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यूपी के इस मंदिर में लागू हुआ ड्रेस कोड, कटी-फटी जींस पहनकर आए तो नहीं मिलेगा प्रवेश

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Published : May 31, 2023, 8:31 PM IST

पश्चिम उत्तर प्रदेश के शामली जिले में स्थित पौराणिक धाम श्री मंदिर हनुमान टिल्ला के बाहर नोटिस लगाया गया है, जिसमें लिखा गया है कि मंदिर में छोटे वस्त्र, हॉफ पेंट, बर्मूडा, मिनी स्कर्ट, नाईट सूट, कटी-फटी जींस पहनकर आए तो प्रवेश नहीं मिलेगा. बाहर से ही भगवार के दर्शन करने होंगे.

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शामली के पौराणिक धाम श्री मंदिर हनुमान टिल्ला में लागू हुआ ड्रेस कोड

शामली: महाराष्ट्र के प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू किए जाने के बाद अब यूपी के प्रमुख मंदिरों में भी इसे लागू कर दिया गया है. शामली जिले के प्रमुख श्री हनुमान धाम मंदिर में भी हाफ पैंट, जींस, शॉर्ट ड्रेस पहनकर आने पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा. भक्तों को बाहर से ही भगवान के दर्शन करने होंगे. इसको लेकर पोस्टर भी मंदिर के बाहर चिपका दिए गए हैं.

शामली जिले का पौराणिक धाम श्री मंदिर हनुमान टिल्ला श्रद्धालुओं के लिए विशेष आस्था का केंद्र है. बताया जाता है कि यहां पर महाभारत के युद्ध में जाते समय भगवान श्रीकृष्ण ने बरनी के पेड़ों के नीचे विश्राम करते हुए युद्ध की तैयारियों को लेकर विचार विमर्श किया था. इस मंदिर को भगवान श्री हनुमान का सिद्ध पीठ भी कहा जाता है, जहां प्रत्येक मंगलवार को हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. इसके अलावा राजनीतिक हस्तियां और दूरदराज के राज्यों से भी लोग यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं, लेकिन अब इस मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है.

मंदिर के बाहर नगा नोटिस

मंदिर परिसर में लगाए गए पोस्टरः श्री मंदिर हनुमान धाम हनुमान टिल्ला प्रबंध समिति की ओर से मंदिर के मुख्य गेट के पास बोर्ड लगाया गया है, जिसमें श्रद्धालुओं से निवेदन किया गया है कि वे मर्यादित वस्त्रों के साथ ही मंदिर में प्रवेश करें. अमर्यादित छोटे वस्त्र, हॉफ पेंट, बर्मूडा, मिनी स्कर्ट, नाईट सूट, कटी-फटी जींस आदि पहनकर आने पर बाहर से ही दर्शन करने होंगे. यह निर्णय मंदिर समिति के पदाधिकारियों की सहमति के बाद लिया गया है.

प्राचीन कॉल से चले आ रहे नियमःधाम के मुख्य महंत और प्रधान सलिल द्विवेदी ने बताया कि 'इसमें कोई बुराई नही है. मंदिरों में दर्शन के लिए प्राचीन काल से नियम निर्धारित किए गए हैं. अब महिलाओं और पुरुषों के वस्त्रों पर पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव देखने को मिलता है, कई लोग मंदिरों को भी पिकनिक स्पॉट की तरह ट्रीट करने लगे हैं, ऐसे में मंदिर समिति द्वारा परिसर की शुचिता को बनाए रखने के लिए ड्रेस कोड संबंधित पोस्टर लगाए गए हैं. समिति के इस निर्णय का कहीं कोई विरोध नहीं है, बल्कि संभ्रांत लोग इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं.'

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