वाराणसीः प्रदेश सरकार सूबे के सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध करा रही है. खास बात ये है कि इसके लिए ई-बाउचर की भी सुविधा शुरू कर दी गई है, ताकि सहजता से कोई प्राइवेट अस्पताल में भी निःशुल्क अल्ट्रासाउंड करा सके. हैरान करने वाली बात यह है कि आयुर्वेद अस्पताल में बीते 4 महीनों से अल्ट्रासाउंड की सुविधा ही ठप है, जिसके चलते गर्भवती और मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए भटकना पड़ रहा है. हर दिन यहां बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं. ऐसे में मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है.
दरअसल, वाराणसी स्थित राजकीय आयुर्वेद अस्पताल में अल्ट्रासाउण्ड की सुविधा 4 माह से बंद है, जिसकी वजह अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का न होना है. बीते चार महीनों से यहां आने वाले मरीजों के लिए यह बड़ी समस्या बनी हुई है. गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउण्ड की सुविधा न मिलने के कारण बाहर जांच कराना पड़ रहा है. इसके बदले उन्होंने 700 से 900 रुपये की फीस देनी पड़ रही है. वैसे तो सरकार वाराणसी में टॉप लेवल की स्वास्थ्य व्यवस्था होने के दावा करती है. लेकिन राजकीय आयुर्वेद अस्पताल की ये हक्कीत दावों से कोसों दूर है.
डॉक्टर की कमीरेडियोलॉजिस्ट ने होने के चलते अस्पताल के अल्ट्रासाउण्ड के कमरे बंद पड़े हैं. वहीं, मरीजों की जांच के लिए डॉक्टर भी मौजूद नहीं हैं. अस्पताल के अधिकारियों ने ईटीवी भारत से इस मामले में बात करते हुए कहा कि इस बारे में शासन को पत्र लिखा हुआ है. साथ ही वाराणसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भी इस बारे में जानकारी दी गई है. जांच के लिए मरीज अस्पताल में आ रहे हैं, लेकिन जांच न होने के कारण वापस निजी क्लीनिक पर जाकर अल्ट्रासाउण्ड की जांच करा रहे हैं.