उत्तराखंड

uttarakhand

जौनसार बावर में धूमधाम से मनाई गई बूढ़ी दिवाली, ये है मान्यता

By

Published : Nov 25, 2022, 1:29 PM IST

Etv Bharat

जौनसार बावर (Budhi Diwali in Jaunsar Bawar) में बूढ़ी दिवाली धूमधाम (Budhi Diwali celebration) से मनाई गई. इस मौके पर ग्रामीणों ने अनेकों व्यंजन बनाये. देर रात्रि तक पारंपरिक लोकगीत एवं नृत्य से पंचायती आंगन गुलजार रहे.

विकासनगर: जौनसार बावर में बूढ़ी दिवाली का जश्न (Budhi Diwali celebration) बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनायी गई है. गांव के पंचायती आंगन इन दिनों लोक संस्कृति व गीत नृत्य से गुलजार नजर आ रहे हैं. दीपावली के ठीक एक माह बाद मनाई जाने वाली बूढ़ी दीपावली या देव दीपावली जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र में मनाने की परंपरा है.

गुरुवार सुबह से ही बड़ी दीपावली के जश्न में लोग डूबे रहे. सुबह मशालें जलाकर होलियात पर्व के बाद शाम को बिरूडी पर्व मनाया गया. जिसमें पंचायती आंगन में महासू देवता के नाम से अखरोट बिखेरे गए. जिसे ग्रामीणों ने प्रसाद के रूप में ग्रहण किया. उसके बाद देर रात्रि तक गांव गांव के पंचायती आंगन में लोक संस्कृति गीत एवं नृत्य चलता रहा. सभी लोगों ने एक दूसरे को पर्व की बधाइयां दी.
पढे़ं-नैनीताल के आलूखेत में भूस्खलन से खतरा बढ़ा, लोगों ने लगाई विस्थापन की गुहार

ग्रामीणों ने बताया कि बूढ़ी दीपावली के मौके पर नौकरीपेशा लोग गांव आकर पर्व मनाते हैं. बूढ़ी दीपावली आपसी भाईचारा और सौहार्द का प्रतीक है. सभी ग्रामीण इस पर्व पर अनेकों प्रकार के व्यंजन बनाते हैं. देर रात्रि तक पारंपरिक लोकगीत एवं नृत्य से पंचायती आंगन गुलजार रहते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details