उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में हिंदू पक्ष ने कैविएट पिटीशन की दायर, सुनवाई से पहले तैयारियां शुरू

By

Published : Sep 14, 2022, 5:07 PM IST

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में हिंदू पक्ष ने हाईकोर्ट पहुंचकर मुस्लिम पक्ष से पहले कैविएट पिटीशन दायर कर दी. वहीं, इस प्रकरण को लेकर 22 सितंबर को होने वाली सुनवाई से पहले हिंदू पक्ष ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.

etv bharat
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले (Gyanvapi Shringar Gauri Cases) में 7 नियम 11 के तहत मामले की पोषणीयता को लेकर चल रही बहस में हिंदू पक्ष को बड़ी जीत मिली है. वहीं, मामला पोषणीय मानते हुए कोर्ट ने श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन याचिका को स्वीकार करते हुए इसे नियमित रूप से सुनने का आर्डर पिछले दिनों दिया है, लेकिन इस फैसले से नाखुश मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट पहुंचने की बात कही थी. इसके पहले ही हिंदू पक्ष ने बुधवार को प्रयागराज हाईकोर्ट (High Court) में कैविएट पिटिशन दाखिल की है. इसके मुताबिक हिंदू पक्ष ने कोर्ट से अपील की है कि इस पूरे मामले में मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोई भी याचिका आती है, तो उसमें पहले हिंदू पक्ष को सुना जाए, ताकि चीजें स्पष्ट हो सकें.

वहीं, वाराणसी में भी इस प्रकरण को लेकर 22 सितंबर को होने वाली सुनवाई से पहले हिंदू पक्ष ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. कमीशन की पिछले दिनों बैठक हुई थी. इस दौरान नीचे तहखाना और अंदर एक शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है. इसके बाद अब हिंदू पक्ष 22 सितंबर की सुनवाई में तहखाने की वीडियोग्राफी कराने की मांग रखने जा रहा है. इसके अलावा हिंदू पक्ष अंदर मिले वजू खाने के स्थान वाले शिवलिंग और परिसर की कार्बन डेटिंग और पुरातत्व सर्वेक्षण की मांग की भी तैयारी कर रहा है.

इस बारे में वादी पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया है कि 22 सितंबर को होने वाली सुनवाई से पहले मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट पहुंचकर पोषणीयता पर जिला जज न्यायालय के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही थी, लेकिन इसके पहले आज हिंदू पक्ष की तरफ से एक याचिका हाईकोर्ट में दायर कर दी गई है. इसे कैविएट पिटिशन(caveat petition) कहा जाता है.

पढ़ेंः ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में मुस्लिम पक्ष से पहले हिंदू पक्ष पहुंचेगा हाई कोर्ट, यह है रणनीति

विष्णु शंकर जैन का कहना है कि हमने न्यायालय से मांग की है कि कोई भी याचिका यदि मुस्लिम पक्ष की तरफ से दाखिल की जाती है, तो पहले हमें सुना जाए और उसकी कॉपी हमें उपलब्ध करवाई जाए ताकि हम यह स्पष्ट देख सके कि जिस मामले में जिला न्यायालय ने फैसला दिया है उसके बाद इनका क्या कदम है और हम आगे क्या करेंगे.

वहीं, वाराणसी में 22 सितंबर को सुनवाई शुरू होने से पहले वादी पक्ष के वकील एक और तैयारी में जुट गए हैं. वादी पक्ष की महिलाओं के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि इस पूरे प्रकरण में हम ज्ञानवापी परिसर में मिले तहखाने के अंदर वीडियोग्राफी और कमीशन कार्यवाही की पुनः मांग करेंगे. इसे लेकर हमने पहले ही याचिका दायर कर रखी है और इसी पर हम अपनी बहस को आगे बढ़ाएंगे.
इसके अतिरिक्त हरि शंकर और विष्णु जयंत कार्बन डेटिंग और पुरातत्व सर्वेक्षण की बात पहले ही कह चुके हैं. यानी कुल मिलाकर 22 सितंबर से शुरू होने जा रही सुनवाई से पहले ही एक नई प्लानिंग के साथ हिंदू पक्ष कोर्ट के सामने प्रस्तुत होने की तैयारी कर चुका है.

हिंदू पक्ष का कहना है कि ऊपर वजू खाने में जो शिवलिंग मिला है, वह अर्जी में है उसका अरघा नीचे मौजूद तहखाने में है और अगर वीडियोग्राफी के दौरान स्पष्ट हो जाता है तो इससे बड़ा साक्ष्य कोई हो ही नहीं सकता. इसके अलावा तहखाने के अंदर बहुत से हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां और अन्य ऐसी चीजें मौजूद हैं जो वीडियोग्राफी के दौरान सामने आ जाएंगे तो सब दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. इस वजह से हम कोर्ट से यह मांग करेंगे कि जल्द से जल्द इस स्थान की वीडियोग्राफी संपन्न कराई जाए ताकि चीजें और भी साफ हो सकें.

पढ़ेंः ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में पीएफआई ने जताई नाराजगी, लेटर जारी कर कही यह बात

ABOUT THE AUTHOR

...view details