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पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी के शिल्पकारों से किए वादे सीएम योगी नहीं कर पाए पूरे

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Published : May 5, 2023, 4:31 PM IST

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के शिल्पकारों से किए वादे को अब तक सीएम योगी पूरा नहीं कर सके हैं. आखिर वह वादे कौन से हैं चलिए जानते हैं इस खास खबर के जरिए.

Etv bharat
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वाराणसीः पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के शिल्पकारों से किए वादे को अब तक सीएम योगी पूरे नहीं कर सके हैं. बनारस के शिल्प का डंका यूं तो पूरे विश्व में बजता है और खुद पीएम मोदी भी इसका जगह-जगह प्रचार प्रसार करते हैं. वह अपने संसदीय क्षेत्र के शिल्पकारों, काश्तकारों को एक नई पहचान देते हुए नजर आए है. इस पहचान को और मजबूत बनाने के लिए सीएम योगी ने बनारस में फ्लैटेड इंडस्ट्री शुरू करने का वादा किया था.

काशी के हस्तशिल्प को देश और दुनिया में काफी पसंद किया जाता है.
छोटे-मझोले उद्यमियों और शिल्पकारों के लिए फ्लैटेटड इंडस्ट्री की शुरुआत की जानी थी. इसके लिए बकायदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा भी किया था. मगर यह योजना सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई है. इसको लेकर वाराणसी में तमाम सवाल उठ रहे हैं, जबकि अधिकारी इसपर अपनी सफाई भी दे रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि इस पर काम चल रहा है. शासन स्तर से भी इस पर ध्यान दिया जा रहा है.
बनारस के शिल्प का डंका पूरे विश्व में बजता है.
करीब 2000 से अधिक शिल्पकारों और उद्यमियों को फायदा अधिकारियों के मुताबिक चांदपुर इंडस्ट्रियल एरिया में करीब पांच मंजिला इमारत में फ्लैटेड इंडस्ट्री लगनी थी. इसमें अलग-अलग इकाइयों का संचालन किया जाना था. करीब 50 से अधिक इकाइयां एक ही भवन में संचालित की जातीं. वहीं एक इकाई लगाने के लिए करीब 2 हजार स्क्वायर फीट की जगह रखी गई थी. इस बिल्डिंग में शिल्पकारों, बुनकरों को अच्छा रोजगार मिलता और उनके आय के स्रोत में इजाफा होता. आंकड़ों के मुताबिक करीब 2000 से अधिक शिल्पकारों और उद्यमियों को फायदा पहुंचता.कारीगरों-बुनकरों को है इस योजना का इंतजार इस मामले पर वाराणसी के कारीगरों का कहना है कि हमारे लकड़ी के बनाए खिलौने, काशी विश्वनाथ मंदिर की खूब डिमांड होती है. इस काम में फायदा भी है. अगर सरकार का यह प्लान शुरू हो जाता है तो हमारे लिए काफी फायदेमंद रहेगा. कारीगरों और शिल्पकारों का कहना है कि यह प्लान बहुत ही अच्छा है, लेकिन अभी एक साल बीत गए यह कागजों पर ही है. अगर यह वास्तविकता में शुरू हो जाता है तो शिल्पकारों और लकड़ी के कारीगरों की आय बढ़ेगी. वाराणसी में लोग हाथ की कारीगरी से बनी चीजों की अधिक मांग करते हैं.70 करोड़ की लागत से नए इमारत का होगा निर्माण उद्योग विभाग के मुताबिक फ्लैटेड इंडस्ट्री की लागत करीब 70 करोड़ है. इसके लिए एक ऐसी इमारत का निर्माण किया जाना था, जिसमें हर तरह के काम के लिए अलग फ्लैट हों. काम के हिसाब से फ्लोर को तैयार किया जाता और हर फ्लोर अलग-अलग काम के लिए निर्धारित रहता है. खिलौना, साड़ी, पीतल आदि के लिए अलग-अलग फ्लोर पर इंडस्ट्री की शुरुआत की जाती. उद्योग विभाग का कहना है कि अगर यह योजना सफल होती है तो फ्लैटेड इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया जाएगा.

'शासन की संस्तुति के बाद कर देंगे काम शुरू'
इस बारे में उद्योग उपायुक्त मोहन शर्मा से बात की गई. उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रपोजल बनाकर शासन को भेजा गया है. योजना काफी अच्छी है. शासन की तरफ से अभी संस्तुति नहीं आई है. संस्तुति आ जाए तब इस पर काम शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए भेजे गए प्रपोजल पर संस्तुति न मिलने के कारण ही काम रुका हुआ है. विभाग पूरी तरह से इस काम के लिए तैयार है. शासन की मंजूरी के बाद काम शुरू कर दिया जाएगा. फायर, बिजली समेत तमाम विभागों की एनओसी भी लेनी होगी.

नए भवन में इन चीजों की लगनी है इंडस्ट्री
फ्लैटेड इंडस्ट्री की शुरुआत के साथ ही कई वस्तुओं की इंडस्ट्री लगाने का प्लान है. उद्योग विभाग के मुताबिक इसमें बनारसी साड़ी के लिए हैंडलूम, पीतल उद्योग, लकड़ी का खिलौना, फैशन डिजाइनिंग, हैंडीक्राफ्ट, रेडीमेड गारमेंट्स, पावरलूम, पापड़-अचार, दरी, नक्काशी वर्क, प्रिंटिंग वर्क, होजरी वर्क, वॉल हैंगिंग, रंगाई डिजाइनिंग, जरदोजी आदि के काम शुरू किए जाने का प्लान है. विभाग का कहना है कि सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद जल्द से जल्द इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा.



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