हैं. जिसमें जनजाति क्षेत्र के हाई वैल्यू ट्रेडिशनल उत्पाद का बाजार लगाया गया है.

आदि गौरव महोत्सव में जनजातीय समाज के रंग.

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बता दें गौरव महोत्सव 2023, हमारी समृद्ध आदिवासी विरासत को ख़ूबसूरती से दर्शा रहा है. इस सांस्कृतिक उत्सव के माध्यम से बिरसा मुंडा की विरासत को याद करने के लिए टीआरआई उत्तराखंड द्वारा यह एक सराहनीय पहल है. बीती शाम यहां प्रसिद्ध लोक गायिका माया उपाध्याय ने प्रस्तुति दी.

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