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NEET Solver Gang Case: सॉल्वर गैंग के संपर्क में थे 25 कैंडिडेट्स

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Published : Oct 30, 2021, 2:14 PM IST

NEET-UG की परीक्षा बीते 12 सितम्बर को वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने त्रिपुरा की कैंडिडेट हिना विश्वास की जगह बीएचयू की बीडीएस की छात्रा जूली कुमारी को परीक्षा देते हुए गिरफ्तार किया था. पुलिस कमिश्नर ए.सतीश गणेश के निर्देशन में पुलिस तब से लेकर आज तक इस पूरे साल्वर गैंग की तह तक जाने के प्रयास में है.

पुलिस कमिश्नर ए.सतीश गणेश
पुलिस कमिश्नर ए.सतीश गणेश

वाराणसी: NEET-UG की परीक्षा बीते 12 सितम्बर को आयोजित की गई थी. वाराणसी के सारनाथ क्षेत्र स्थित एक स्कूल में भी इसका सेंटर था. जहां से वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने त्रिपुरा की कैंडिडेट हिना विश्वास की जगह बीएचयू की बीडीएस की छात्रा जूली कुमारी को परीक्षा देते हुए गिरफ्तार किया था. पटना की रहने वाली जूली के साथ परीक्षा केंद्र से उसकी मां बबिता भी गिरफ्तार की गई थी. बता दें की इस गैग का सरगना बिहार का नीलेश सिंह उर्फ PK अभी भी फरार है.

वहीं पुलिस कमिश्नर ए.सतीश गणेश के निर्देशन में पुलिस तब से लेकर आज तक इस पूरे साल्वर गैंग की तह तक जाने के प्रयास में है. इसी बीच जानकारी और गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने बिहार, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और ओडिशा के अन्य 24 कैंडिडेट को चिह्नित किया है. उनका विवरण और उनके परीक्षा फॉर्म से फिंगर प्रिंट के सैंपल लेकर परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को सूचना दे दी है.

इस सम्बन्ध में पुलिस कमिश्नर ए.सतीश गणेश ने बताया कि 25 कैंडिडेट्स सॉल्वर गैंग के संपर्क में थे.सभी का पूर्ण बायो डेटा तैयार कर NTA को सूचित किया गया. इनके रिजल्ट रोकने के लिए NTA के डायरेक्टर को रिपोर्ट भेजी गई है. वहीं, सभी के फिंगर प्रिंट के मिलान के लिए फॉर्म पर भरे सैंपल फिंगर प्रिंट प्राप्त किये गए. अगले कुछ समय के बाद अन्य प्रदेशों में विवेचना के लिए टीम्स भेजी जाएगी.

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सॉल्वर गैंग केस में आगे की कार्रवाई की रणनीति तैयार है. इसके साथ ही अदालत में इन सभी की अग्रिम जमानत के विरोध के लिए पुलिस ठोस सबूत एकत्र कर रही है. वहीं, उन्होंने कहा कि होनहार बच्चों का भविष्य खराब करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. इसलिए मुकदमे की विवेचना अतिरिक्त सतर्कता के साथ करते हुए साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं. जो भी आरोपी अभी तक गिरफ्तार नहीं हो सके हैं, ठोस साक्ष्यों के आधार पर ही पुलिस उनकी अग्रिम जमानत नहीं होने देगी.

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