उत्तराखंड

uttarakhand

दिव्यांगों को नहीं मिल रहा बीमा पॉलिसी का लाभ, कंपनियों की मनमानी पर जवाब-तलब

By

Published : Jun 6, 2020, 9:16 PM IST

Updated : Jun 8, 2020, 4:53 PM IST

दिव्यांगों के साथ बीमा कंपनियां मनमानी कर रहीं हैं. कंपनियों की मनमानी रवैया के चलते दिव्यांगों को बीमा पॉलिसी का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

insurance-companies-arbitrary-to-giveing-policy-to-divyangjans
जल्द खत्म होगी बीमा कंपनियों की मनमानी

देहरादून: देश में एक समान मौलिक अधिकारों के तहत दिव्यांग, एचआईवी रोगियों को स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी देने के सम्बंध में एक साल पहले केंद्र सरकार ने कानून में संशोधित किया था. एक साल बीत जाने के बाद भी बीमा कंपनियां इस तरह के लोगों की पॉलिसी को घाटे का सौदा मानकर उन्हें पॉलिसी बेचने से कतरा रहीं हैं. ऐसे में एक बार फिर सरकार ने बीमा कंपनियों को सर्कुलर जारी करते हुए आगामी अक्टूबर 2020 तक इस संबंध में प्रोगेसिव रिपोर्ट तलब की है.

बता दें कि इससे पहले देश में दिव्यांग, एचआईवी, मानसिक एवं शारीरिक रोग से ग्रस्त लोगों को बीमा पॉलिसी नहीं मिलती थी. ऐसे में केंद्र सरकार ने 2019 में ही बीमा पॉलिसी में संशोधन कर इस कैटेगरी में आने वाले लोगों को पॉलिसी देने के नियमों में बदलाव किया था. मगर फिर भी इससे इन लोगों को कोई राहत नहीं मिली है.

जानकारी देते SBI मुख्य शाखा के निवेश सलाहकार जितेंद्र कुमार डंडोंन.

पढ़ें-विश्व पर्यावरण दिवस: लॉकडाउन ने बदली पर्यावरण की सूरत, सेहत को संजोए रखने की चुनौती

इस संबंध में देहरादून एसबीआई मुख्य शाखा के निवेश सलाहकार जितेंद्र कुमार डंडोंन ने बताया कि आईआरडीएआई द्वारा निर्देश देने के बावजूद बीमा कंपनियां इसलिए दिव्यांग, एचआईवी व शारीरिक रूप से ग्रस्त लोगों को पॉलिसी नहीं देती हैं.ये इन्हें घाटे का सौदा मानकर बीमा नहीं देती. जबकि देश में एक समान कानून पर मौलिक अधिकारों के तहत ही केंद्र सरकार ने पिछले दिनों इस कानून में संशोधन किया था.

पढ़ें-आज और कल देहरादून बंद, पूरा शहर हो रहा सैनेटाइज

बीमा प्रीमियम अधिक होने के बावजूद कंपनियां पॉलिसी देने से कतरा रहीं हैं: विशेषज्ञ

विशेषज्ञों की मानें तो दिव्यांग, मानसिक और शारीरिक रुप से अक्षम लोगों को बीमा पॉलिसी देने से कंपनियां इसलिए बच रही हैं. क्योंकि उनको लगता है कि उन्हें बीमाधारक के प्रीमियर से कहीं ज्यादा बार-बार उनके इलाज एवं अन्य मामलों में क्लेम देना पड़ेगा. इसलिए सरकार के कानून को दरकिनार कर कंपनियां मनमाना रवैया अपना रहीं हैं. जबकि संशोधिच कानून के मुताबिक कंपनियों को इसके एवज में इन कैटेगरी के उपभोक्ताओं से अधिक प्रीमियम लेने का भी अधिकार दिया गया है.

पढ़ें-CM त्रिवेंद्र ने सोनू सूद को कहा शुक्रिया, सोनू ने किया ट्वीट- बदरी-केदार के दर्शन को जल्द आऊंगा

बीमा कंपनियों की मनमानी का होगा अंत: विशेषज्ञ
जितेंद्र कुमार के मुताबिक अब बीमा कंपनियों की मनमानी जल्द ही खत्म होने वाली है. आगामी अक्टूबर 2020 तक बीमा कंपनियों को शारीरिक रोग ग्रस्त लोगों के विषय में पॉलिसी देकर प्रोग्रेसिव रिपोर्ट को हर हाल में देना अनिवार्य किया गया है. इतना ही बीमा कंपनियों को 5 महीने में दिव्यांग, एचआईवी और शारीरिक कष्ट झेल रहे रोगियों के लिए बीमा पॉलिसी का खाका तैयार करके वेबसाइट में भी अपडेट करना होगा.

Last Updated : Jun 8, 2020, 4:53 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details