उत्तराखंड

uttarakhand

हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद, बर्फबारी के बीच इतने श्रद्धालु बने साक्षी

By

Published : Oct 10, 2022, 1:18 PM IST

Updated : Oct 10, 2022, 3:29 PM IST

सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब में भारी बर्फबारी हो रही है. इसी बीच हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. इस बार 2.47 लाख श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब में मत्था टेका.

Hemkund Sahib Kapat closed
हेमकुंड साहिब के कपाट

चमोलीः सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट आज विधि विधान के साथ बंद कर दिए गए हैं. भारी बर्फबारी के बीच करीब 1500 सिख श्रद्धालुओं का जत्था अंतिम अरदास के साक्षी रहे. वहीं, तीर्थयात्रियों में खासा उत्साह भी देखने को मिला.

बता दें कि गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब (Gurudwara Shri Hemkund Sahib) के कपाट 10 अक्टूबर यानी आज दोपहर एक बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए. कपाट बंद होने की प्रक्रिया सोमवार सुबह से शुरू हो गई थी. सुबह 10 बजे पहली अरदास हुई. इसके बाद 11ः25 बजे तक सुखमणि का पाठ और शब्द कीर्तन हुआ. इसके बाद रागी जत्थे की ओर से दरबार हॉल में मौजूद संगतों को गुरबाणी कीर्तन सुना कर निहाल किया. इस साल की अरदास कर बैंड-बाजों की धुनों के साथ धूमधाम से पंच प्यारों की अगुवाई में गुरु साहिब जी के स्वरूप को सुखासन स्थान पर सुशोभित कर दिया गया.

कपाट बंद होने के मौके पर पर भारतीय सेना की 418 लाइट इंजीनियर का दल भी मौजूद रहा. बीते दो दिनों से हो रही बर्फबारी के बावजूद संगतों की श्रद्धा और उत्साह में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रही. गौर हो कि हेमकुंड साहिब की यात्रा इस साल 22 मई को शुरू हुई थी. इस बार 2.47 लाख श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करवाकर श्री हेमकुंड यात्रा का सौभाग्य प्राप्त किया. इसके साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हिंदुओं के पवित्र तीर्थ स्थल लक्षण लोकपाल मंदिर के कपाट भी पूरे विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं.
ये भी पढ़ेंःहेमकुंड साहिब में भी पहुंची 4G इंटरनेट सेवा, Jio ने पहुंचाई फाइबर

गौर हो कि हेमकुंड साहिब में सिखों के दसवें और अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह ने तपस्या की थी. हेमकुंड साहिब विश्व भर में सबसे ऊंचाई पर स्थित गुरुद्वारा है, जो समुद्र तल से 15,225 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इस पावन स्थल के पास हिंदू धर्म का भी एक प्रमुख मंदिर है, जो हेमकुंड साहिब की बर्फीली वादियों व हेमकुंड झील के तट पर बसा लक्ष्मण मंदिर है, जो लोकपाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.

हेमकुंड संस्कृत शब्द है. इसका मतलब होता है बर्फ का कुंड. यही वजह है कि इसका नाम हेमकुंड पड़ा. हेमकुंड में झील के किनारे सिखों का प्रसिद्ध गुरुद्वारा है. बर्फ की ऊंची-ऊंची चोटियों से घिरे होने की वजह से यहां का वातावरण बेहद शांत है. यहां साल में 7-8 महीने बर्फ जमी रहती है.

हिमालय की गोद में बसे हेमकुंड साहिब में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. हेमकुंड साहिब चारों ओर से पथरीले पहाड़ और बर्फ से ढकी चोटियों के बीच बसा है. यहां का सफर काफी मुश्किल है. हेमकुंड साहिब जाने के लिए श्रद्धालुओं को बर्फीले रास्ते से होकर जाना पड़ता है.
ये भी पढ़ेंःहेमकुंड साहिब को देखा तो अचंभित रह गए मुंबई के समीर और स्नेहा, आप भी देखिए वीडियो

Last Updated : Oct 10, 2022, 3:29 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details