देहरादून: देश में कोरोना वायरस की वास्तविक स्थिति और लॉकडाउन की समय सीमा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की. बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी शामिल हुए. उन्होंने जहां प्रदेश की वास्तविक स्थिति से पीएम मोदी को अवगत कराया तो वहीं लॉकडाउन में प्रदेश के आर्थिकी किस तरह से सुधारी जा सकती है उस पर पीएम मोदी के साथ चर्चा की.
बैठक के बाद सीएम त्रिवेंद्र ने बताया कि प्रधानमंत्री के समय पर लिए गए साहसिक निर्णय से देश आज खुद को सुरक्षित महसूस कर रहा है. हर भारतवासी प्रधानमंत्री को अपने अभिभावक के तौर पर देख रहा है. उत्तराखंड भी प्रधानमंत्री के मंत्र 'जान भी जहान भी’ पर काम कर रहा है.
सीएम त्रिवेंद्र ने बताया कि उत्तराखंड में भारत सरकार की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करते हुए धीरे-धीरे आर्थिक स्थिति को सुधारने पर काम कर रहे हैं. फार्मा, फूड प्रोसेसिंग की इकाइयां काम कर रही हैं. गाइडलाइन के तहत कई उद्योग शुरू हुए हैं.
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मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी की जानकारी दी कि अक्षय तृतीया पर शारीरिक दूरी (सोशल डिस्टेंस) बनाए रखते हुए गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खोले गए हैं. उत्तराखंड पर्यटन विशेष तौर पर धार्मिक पर्यटन का केंद्र रहा है. लॉकडाउन के कारण पर्यटन से जुड़े कारोबार को काफी नुकसान हुआ है. लेकिन उन्हें पूरा विश्वास है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में स्थितियां फिर सुधरेंगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मेडिकल मानकों का पालन करते हुए यह देखना चाहिए कि किन-किन और आर्थिक गतिविधियों को शुरू किया जा सकता है. निर्धारित शारीरिक दूरी और मास्क की अनिवार्यता के साथ कृषि, वानिकी, स्वरोजगार के माध्यम से धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से स्थिति सामान्य हो सकती है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के नौ पर्वतीय जिले कोरोना के प्रभाव से मुक्त हैं. वहां एनएच, मनरेगा के काम, सभी बातों का ध्यान रखते हुए शुरू किए गए हैं. प्रदेश के इकोनोमिक रिवाइवल के लिए मंत्रिमंडलीय उपसमिति और विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है, जिनकी रिपोर्ट जल्द ही मिल जाएगी. मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि मनरेगा में रोजगार की अवधि को 100 दिन से बढ़ाकर 150 दिन किया जाए.