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जानिए रायबरेली की सदर विधानसभा सीट का सियासी लेखा-जोखा, 6 चुनाव से एक ही परिवार का कब्जा

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Published : Oct 8, 2021, 9:54 AM IST

उत्तर प्रदेश में आगामी 2022 विधानसभा चुनावों को देखते हुए राजनीतिक दलों में सरगर्मियां बढ़ गई हैं. नेताओ का दौरा शुरू हो चुका है. इसी कड़ी में रायबरेली में भी चुनावी सरगर्मियां साफ दिखाई पड़ रही हैं. रायबरेली जिले में 6 विधानसभाएं हैं, जिसमें से एक विधानसभा अमेठी लोकसभा सीट से आती है, लेकिन वो रायबरेली की विधानसभा है. आज हम जिले की सदर विधानसभा का सियासी हाल जानेगें.

6 चुनाव से एक ही परिवार का कब्जा
6 चुनाव से एक ही परिवार का कब्जा

रायबरेली:वैसे तो रायबरेली को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है. सदर विधानसभा से कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में कई बार जीत का स्वाद भी चखा. लेकिन, यहां के लोग इस जीत में भी कहीं न कहीं कांग्रेस के बजाय एक व्यक्ति विशेष का रोल मानते हैं. बताते चले कि 1993 विधानसभा चुनावों में इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर बाहुबली अखिलेश कुमार सिंह ने ताल ठोकी और जीत का स्वाद चखा. उसके बाद से लगातार वो इस सीट से चुनाव लड़ते रहे और जीतते भी रहे. फिर चाहे वो निर्दलीय लड़े या पीस पार्टी जैसे क्षेत्रीय पार्टी के सिम्बल पर, लोगों ने जीत का सेहरा उन्हें ही पहनाया.

सदर विधानसभा

अखिलेश कुमार सिंह ने इस सीट पर पांच बार विजय पताका फहराई है, जिसमे तीन बार वह कांग्रेस के टिकट पर तो एक बार निर्दलीय और एक बार पीस पार्टी से चुनाव लड़े और जीते.

2012 विधानसभा चुनावों की जीत के बाद उनका स्वास्थ्य गिरता गया और वो गम्भीर बीमारी से पीड़ित हुए तो 2017 में उन्होंने ये सीट अपनी बड़ी पुत्री अदिति सिंह को सौंप दी. अदिति ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए अपने प्रतिद्वंदी बसपा के प्रत्याशी को लंबे अंतराल से हराया. मौजूदा समय मे अदिति सिंह यंहा से विधायक है लेकिन कांग्रेस के टिकट पर जीत के आने के बाद उनका जुड़ाव मौजूदा भाजपा सरकार से होने के कारण उन्होंने सुर्खिया बटोरी.

अदिति सिंह, मौजूदा विधायक.
सदर विधानसभा के मतदाता रायबरेली सदर विधानसभा में मतदाताओं की बात करे तो यंहा 2017 चुनावों के अनुसार कुल मतदाता 3,46,370 हैं. जिसमें से 1,83,000 पुरुष और 1,63,359 महिला व 11 ट्रांसजेंडर हैं. सदर विधानसभा में जंहा 32 प्रतिशत के करीब दलित, 30 प्रतिशत पिछडों के साथ ही 12 प्रतिशत मुस्लिम व 26 प्रतिशत सामान्य हैं, लेकिन दलित व पिछडों की अधिकता होने के बावजूद भी पूर्व विधायक अखिलेश कुमार सिंह को न तो सपा और न ही बसपा कभी टक्कर दे पाई.
कुल मतदाता 3,46,370
पुरुष 1,83,000
महिला 1,63,359
ट्रांसजेंडर 11



चुनाव परिणाम

विधानसभा 2017 के परिणाम

नाम पार्टी मिले मत
अदिति सिंह कांग्रेस 128319
शाहबाज खान बसपा 39156
अनीता श्रीवास्तव भाजपा 28821

बता दें कि सपा ने इस चुनाव में कांग्रेस को समर्थन दिया था और अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था.



विधानसभा 2012 का परिणाम

नाम पार्टी मिले मत
अखिलेश कुमार सिंह पीइसीपी 75588
राम प्रताप यादव सपा 46094
अवधेश बहादुर सिंह कांग्रेस 35660
पुष्पेंद्र सिंह बसपा 18809




विधानसभा 2007 का परिणाम

नाम पार्टी मिले मत
अखिलेश कुमार निर्दलीय 76603
रुद्र प्रताप सिंह कांग्रेस 29892
राजीव कुमार सपा 16236
राम लौटन सिंह बसपा 11540


विधानसभा 2002 परिणाम

नाम पार्टी मिले मत
अखिलेश कुमार सिंह कांग्रेस 115869
राजीव कुमार सपा 20032
अरविंद सिंह एल जे एन एसपी 8327
राम नरायन बसपा 4941




इस सीट से लगातार जीत की पताका फहरा रहे सिंह परिवार को सिर पर एक बार फिर जीत का सेहरा सजेगा या हार का सामना करना पड़ेगा यह तो आगामी विधानसभा चुनावों के बाद ही पता चलेगा मगर इस सीट पर का सियासी संग्राम देखने वाला होगा, क्योंकि राजनीतक लहजे से मजबूत इस सीट पर कांग्रेस से जीती अदिति सिंह गाहे बगाहे कांग्रेस के खिलाफ ही बगावती तेवर दिखाती रहती हैं.


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