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2000 रुपये के नोट की बंदी से नहीं आएगी मंदी, वाराणसी के बाजारों में आया बूम, जानें कैसे?

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Published : May 24, 2023, 6:28 PM IST

Updated : May 25, 2023, 10:01 AM IST

वाराणसी के बाजारों में 2000 रुपये के नोट की बंदी के बाद ज्वैलरी और कपड़ों की बिक्री काफी बढ़ गई है. यहां 2000 के नोट बंद होने से आम जनता पर कोई असर नहीं पड़ा है.

वाराणसी
वाराणसी

वाराणसी: भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपए के नोट को अब सर्कुलेशन से वापस ले लिया है. आरबीआई के इस फैसले के बाद से बाजारों में असर दिख रहा है. ऐसे में वाराणसी के बाजारों में अब पेट्रोल पंप से लेकर ज्वैलरी शॉप तक ये नोट खर्च किए जा रहे हैं. इस फैसले से बाजार में एक तरह बूम दिखाई पड़ रहा है, न कि मार्केट को नुकसान पहुंचा है. चार्टर्ड अकाउंटेंट का कहना है कि 2000 के नोट बंद होने से आम जनता को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

चार्टर्ड अकाउंटेंट्स जय प्रद्ववानी ने दी यह जानकारी.

नोटबंदी का वो समय:8 नवंबर 2016 की रात के बाद से 500 और 1000 रुपए के नोट लीगल टेंडर नहीं रह गए थे. इसके बाद से लोगों में अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला था. इस दौरान भी कई जगहों पर इन नोटों को खपाने के लिए कमीशन का खेल सामने आया था. कुछ जगहों पर ये रुपए फेंके भी गए थे. अब 2000 के नोट बंद होने के बाद बाजार में कुछ ऐसा ही माहौल दिखाई दे रहा है. हालांकि लोग उतने परेशान नहीं हो रहे हैं. जितना 2016 की नोट बंदी के दौरान हुए थे.

वाराणसी के बाजारों में 2000 रुपये के नोटों का आया बूम.

मार्केट मंदी के दौर से बढ़ चुका है आगे: चार्टर्ड अकाउंटेंट जय प्रद्ववानी का कहना है कि आरबीआई द्वारा 2000 के नोट वापस लेने से हर तरीके से फायदा ही फायदा होने वाला है. 2000 के नोट ज्यादातर डंप पड़े थे, या कहें कि घरों से निकल नहीं रहे थे. अब ये नोट बाहर निकलकर मार्केट में आएंगे. इससे खरीदी बढ़ेगी, बिक्री बढ़ेगी. इससे इकॉनामी बूस्ट करेगी. इकॉनामी मंदी के दौर से आगे बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि डिजिटल ट्रांजैक्शन भी तेजी से बढ़ेंगे. क्योंकि एक बार पैसा बैंक में जमा हो जाता है तो लोग उसे जल्दी निकालते नहीं हैं. डिजिटल ट्रांजेक्शन लोंगो के लिए आसान होता है.

2000 के नोट से खरीदारी करने पर नहीं है पाबंदी:चार्टर्ड अकाउंटेंट जय प्रद्ववानी ने बताया कि 8 नवंबर 2016 की जो नोटबंदी थी, उसमें यह अनाउंस किया गया था कि 500 और 1000 के नोटों का अस्तित्व खत्म हो गया है. यह सिर्फ पेट्रोल, गैस और दवाओं जैसी सुविधाओं के लिए ही यूज कर सकते थे. 2000 के नोट से आप कोई भी सामान खरीद सकते हैं. इसे अभी तत्काल बंद नहीं किया गया है. आप इससे कोई भी खरीदारी कर सकते हैं. ये नोटबंदी नहीं कही जा सकती है. इसे आप 30 सितंबर तक बैंक में जमा कर सकते हैं. बाजार में लोगों के पास 2000 के नोट भी नहीं है.

हवाला कारोबारियों को बड़ा नुकसान:चार्टर्ड अकाउंटेंट जय प्रद्ववानी ने बताया कि दिक्कत उन लोगों को आएगी, जिन्होंने अपने पास करोड़ों-अरबों रुपये रखे हुए हैं. 2000 की गड्डियां जिनके घरों में रखी हुई हैं. इसके साथ ही हवाला वालों को भी नुकसान होना तय है. इस फैसले के बाद ऐसा भी हुआ कि हवाला के कुछ रुपये जा रहे थे. लेकिन, जब पता चला कि 2000 के नोट अब नहीं चलेंगे तो वो हवाला का पैसा रुक गया. उसे कोई लेने को तैयार नहीं है. इस फैसले के बाद जो लोग गलत काम कर रहे थे. वे सभी फंसे हुए हैं. आम जनता को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.

मार्केट में बढ़ा कैश फ्लो, इकॉनामी में आया बूम:सीए मुस्कान ने बताया कि मार्केट में तब बूम आता है, जब पैसों का फ्लो ज्यादा हो जाता है. मार्केट में पैसों का एक्सचेंज ज्यादा होने लगता है. 500 के नोट तो एक्सचेंज हो रहे थे. 2000 के नोट जमा करना अनिवार्य हो गया है. अब इससे जिनके पास ये रुपये रखे हुए थे. जो यूज नहीं कर रहे थे, अब वो निकलकर मार्केट में आ रहे हैं. क्योंकि उन्हें इसे खपाना या खर्च करना ही है. मार्केट में ज्वैलरी की खरीद, कपड़ों की सेल काफी बढ़ गई है. मार्केट में जितना ज्यादा पैसा आएगा उतना ही मार्केट को बूम मिलेगा.

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Last Updated :May 25, 2023, 10:01 AM IST

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