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दिल्ली पुलिस को मिली जिंदा कारतूसों की बड़ी खेप, दून से हो रही थी सप्लाई, उत्तराखंड पुलिस को भनक तक नहीं

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Published : Aug 12, 2022, 6:43 PM IST

Updated : Aug 12, 2022, 7:50 PM IST

दिल्ली पुलिस ने एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया है. दिल्ली पुलिस ने करीब 2 हजार जिंदा कारतूसों के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनका सीधा कनेक्शन उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और हरिद्वार से निकला है. देहरादून का एक आर्म्स डीलर बीते कई सालों से असलहों को यूपी और अन्य जगहों पर भेज रहा था. सबसे बड़ी बात ये है कि उत्तराखंड पुलिस को इसकी खबर तक नहीं थी कि देहरादून से बड़ी संख्या में अवैध असलहों की सप्लाई की जा रही है.

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दिल्ली/देहरादून: पूर्वी दिल्ली जिला पुलिस की टीम ने बीती 6 अगस्त को अवैध हथियारों की तस्करी (Delhi Police busts illegal arms racket) करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है. बताया जा रहा है कि पुलिस की टीम ने दिल्ली के आनंद विहार बस इलाके से हथियार तस्करों को गिरफ्तार करके उसके पास से भारी मात्रा में अवैध हथियार और 2000 से ज्यादा जिंदा कारतूस बरामद किये हैं. इसके साथ ही दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया हेै. तब से लेकर अभीतक इस मामले में दिल्ली पुलिस कुल 6 लोगों को अरेस्ट कर चुकी है. इन अवैध कारतूसों को सीधा कनेक्शन उत्तराखंड से है. क्योंकि एक आरोपी को दिल्ली पुलिस ने देहरादून से गिरफ्तार किया है, जिसका नाम परीक्षित नेगी है और वो देहरादून में आर्म्स डीलर था.

जानकारी के मुताबिक, परीक्षित नेगी की देहरादून के राजीव गांधी कॉम्पलेक्स में शॉप नंबर 4 रॉयल गन हाउस के नाम से थी. परीक्षित नेगी का पार्टनर बिजनौर का एक व्यक्ति भी था. हालांकि, ये दुकान चार साल पहले 2018 में बंद हो चुकी है, लेकिन दिल्ली पुलिस को 2000 से ज्यादा जो जिंदा कारतूस मिले हैं, उसमें सीधे-सीधे परीक्षित नेगी और रॉयल गन हाउस का नाम सामने आया है. यानी कि वो कारतूस परीक्षित नेगी की रॉयल गन हाउस को इश्यू किए गए थे. परीक्षित नेगी को दिल्ली पुलिस ने देहरादून से ही गिरफ्तार किया है.
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इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने एक और आरोपी को हरिद्वार जिले के रुड़की से गिरफ्तार किया था, जिसका नाम नासिर है, जो परीक्षित नेगी यानी रॉयल गन हाउस को कारतूस सप्लाई करता था. राशिद और अजमल (दिल्ली में गिरफ्तार आरोपी) का सीधा कनेक्शन परीक्षित नेगी से था. राशिद और अजमल का काम परीक्षित नेगी से लिए हुए कारतूसों को आगे लखनऊ तक सप्लाई करने का था.

रॉयल गन हाउस की बंद दुकान.

ऐसे आई सच्चाई सामने:शुक्रवार 10 अगस्त को दिल्ली पुलिस के ईस्टर्न रेंज के एडिशनल कमिश्नर विक्रमजीत सिंह ने इस मामले का खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि बीती 6 अगस्त की सुबह दिल्ली पुलिस की 'आई एंड इयर स्कीम' के तहत एक ऑटो ड्राइवर ने इस मामले की जानकारी पुलिस को दी थी. उसने दो पुलिसकर्मियों को इसके बारे में बताया था कि उसने सुबह-सुबह दो लोगों को आनंद विहार छोड़ा है, जिनके पास बड़े-बड़े बैग हैं और देखने में संदेहास्पद लग रहे थे. दिल्ली पुलिस के दो सिपाही विक्रांत और कॉन्स्टेबल रोहित वहां पहुंचे. वहां उनको कॉम्पिटेंट मोटर्स के पास बड़े-बड़े बैग ले जाते हुए दो लोगों दिखाई दिए, जो उन्हें संदिग्ध लगे.

एडिशनल कमिश्नर विक्रमजीत सिंह के मुताबिक, दोनों पुलिसकर्मियों ने जब उनसे पूछताछ की तो वो भड़क गए और अपना रास्त बदल लिया. पुलिसकर्मियों ने शक के आधार पर उनका बैंग चेक किया तो उसमें बड़ी संख्या में जिंदा कारतूस मिले. बैग में 2251 गोलियां मिली. दोनों आरोपियों ने पूछताछ में अपना नाम अजमल खान और राशिद उर्फ ​​लल्लन बताया. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने इस मामले की सूचना आलाधिकारियों को दी.
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इसके बाद दिल्ली पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू की तो एक के बाद एक परतें खुलती चली गईं. इस पूरे खेल का उत्तराखंड कनेक्शन भी सामने आया. अजमल खान और राशिद ने पुलिस को बताया कि वो कारतूस देहरादून से लाए थे, जिसे वो लखनऊ लेकर जा रहे थे. इसके बाद दिल्ली पुलिस की एक टीम देहरादून भेजी गई. दिल्ली पुलिस ने देहरादून में उस व्यक्ति के बारे में कई दिनों तक काफी जानकारी एकत्र की तो पता चला कि वो आर्म्स डीलर परीक्षित नेगी है. इसके बाद पुलिस ने उसके ठिकाने पर छापा मारा और परीक्षित नेगी को गिरफ्तार कर लिया.

परीक्षित नेगी का कबूलनामा: परीक्षित नेगी ने दिल्ली पुलिस को बताया कि वो उत्तराखंड के कई गन हाउसों के साथ-साथ अन्य स्रोतों से गोला-बारूद खरीदता था और अपने गन हाउस के रिकॉर्ड में हेरफेर करने के बाद इनकी आगे सप्लाई कर देता था. वो हथियारों और गोला-बारूद की इस तरह की अवैध तस्करी में अक्सर शामिल रहा है और इससे पहले भी 4-5 बार एक ही व्यक्ति को गोला-बारूद सप्लाई कर चुका है. आरोपी परीक्षित नेगी के बयान के मुताबिक, वो पहले भी एक ही सिंडिकेट को अलग-अलग जगहों पर हजारों कारतूस सप्लाई कर चुका है.
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वहीं, आगे की जांच के दौरान गिरोह के तीन और सदस्यों की पहचान की गई, जो इस समय दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में हैं. इनमें से भी एक आरोपी उत्तराखंड के हरिद्वार जिले का रहने वाला है, जिसका नाम नासिर है. उसे दिल्ली पुलिस ने रुड़की से गिरफ्तार किया है. नासिर ही परीक्षित नेगी को कारतूस सप्लाई करता था. वहीं, एक अन्य आरोपी कामरान निवासी यमुना विहार दिल्ली भी परीक्षित नेगी को कारतूस सप्लाई करता था. छठा आरोपी सद्दाम निवासी सुता कलां (जौनपुर) को भी गिरफ्तार किया है. सद्दाम को ही अजमल और राशिद से कारतूसों की वो खेप रिसीव करनी थी.

Last Updated : Aug 12, 2022, 7:50 PM IST

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