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धर्मेंद्र प्रधान ने की काशी के तमिल महोत्सव की तैयारी की समीक्षा, ये बोले

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Published : Nov 4, 2022, 9:04 PM IST

पूरे 1 महीने तक चलने वाले तमिल महोत्सव की तैयारियों की समीक्षा (Tamil Festival preparations reviews) करने के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Minister Dharmendra Pradhan in varanasi) वाराणसी पहुंचे. मंत्री ने बताया कि इस कार्यक्रम के जरिए दक्षिण को उत्तर भारत से जोड़ने का काम किया जाएगा.

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प्रेस वार्ता करते केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

वाराणसी:केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शुक्रवार को 1 महीने तक चलने वाले तमिल महोत्सव की तैयारियों (Tamil Festival preparations reviews) का जायजा लेने के लिए वाराणसी पहुंचे. केंद्रीय मंत्री सबसे पहले पंडित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल पहुंचे. यहां से वे रविदास घाट गए. फिर बीएचयू पहुंचकर उन्होंने तैयारियों की समीक्षा की. वहीं प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि बीएचयू आईआईटी और मद्रास आईआईटी के सहयोग से शिक्षा विभाग को आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा. ताकि 2 राज्यों की संस्कृति, सभ्यता और परस्पर संवाद के तरीके को समझ कर देश को नई दिशा और नए रूप में आगे बढ़ाया जा सके.

बता दें कि काशी में 17 नवंबर से तमिल महोत्सव की शुरुआत होने जा रही है. यह महोत्सव 16 दिसबंर तक जारी रहेगा. इस कार्यक्रम की तैयारी की समीक्षा करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान वाराणसी पहुंचे. तैयारियों का जायजा लेने के बाद मंत्री ने प्रेस वार्ता की, जिसमें उन्होंने कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सभी भाषा को महत्व दिया गया है. इसी महत्व को समझते हुए काशी में एक महीने के लिए तमिल महोत्सव (Tamil Festival in varanasi) का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में तमिलनाडु के तीन केंद्रों से 12 समूहों में कुल 2500 लोगों को काशी आमंत्रित किया गया है, जो काशी की संस्कृति और इसके महत्व को समझेंगे.

प्रेस वार्ता करते केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

धर्मेन्द्र प्रधान ने बताया कि एक महीने तक चलने वाले 'काशी तमिल संगमम' कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति की इन दो प्राचीन अभिव्यक्तियों के विभिन्न पहलुओं पर विशेषज्ञों/विद्वानों के बीच अकादमिक आदान-प्रदान- सेमिनार, चर्चा आदि आयोजित किए जाएंगे. जहां दोनों के बीच संबंधों और साझा मूल्यों को आगे लाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इसका व्यापक उद्देश्य ज्ञान और संस्कृति की इन दो परंपराओं को करीब लाना, हमारी साझा विरासत की एक समझ निर्मित करना और इन क्षेत्रों लोगों के बीच पारस्परिक संबंधों को मजबूत करना है.

धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि तमिलनाडु से आए समूह काशी की ऐतिहासिक महत्ता को समझेंगे. इस दौरान तमिलनाडु की विभिन्न सांस्कृतिक टोली काशी में अपना सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करेंगे. इसके अलावा तमिलनाडु के छोटे व्यवसायी काशी में अपना स्टाल लेकर आएंगे और अपने व्यापारिक गतिविधियों को आगे ले जाएंग.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की समग्र रूपरेखा और भावना के तहत आयोजित होने वाला ये संगमम प्राचीन भारत और समकालीन पीढ़ी के बीच एक सेतु का निर्माण करेगा. उन्होंने कहा कि काशी संगमम ज्ञान, संस्कृति और विरासत के इन दो प्राचीन केंद्रों के बीच की कड़ी को फिर से जोड़ेगा. उन्होंने बताया कि समूह काशी के अलावा प्रयागराज और अयोध्या भी जाएगा, जहां की संस्कृति के बारे में जान सकेंगे.

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