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Swami Prasad Statement: स्वामी प्रसाद बोले- लखनऊ के नहीं थे लक्ष्मण, इसलिए नाम बदलना उचित नहीं

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Published : Feb 12, 2023, 3:55 PM IST

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य वाराणसी दौरे पर पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने लखनऊ के नाम बदल और ग्लोबल समिट को लेकर बयान दिया है. जानिए उन्होंने क्या कहा?

स्वामी प्रसाद मौर्य .
स्वामी प्रसाद मौर्य .

स्वामी प्रसाद मौर्य का वाराणसी में विरोध.

वाराणसीःसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य इन दिनों अपने वाराणसी दौरे पर हैं. जहां पर उन्होंने लखनऊ का नाम बदलने समेत सपा एमएलए राकेश प्रताप सिंह द्वारा दिए गए बयान पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी. रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए मौर्य ने सपा एमएलए राकेश प्रताप सिंह के बयान पर कहा कि लोग कब से डॉक्टर बन गये हैं, जो मेडिकल सर्टिफिकेट देने लगे हैं. अधजल गगरी छलकत जाए. जिनको कुछ आता जाता नहीं, जो उत्तर नहीं दे पाता, उसको पागल ही कहेंगे और कुछ नहीं कहेंगे. हम ऐरे गैरे नत्थू खैरे की पार्टी में शिकायत नहीं करते हैं.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि 'लखनऊ का नाम लक्ष्मण की वजह से नहीं बल्कि लखनऊ के राजा लखन पासी की पत्नी लखनावती के नाम पर पड़ा है. यदि नाम बदलने का शौक है तो लखनऊ का नया नाम लखनऊ पासी कर दो. नाम बदलने पर आपत्ति के सवाल पर सपा नेता ने कहा कि कोई दूसरा आ करके कब्जा नहीं कर सकता, जो जहां के नाम पर है उसी को लाओ. आपके घर पर कोई दूसरा कब्जा कर लेगा तो आप क्या करोगे. लक्ष्मण यहां के थे ही नहीं.'

लखनऊ का नाम बदलना उचित नहींः मौर्य ने कहा कि 'लक्ष्मण की मूर्ति आज लग गई है तो क्या मूर्ति लगने जाने के बाद नाम बदल दिया जाएगा. आज भी लखनऊ में लखन पासी के किले का साक्ष्य मौजूद है. यदि लखनऊ का नाम लखनऊ पासी नहीं कर पा रहे तो पासी समाज की गौरव उँदा देवी के नाम पर ही कर दो. जिन्होंने लखनऊ में अकेले 36 अंग्रेजी सैनिकों को मारकर के गिराया था. यह तो आपसे हो नहीं सकता.' मौर्य ने कहा कि 'पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने लखनऊ को गंगा जमुना तहजीब का केंद्र माना था. वो अपने भाषणों में कहते थे, लखनऊ हमारे देश की सांस्कृतिक पहचान है. हैरान करने वाली बात यह है कि आज उन्हीं की पार्टी लखनऊ का नाम बदल रही है, जो कि उचित नहीं है.'

सरकारी संस्थान अडानी और अंबानी को बेचाःइस दौरान स्वामी प्रसाद ने इन्वेस्टर्स समिट पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट, बंदरगाह, रेलवे एलआईसी सब बेच दिया है, आखिर यह कौन सी सरकार है. जिन सरकारी संस्थानों में नौजवानों को नौकरी मिलने थी, वह सरकारी संस्थान अडानी और अंबानी को बेच दिए जा रहे हैं. जब सरकारी संस्थान उद्योगपति चलाएंगे तो नौजवानों को कहा से रोजगार मिलेगा.'

युवाओं को क्यों नहीं रोजगार मिलाः उन्होंने कहा कि ये इन्वेस्टर्स समिट या ग्लोबल समिट पहली बार नहीं हो रहा है. इसके पहले भी कई बार हुआ है. इन्वेस्टर्स समिट करने से यहां कितनी इंडस्ट्री की स्थापना होगी. कितने नौजवानों को रोजगार मिलेगा, ये मानक निर्धारित करता है. यूपी में माहौल है उद्योग लगाने का तो आखिर क्यों नहीं अभी तक यह उद्योग लग पाया, क्यों नहीं युवाओं को रोजगार मिला. उन्होंने कहा कि हर बार इन्वेस्टर्स समिट करके वाहवाही लूटी जाती है, लेकिन धरातल पर कुछ दिखाई नहीं देता. कथनी और करनी एक होनी चाहिए. युवाओं को रोजगार मिलता दिखाई नहीं देता है. इसलिए सरकार अपनी असफलताओं पर पर्दा डालने के लिए कहीं जिले के नाम बदलने की चर्चा करती है,तो कहीं लखनऊ का नाम बदल दिया जाए तो कहीं किसी का नाम बदल दिया जाए.


मोहन भागवत को सभी धर्मों को स्वीकार करना चाहिएःमोहन भागवत के गले लगने के बात पर उन्होंने कहा कि भागवत जी कहते हैं कि हिंदू धर्म से ही सभी अन्य धर्म निकले हैं. तो ऐसे में सब हिंदू धर्म के हिस्सा हैं. मोहन भागवत को सभी से गले मिलना चाहिए और उनको स्वीकार करना चाहिए. गले लगने में कोई बुराई नहीं है.


हिंदूवादी संगठनों ने स्याही और कपड़ा फेंक कर मौर्य का किया विरोधःगौरतलब हो कि स्वामी प्रसाद मौर्य दो दिवसीय वाराणसी दौरे पर हैं. वाराणसी से सोनभद्र जाते समय राम नगर थाना क्षेत्र के टेंगड़ा मोड़ पर पहुंचते ही कुछ हिंदूवादी संगठन के युवाओं ने स्वामी प्रसाद मौर्या का जमकर विरोध किया. इसके साथ ही उन्होंने उनकी गाड़ी के सामने आते हुए काले कपड़े व स्याही फेंक दिया. स्वामी प्रसाद मौर्या की गाड़ी भी इस दौरान अनियंत्रित हो गई. हालांकि मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने विरोध कर रहे हिंदूवादी संगठन के युवाओं को किसी तरह रोकने में सफलता पाई. इसके बाद जिसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्या का काफिला अपने गंतव्य की तरफ बढ़ सका.

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