देहरादून:वो मंजर बेहद दुखद था, लेकिन समय के साथ दिखाई हुई हिम्मत ने इसे रोचक बना दिया. जिन्हें लाचार समझकर मरने के लिए छोड़ दिया जाता है, आगे चलकर वही लोगों को जीना सिखाते हैं. एक समय में जिसे लोग समाज का हिस्सा तक नहीं समझते थे, आज वो सम्मान से सिर उठा कर जी रही हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं जिसने अपनी साहस, हिम्मत और जिजीविषा के आगे हर परिस्थितियों को नत्मस्तक होने पर मजबूर कर दिया. आइए जानते हैं उनके बारे में...
एसिड अटैक सर्वाइवर मनीषा का रैंप पर दिखा साहस. यह भी पढ़ें:पिथौरागढ़: एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम में बालिकाओं को दी पोषण की जानकारी
कोलकाता की रहने वाली मनीषा पालेन एक एसिड अटैक सर्वाइवर हैं. वह बताती हैं कि 17 नवंबर 2015 को कंप्यूटर इंस्टिट्यूट में रिसेप्शनिस्ट की जॉब करती थीं. शाम को घर आते वक्त उन पर गांव के कुछ युवकों ने एसिड से हमला कर दिया था. मनीषा ने बताया कि उनके साथ जो हुआ उसका सबसे बुरा पहलु यह है, कि अभी भी आरोपी उनके सामने खुले आम घूमते हैं.
मनीषा का कहना है कि एसिड से उनका पूरा चेहरा झुलस गया, लेकिन उन्होंने अपने जीवन में कभी इसका असर नहीं पड़ने दिया. किभी भी अपनी हिम्मत को हारने नहीं दिया. हर परिस्थितियों का डटकर सामना किया. मनीषा इस भयानक घटना के बाद भी अपना, अपने पहनावे का और अपनी उन तमाम चीजों का उतना ही ध्यान रखती हैं, जितना वह एक समय में किया करती थीं. उन्होंने कहा कि जिंगदी जैसे भी दिन दिखाए, लेकिन खुद को साबित करने की ललक ही अपनी पहचान बनती है.
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मनीषा पर तेजाब से हमला होने के बाद उनकी जिंदगी बदल गई, लेकिन वो आज समाज के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरी हैं. देहरादून में चल रहे फैशन शो का वो रैंप जिस पर अच्छे-अच्छे मॉडल के कदम डगमगा जाते हैं, ऐसे में मनीषा का जोश और आत्मविश्वास ने लोगों का दिल जीत लिया. उन्होंने रैंप वॉक पर आकर अपने साहस की बेमिशाल तस्वीरें खींचने के लिए लोगों को मजबूर कर दिया. फैशन वीक में मौजूद हर किसी ने मनीषा के इस जज्बे को सराहा.